सोमवार, 28 जून 2021

आकाशीय बिजली ने ढाया कहर, चार बच्चे सहित 5 की मौत

 आम के बगीचे में हुई घटना,  गांव में पसरा मातमी सन्नाटा

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के बलवा हाट ओपी अंतर्गत सरोजा पंचायत के चकमका के वार्ड संख्या 11 में सोमवार दोपहर हुई मूसलाधार बारिश के दौरान एक आम के बगीचे में पेड़ के नीचे बारिश से बचने के लिए बैठे चार मासूम सहित एक वृद्ध महिला के ऊपर आकाशीय बिजली गिरने से पांचों की मौत हो गई। वही एक अन्य बच्चा जख्मी हो गया। जिसका इलाज जारी है.घटना के बाद गांव में कोहराम मच गया.घटना के संबंध में बताया जाता है कि सरोजा पंचायत के चकमका गांव में कुछ बच्चे मूंग के खेत मे थे और कुछ आम के बगीचे में आम चुन रहे थे। इसी दौरान सोमवार दोपहर दो बजे के करीब शुरू हुई मूसलाधार बारिश से बचने  के लिए चार बच्चे और एक वृद्ध महिला एक पेड़ के नीचे पॉलीथिन ओढ़ बैठ गए.तभी तेज गर्जन के साथ आकाशीय बिजली पेड़ पर गिरने से नीचे बैठे चार बच्चे एवं एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। इसी दौरान हो - हल्ला होने पर आसपास के ग्रामीणों द्वारा तीन मासूम को चकमका चौक स्थित निजी क्लिनिक में ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। वही एक मासूम एवं एक बुजुर्ग ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया। घटना में मरने वालों में स्व सुखदेव राय की पत्नी भोगिया देवी (70), सुरेंद्र राय की पुत्री मनीषा कुमारी (12), वीरन राय की पुत्री संगीता देवी (14), निरम राय की पुत्री सिमल कुमारी (7), सकड़ा पहाड़पुर निवासी कैलाश राय के पुत्र बादल कुमार (12) शामिल है.वही एक बच्चा विमल कुमार घायल हो गया। वही घटना की जानकारी मिलने पर बलवा ओपी प्रभारी गुड्डू कुमार, बीडीओ मनोज कुमार, अंचलाधिकारी कृष्ण कुमार सिंह ने घटनास्थल पर पहुंच मामले की जानकारी ली और कागजी प्रकिया को पूर्ण किया।इस संबंध में बलवा ओपी प्रभारी ने बताया कि पांचों शवो को पोस्टमार्टम के लिए सहरसा भेजा जा रहा है।वही सीओ कृष्ण कुमार ने बताया कि सरकारी प्रावधान के अनुरूप मृतक के परिजनों को चार - चार लाख रुपये आपदा राहत कोष से दी जायेगी।

गुरुवार, 17 जून 2021

4 MLC, एक MLA की सीट के JDU के ऑफर पर बगावत को तैयार हुए पारस, सूरजभान के जरिए हुआ बगावत

 

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में पिछले 4 दिनों से जो कुछ भी चल रहा है, इसकी पूरी पटकथा पिछले 5 महीने से लिखी जा रही थी। इसे लिखने वाले जनता दल यूनाइटेड (JDU) के शीर्ष नेता हैं। उन्होंने ही जातीय आधार पर बाहुबली और LJP के पूर्व सांसद सूरजभान सिंह को अपने भरोसे में लिया।

इनके जरिए ही JDU के नेता एक-एक सीढ़ी चढ़ते हुए दिवंगत रामविलास पासवान के भाई व चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस तक पहुंचे। अंदर ही अंदर बातों और मुलाकातों का दौर चला। फिर जो कुछ हुआ, वो सबके सामने है।

भास्कर को जानकारी मिली है कि LJP से बगावत करने वाले सांसदों की JDU के शीर्ष नेताओं के साथ बातचीत के बाद एक बड़ा ऑफर तय हुआ है। बात बिहार के उच्च सदन की सीटों को लेकर है। इस बड़े ऑफर पर JDU आलाकमान की सहमति भी मिल चुकी है।

LJP के सभी बागियों के हिस्से एक-एक MLC सीट आएगी---



बंद कमरे के अंदर हुई जिस ऑफर की जानकारी भास्कर को मिली है, उसके मुताबिक LJP में बगावत करने वाले 4 सांसदों के खाते में MLC की एक-एक सीट और एक सांसद के खाते में MLA की एक सीट जाएगी।


चिराग पासवान को जिस पर था विश्वास, उसने ही दगा दिया---

LJP से जुड़े सूत्र बताते हैं कि चिराग पासवान को अपने चाचा से ज्यादा विश्वास सूरजभान सिंह पर था। JDU नेतृत्व के संपर्क में आने के बाद सूरजभान का मन बदल गया। वो उनके रंग में रंगते चले गए। अंदर ही अंदर LJP की जड़ों को काटने में जुट गए, जिसमें उन्हें सफलता भी मिल गई।

पार्टी तोड़ने की कोशिश उस वक्त भी हुई थी, जब पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान जिंदा थे। हालांकि पार्टी टूटने के डर से वो सख्त कदम नहीं उठा पाते थे। इस वजह से चुनाव के टिकट बांटने के मामले में उन्हें सूरजभान सिंह और उनका साथ देने वाले नेताओं की बातों को जबरन मानना पड़ता था। चाचा पशुपति कुमार पारस और दिवंगत हो चुके सबसे छोटे चाचा रामचंद्र पासवान का भी यही हाल था।

चिराग पासवान अपने पिता के बिल्कुल विपरीत हैं। वो सख्त फैसले लेना जानते हैं। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने टिकट बंटवारे में किसी को हस्तक्षेप नहीं करने दिया था। इस कारण पशुपति कुमार पारस, प्रिंस राज और सूरजभान समेत इनके गुट के नेताओं ने कहीं भी पार्टी की तरफ से प्रचार-प्रसार नहीं किया। अगर इनका साथ मिला होता तो शायद नतीजों में LJP की हालत बेहतर होती।


LJP के दलित वोट बैंक पर है JDU की नजर---

बिहार में दलित वोट बैंक पर पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान का कब्जा सबसे अधिक था। इस कारण चिराग पासवान गुट वाले LJP नेता मानते हैं कि अभी भी दलित वोट बैंक सबसे अधिक उनके पक्ष में है। इस बात का सबूत बीते साल के विधानसभा चुनाव का रिजल्ट है, जिसमें LJP को करीब 25 लाख वोट मिले थे। इसमें सबसे अधिक वोट दलित और महादलित के ही थे। JDU को यही बात हजम नहीं हो रही है।

चिराग पासवान ने पहले से ही बिहार सरकार के खिलाफ बिगुल फूंक रखा है। सरकार की नीतियों का लगातार विरोध करते रहे हैं। राज्य के लॉ एंड ऑर्डर को लेकर भी सवाल उठाते रहे हैं। पार्टी में बगावत होने के बाद बुधवार को चिराग पासवान ने जब दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस की तो सीधे तौर पर JDU के नेताओं पर निशाना साधा। स्पष्ट कहा कि था कि उनकी पार्टी को JDU नेताओं ने ही तोड़ा है। बुधवार की शाम पटना आने के बाद पशुपति कुमार पारस और JDU नेता जय कुमार सिंह के बीच मुलाकात भी हुई थी।

JDU ने कहा- यह सब अफवाह---

हालांकि इस डील पर JDU की ओर से कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। JDU के मुख्य प्रवक्ता MLC संजय सिंह ने इस तरह की किसी भी डील से इनकार किया है। उन्होंने भास्कर से कहा कि LJP में जारी प्रकरण से JDU का कोई लेनादेना नहीं है। इस तरह की जो भी बातें कही जा रही हैं, वह कोरी अफवाह है। इनपुट---दैनिकभास्कर

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