रविवार, 11 फ़रवरी 2018


तीन तलाक के खिलाफ केंद्र के कानून के खिलाफ मुश्लिम महिला उतरेंगी सड़क पर
महेंद्र प्रसाद, सहरसा
केंद्र सरकार के द्वारा बनाया गया तीन तलाक के खिलाफ मुश्लिम महिलाये सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगी, एवं केंद्र सरकार के कानून का विरोध करेगी।
आगामी 22 फरवरी को मुश्लिम महिला का विशाल जुलुश निकलेगा। ये  स्टेट स्थित जामा मस्जिद में अनुमंडल के तीनों प्रखंड के मुसलमान का एक बैठक हुआ। स्टेट जामा मस्जिद के मौलाना सैयद साजिद अशरफ की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। जिसमे 22 फरवरी को केंद्र सरकार के द्वारा तीन तलाक बिल के विरोध में महिलाओं की जुलूस की सफलता को लेकर विचार विमर्श किया गया।बैठक में केंद्र सरकार द्वारा तीन तलाक पर नये कानून बनाने का प्रयास का विरोध करते हुए उसे असंवेधानिक बताया। इस अवसर पर मौलाना आफाक असरफ अहमदी, एवं कारी अब्दुल गफ्फार नक्शबंदी ने सभी भेदभाव समाप्त कर एक जुट होकर केंद्र के इस प्रयास का विरोध करने पर जोर दिया।इमारत शरिया पटना के मुप्ति सईद उर्रहमान कासमी ने कहा कि अल्लाह का कानून कयामत तक के लिये है। उसमें कोई बदलाव नही हो सकता। तीन तलाक का जो भारतीय संविधान द्वारा जो धार्मिक स्वतंत्रा दी गयी है इसके भी विरुद्ध है। आइम्मा मस्जिद के अध्यक्ष हाफिज मुमताज रहमानी ने बताया कि सिमरी बख़्तियारपुर में मुश्लिम महिलाओ का एक जुलुश 22 फरवरी को बख़्तियारपुर स्टेट से अनुमंडल पहुचकर अनुमंडल पदाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री को एक आवेदन दिया जायेगा। बैठक में हाफिज मुमताज रहमानी, मुप्ति फैयाज कासमी, मौलाना रिजवान कादरी, मौलाना जियाउद्दीन नदवी, मौलाना काजिम अशरफी, सैयद रजा अशरफ, सैयद अमीन अशरफ, हाफिज फिरोज आलम, मौलाना मंजूर आलम, मौलाना अकबर अशरफी, जावेद अख्तर अशरफी, गुलाम फखरुद्दीन, शमीम अनवर, मौलाना ताज उद्दीन कासमी, मौलाना अयूब कासमी, हाफिज शकील, मौलाना फिरोज, हाफिज नईम, सोहेल अहमद, कारी रिजवान उपस्थित थे।

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