रविवार, 18 सितंबर 2022

पति ने जिंदा पत्नी का किया पिंडदान, जिंदा पत्नी को मृत मानकर कर दिया पिंडदान

पत्नी के प्रताड़ना से तंग एवं अन्य कई कारण से जिंदा पत्नी का पति के द्वारा किया गया पिंडदान अपने आप में अनोखा

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



 इन दिनों पितृपक्ष और श्राद्ध का महीना चल रहा है, जहां लोग अपने मृत परिजनों का पिंडदान करते हैं। पितरों का पिंडदान इसलिए किया जाता है, ताकि उनकी पिंड की मोह माया छूटे और वो आगे की यात्रा प्रारंभ कर सके। इसी पितृपक्ष के मौके पर मुंबई में बानगंगा टैंक के किनारे कई लोगों ने अपनी जिंदा पत्नियों का पिंडदान किया।  ये सभी ऐसे पत्नी पीड़ित पति थे, जिनका या तो तलाक हो चुका है या फिर मामला कोर्ट में लंबित है। इसी मौके पर मुंबई में एक अनोखा नजारा देखने मिला, जहां करीब 50 पत्नी पीड़ित पतियों ने अपनी जिंदा पत्नियों का पिंडदान किया।

इन सभी लोगों ने शादी की बुरी यादों से छुटकारा पाने के लिए पूरे विधि विधान के साथ अपनी जिंदा पत्नियों का पिंडदान किया। इनमें से एक शख्स ने मुंडन भी कराया, तो बाकियों ने सिर्फ पूजा में हिस्सा लिया। दरअसल ये कार्यक्रम पत्नी पीड़ित पतियों की संस्था वास्तव फाउंडेशन की तरफ से मुंबई में आयोजित किया गया था। वास्तव फाउंडेशन के अध्यक्ष अमित देशपांडे का कहना है कि ये पिंडदान इसलिए किया गया है, क्योंकि ये सभी लोग अपनी पत्नियों के उत्पीड़न से परेशान थे।  इनमें से ज्यादातर ऐसे लोग हैं, जिनका या तो तलाक हो चुका है या फिर वो अपनी पत्नी को छोड़ चुके है। मगर उनकी बुरी यादें अभी भी उन्हें परेशान कर रही हैं, इन्ही बुरी यादों से मुक्ति के लिए ये आयोजन किया गया है।

बुरी यादों से छुटकारा पाने के लिए किया पिंडदान:

वहीं पिंडदान करने वाले पतियों का मानना है की महिलाएं अपनी आजादी का फायदा उठाकर उनका शोषण करती हैं, लेकिन उनके आगे पुरुषों की सुनवाई नही होती है।  अपनी पत्नियों के साथ उनका रिश्ता एक तरह से मर गया है, इसलिए पितृपक्ष के मौके पर ये पिंडदान किया गया है, ताकि बुरी यादों से उन्हें छुटकारा मिल सके।  हर साल वास्तव फाउंडेशन इस तरह का आयोजन अलग अलग शहरों में करवाता है। ताकि ऐसे पीड़ित पति जो अपनी पत्नियों के उत्पीड़न को भुला नही पा रहे हैं और अपने बुरे रिश्ते को ढोने को मजबूर हैं उससे इन्हें निजात दिलाई जाए। इनपुट: एबीपी न्यूज़ 

गुरुवार, 8 सितंबर 2022

तीन बच्चे के बाप ने रचाया दो बच्चे की मां से शादी, पहली पत्नी बच्चे के साथ पहुंची थाना, पति को भेजिए जेल

तीन माह से लापता पति को खोजने के लिए पत्नी खर्च कर दी बीस हजार, मिला तो शौतन थी साथ

कोशी बिहार टुडे, सहरसा 



तीन माह पहले प्रदेश कमाने गए पति को खोजने में आवास योजना से मिले बीस हजार रुपए खर्च कर दी एक तीन बच्चे की मां, जब पति मिला तो उसके साथ शौतन देख पीड़िता पुलिस से गुहार लगाने बख्तियारपुर थाना पहुंच गई। इस संबंध में लिखित आवेदन देकर पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है। 

घटना के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार मधेपुरा जिला के पुरैनी थाना क्षेत्र के कुर्रसंडी दियारा निवासी उपेन्द्र पासवान की पुत्री उषा देवी की शादी करीब दस साल पहले बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के सिटानाबाद वार्ड नं एक जमेदार पासवान के पुत्र जीतू पासवान के साथ हुआ था। शादी के बाद इस दम्पत्ति को दो पुत्र एवं एक पुत्री हुआ। 

पति कमाने अन्य प्रदेश आया जाया करता था। तीन माह पहले पत्नी व बच्चों के साथ प्रदेश कमाने गया। वहीं पत्नी को अपने मां के पास छोड़ पति दुसरे जगह कमाने चला गया। कुछ दिनों तक पति से सम्पर्क नहीं होने पर पत्नी वापस सिटानाबाद आ गई। यहां बच्चों के साथ जीवन बसर करने लगी। कुछ दिनों तक पति से सम्पर्क नहीं होने पर पत्नी उषा देवी ने पति को खोजने के करीब बीस हजार रुपए खर्च कर दी। 

चार दिन पहले पति के संबंध में जानकारी प्राप्त हुआ तो उषा देवी भौचक रह गई। पति ने सहरसा के आरण बिशनपुर निवासी सुनीता देवी नामक महिला से दुसरी शादी कर उसके साथ रहने लगी। उषा देवी ने बताया कि वह महिला भी शादी शुदा है उसको भी पति व बाल बच्चे है। उषा देवी ने पुलिस को कहा हुज़ूर मेरे रहते शौतन लाया है, ना ही मुझे खर्चा पानी देखा है मुझे इंसाफ दिलाएं। 

इस संबंध में बख्तियारपुर थाना के प्रभारी थानाध्यक्ष महेश रजक ने बताया कि आवेदन प्राप्त हुआ है मामले की छानबीन की जा रही है।

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