मिनी बाबाधाम मटेश्वर धाम में सावन को लेकर जोर-शोर से तैयारी, कांवरियों के स्वागत को प्रशासन सजग
कोशी बिहार टुडे, सहरसा
प्रखंड के बलवाहाट क्षेत्र स्थित मिनी बाबाधाम के रूप में विख्यात श्री श्री 108 बाबा मटेश्वर धाम में आगामी 14 जुलाई से शुरू हो रहे श्रावणी मेले को लेकर तैयारियाँ जोरों पर हैं.आस्था का यह प्रमुख केंद्र हर साल सावन में लाखों भक्तों की भीड़ जुटाता है. यही नहीं, इसकी विशेषता है कि यहां स्थापित अद्भुत शिवलिंग स्वयंभू माना जाता है, जो 14वीं शताब्दी का है.
अद्भुत शिवलिंग की विशेषता
मटेश्वरधाम का शिवलिंग काले पत्थर का है, जिसकी ऊंचाई ढाई फीट और मोटाई करीब चार फीट है.शिवलिंग के चारों ओर से एक इंच की खाली परिक्रमा-पथ से घिरा है, और आश्चर्यजनक रूप से गर्मी में इसके चारों ओर पानी से भरा रहता है जबकि बारिश में जलस्तर नीचे चला जाता है. 2003 में शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती ने इस स्थान पर आकर कहा था कि "ऐसा अद्भुत शिवलिंग मैंने पहली बार देखा है."
कांवरियों की कठिन यात्रा
हर साल मुंगेर जिले के छर्रापट्टी घाट से गंगा जल लेकर कांवरिया करीब 80 किलोमीटर पैदल यात्रा कर बाबा मटेश्वर धाम तक पहुंचते हैं.रविवार की रात को विशेषकर लाखों डाकबम इस कठिन डगर से गुजरते हैं. यात्रा के मार्ग में खगड़िया जिले के हरदिया गांव से शुरू होकर कांवरियों को पत्थर-गिट्टी वाले रास्ते, चालू व रिटायर रेलवे पुल जैसे खतरनाक और दुर्गम रास्तों से गुजरना पड़ता है.कांवरियों को सबसे कठिन चुनौती सहरसा-मानसी रेलखंड के चार पुलों को पार करने में आती है, जिसमें बागमती नदी पर रिटायर पुल नंबर 51 सहित अन्य पुल शामिल हैं.
प्रशासनिक तैयारियां तेज
श्रावणी मेला को लेकर रविवार को मंदिर परिसर में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई.बैठक में न्यास समिति के अध्यक्ष पूर्व विधायक डॉ. अरुण कुमार यादव, एसडीओ आलोक राय, प्रशासनिक पदाधिकारी और कई श्रद्धालु मौजूद रहे.एसडीओ आलोक राय ने कहा कि इस बार मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेडिकल टीम, एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, रोशनी, पार्किंग, और बैरिकेडिंग की समुचित व्यवस्था की जा रही है. इसके अलावा कांवरियों की सुरक्षा हेतु महिला व पुरुष बल की तैनाती की जाएगी.प्रत्येक रविवार रात से ही पुलिस बल कांवरिया पथ पर मुस्तैद रहेगा.साथ ही खगड़िया जिला प्रशासन से समन्वय कर कांवरिया मार्ग को सुरक्षित और सुगम बनाया जाएगा.
डॉ. अरुण यादव ने बताया कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए हर स्तर पर प्रशासन और समिति एकजुट होकर काम कर रहे हैं.
ये रहे मौजूद
हर वर्ष सावन के महीने में बाबा मटेश्वर धाम श्रद्धा, आस्था और कठिन तपस्या का प्रतीक बन जाता है. कठिन डगर होने के बावजूद कांवरियों की भक्ति देख प्रशासन भी सजग हो गया है. इस वर्ष मेला ऐतिहासिक और सुरक्षित दोनों बनाने का संकल्प लिया गया है.इस मौके पर सचिव जगधर यादव, मटेश्वर धाम श्रावणी मेला के संस्थापक मुन्ना भगत, बलवाहाट थानाध्यक्ष मनीष कुमार, प्रमुख शबनम कुमारी, भोलेन्द्र राय, रविन्द्र पौद्दार, रामोतार यादव, जितेन्द्र सिंह, धर्मवीर सिंह, ब्रह्मदेव तांती,अरविंद यादव, अमरेन्द्र गुप्ता, विंदल यादव सहित अन्य मौजूद थे.
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