बुधवार, 11 जुलाई 2018

सीआरसी कार्यालय में है माफिया तत्व सक्रिय, शिक्षा पर लगा रहा है ये लोग बदनुमा दाग
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के एक वायरल वीडियो में कबूलनामा
महेंद्र प्रसाद, सहरसा

शिक्षा विभाग में माफिया का राज है। सिमरी बख्तियारपुर बीआरसी कार्यालय में सक्रिय माफिया तत्व इस तरह के कार्य को अंजाम दे रहा है। ये बात खुद बीइओ ने एक स्कूल के निरीक्षण में ये बात कबूली। बीइओ ने खुद स्वीकार किया कि बीआरसी में माफिया तत्व सक्रिय है जो बडे पैमाने पर उर्दू बच्चे की बिभिन्न स्कूलों फर्जी नामांकन दिखाकर शिक्षक यूनिट स्वीकृत कराया एवं उक्त स्कूलों में शिक्षक की बहाली हुई है। 

मामले के उदभेदन एनपीएस रसूलाबाद से हुआ---
रायपुरा पंचायत के एपीएस रसूलाबाद में वर्ष 16 में एक उर्दू शिक्षक का नियुक्ति हुई। ग्रामीण केशव चोधरी सहित दर्जनों ग्रामीणों ने इस मामले को उठाया कि जब इस विद्यालय ने एक भी उर्दू बच्चे नामांकित नही है तो फिर उर्दू शिक्षक का यूनिट कैसे स्वीकृत हुआ। इस मामला को लेकर रसूलाबाद के ग्रामीण ने डीईओ, बीइओ एवं एसडीओ को आवेदन देकर करवाई की मांग किया। इसी आवेदन के आलोक में जब बीइओ डॉ अशोक कुमार एनपीएस रसूलाबाद जांच करने पहुचे तो कई बात का खुलासा किया। इसी विदयालय में वायरल वीडियो में खुद बीइओ ने कबूला की वर्ष 14 में बीआरसी में सक्रिय माफिया तत्व ने उर्दू बच्चे की फर्जी नामांकन दिखा स्कूल में शिक्षक पद स्वीकृत करा लिया एवं शिक्षक की बहाली हो गया। रसूलाबाद तो एक बानगी है। इस तरह के फर्जी उर्दू बच्चे का नामांकन कई विद्यालयों में दिखाया गया है। जिनमे अधिकांश एनपीएस विदयालय है। वायरल वीडियो में बीइओ खुद इस बात का कबूल कर रहा है कि जिस समय बच्चे का सूची भेजा जा रहा था उस समय हम बीइओ नही थे।
 सूची वर्ष 14 में बिभिन्न विडलाय से भेजा गया। जिनमे कोसी तटबन्ध के अंदर एनपीएस सिमरटोका, एनपीएस रंगिनिया सहित कई विडलाय में बच्चे की फर्जी नामांकन दिखाकर शिक्षक की आवश्यक्ता बतायी है। इसी बच्चे की फर्जी नामांकन दिखा सूची भेजी गयी एवं उर्दू यूनिट स्वीकृत हुआ।

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