रविवार, 4 मई 2025

नप द्वारा निकाले गए निविदा पर संवेदकों ने उठाया सवाल स्पेशल कंडीशन पर जताई आपत्ति,

 निविदा में पूर्व से सांठगांठ का आरोप लगाकर दर्जनों संवेदक ने दिया आवेदन

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



 नगर परिषद सिमरी बख्तियारपुर द्वारा 24 अप्रैल को शहर के विभिन्न हिस्सों में करोड़ों की लागत से विभिन्न प्रकार की 56 विकास योजनाओं की निविदा आमंत्रित किया है। निकाले गए निविदा पर आधा दर्जन संवेदकों ने आपत्ति जताते हुए निविदा में व्यापार अनुज्ञप्ति की अनिवार्यता पर सवाल खड़ा करते हुए विभाग के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर निविदा रद्द करने की मांग करते हुए निविदा से स्पेशल कंडीशन को हटाने की मांग की है। 

संवेदक बख्तियारपुर बस्ती निवासी एस.एस कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर मो. शब्बीर आलम, एसजी कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर मो.हारिस, संवेदक गुलिस्तां प्रवीण, मो. फुरकान आदि ने भेजे पत्र में कहा है कि नगर परिषद प्रशासन द्वारा निकाले गए निविदा में एक  विशेष संवेदक  को लाभ पहुंचाने की नियत से स्पेशल कंडीशन की शर्त रखी गई है जबकि बिहार सरकार के नियमावली के तहत चतुर्थ श्रेणी के निविदा में कोई इस तरह की शर्ते का जिक्र  संबंधित विभाग द्वारा नहीं लगाया जा सकता। 



इसके बावजूद कार्यालय नगर परिषद सिमरी बख्तियारपुर के निविदा आमंत्रण सूचना संख्या-01/2025-26 में भाग लेने के लिए व्यापार (ट्रेड) अनुज्ञप्ति अनिवार्य किया गया है जो गलत हैं। संवेदक मो. शब्बीर आलम ने बताया कि उन्होंने ट्रेड अनुज्ञप्ति नवीनीकरण के लिए जनवरी माह में ही आवेदन दिया था, लेकिन कार्यालय आज तक हमारे ट्रेड अनुज्ञप्ति का नवीनीकरण कर नहीं दिया। जान बुझ कर नप प्रशासन कुछ संवेदकों को लाभ पहुंचाने की नियत से सब कुछ कर रहा है, ताकि टेंडर को मैनेज कर बंदरबांट किया जा सके। 

यहां बताते चलें कि नगर प्रशासन ने जो निविदा निकाली है उसमें निविदा अपलोड करने की अंतिम तिथि 9 मई को संध्या 3 बजे तक निर्धारित किया गया है। निविदा खोलने का समय अगले दिन 10 मई रखी गई है। बता दें कि निवर्तमान ईओ का तबादला उपरांत विभाग ने नवपदस्थापित ईओ के रूप में सहरसा नगर निगम के सहायक आयुक्त को प्रभार सौंपा है।  उन्होंने कार्यालय पहुंच चार्ज भी ग्रहण कर लिया है। अब इस नए कार्यपालक पदाधिकारी को इस तरह की समस्या से समाधान करना होगा। 

वहीं पुरे मामले पर नवपदस्थापित ईओ अरविंद सिंह से जानकारी लेने की कोशिश की गई तो मोबाइल स्विच ऑफ पाया गया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

गुमनामी से प्रसिद्धि तक: बाबा मटेश्वर धाम की आस्था व संघर्ष की 20 साल की गौरवगाथा

1अगस्त 2005 को कांवरिया एवं 31 अगस्त 1997 को डाक बम को हुई थी शुरुआत 🖋 रिपोर्ट: महेंद्र प्रसाद, सिमरी बख्तियारपुर कोशी बिहार टुडे, सहरसा, 1...