रविवार, 31 अगस्त 2025

सिमरीबख्तियारपुर में सात सितंबर को भव्य रूप से मनाया जाएगा बलभद्र पूजा

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद व पूर्व सांसद रमा देवी होंगे शामिल

कोशी बिहार टुडे 



 नगर परिषद क्षेत्र के हाई स्कूल मैदान पर आगामी सात सितंबर को धूमधाम से बलभद्र महोत्सव मनाया जाएगा। इसको लेकर कलवार समाज तैयारी में जुट गई है। बीते दिनों कार्यक्रम को लेकर बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें कई महत्वपूर्ण चर्चा हुई। बैठक में कार्यक्रम की रूप रेखा तैयार की गई। आयोजित कार्यक्रम को लेकर आयोजक कमेटी से ने बताया कि 7 सितंबर रविवार को हाई स्कूल मैदान पर कुलदेवता भगवान बलभद्र की पूजा अर्चना की जाएगी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, पूर्व सांसद रमा देवी शामिल होंगे। कमेटी के सदस्यों ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि शोभा यात्रा से कार्यक्रम का आगाज होगा। जिसके बाद बलभद्र भगवान की पूजा अर्चना की जाएगी। पूजा अर्चना के बाद वहां मौजूद श्रद्धालुओं के बीच भंडारे का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन होगा। कार्यक्रम के समाप्ति के बाद प्रतिमा विसर्जन किया जाएगा। 

शनिवार, 9 अगस्त 2025

कब्रिस्तान विवाद के बाद बलवाहाट थाना में शांति समिति की बैठक, सभी पक्षों ने सौहार्द बनाए रखने का अपील

 कब्रिस्तान की जमीन की जांच के लिए बनेगा कमिटी, जांच रिपोर्ट के बाद आगे की होगी करवाई


कोशी बिहार टुडे, सहरसा 

बलवाहाट थाना में कब्रिस्तान विवाद को लेकर शांति समिति की बैठक

बलवाहाट थाना क्षेत्र अंतर्गत खोजूचक के समीप स्थित कब्रिस्तान के पास शव दफनाने को लेकर गुरुवार को दो समुदायों के बीच उत्पन्न हुए विवाद को समाप्त करने और आपसी भाईचारे को बनाए रखने के उद्देश्य से शुक्रवार को बलवाहाट थाना परिसर में शांति समिति की अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता अनुमंडल पदाधिकारी आलोक राय ने किया। बैठक में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मुकेश कुमार ठाकुर, अंचलाधिकारी शुभम वर्मा, पुलिस निरीक्षक मोहम्मद सुजाउद्दीन, थानाध्यक्ष मनीष कुमार, सांसद प्रतिनिधि रितेश रंजन सहित प्रशासनिक पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि, समाजसेवी और दोनों समुदायों के वरिष्ठ नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद रहे। इस मौके पर एसडीओ आलोक राय ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक सौहार्द और शांति बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने सभी पक्षों से संयम और समझदारी दिखाने की अपील करते हुए कहा कि किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें और यदि कोई समस्या या गलत सूचना मिले तो तत्काल पुलिस प्रशासन को सूचित करें। उन्होंने यह भी बताया कि अंचल प्रशासन के द्वारा एक विशेष टीम का गठन किया जाएगा, जो मामले की पूरी जांच करेगी और उसके निष्कर्ष के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जमीन किस प्रकार का है, ये जांच के बाद ही पता चलेगा। 

एसडीपीओ मुकेश कुमार ठाकुर ने भी लोगों से अपील की कि छोटे-छोटे विवादों को आपसी संवाद और समझदारी से हल किया जाए, ताकि क्षेत्र में शांति का माहौल कायम रहे। बैठक में सांसद प्रतिनिधि रितेश रंजन, मुखिया प्रतिनिधि शैलेंद्र सिंह, जगधर यादव, नीरज कुमार, मुखिया रामविलास तांती, मुकेश यादव सहित अन्य मौजूद थे। सभी ने एक स्वर में आपसी भाईचारे और सामाजिक एकता बनाए रखने का संकल्प लिया। 

शुक्रवार, 1 अगस्त 2025

गुमनामी से प्रसिद्धि तक: बाबा मटेश्वर धाम की आस्था व संघर्ष की 20 साल की गौरवगाथा

1अगस्त 2005 को कांवरिया एवं 31 अगस्त 1997 को डाक बम को हुई थी शुरुआत


🖋 रिपोर्ट: महेंद्र प्रसाद, सिमरी बख्तियारपुर


कोशी बिहार टुडे, सहरसा, 1 अगस्त 2025






बाबा मटेश्वर धाम मंदिर आज भले ही राज्य का प्रसिद्ध तीर्थस्थल बन चुका हो, लेकिन इसकी यात्रा गुमनामी, संघर्ष और अपार श्रद्धा से होकर गुजरी है। आज से ठीक 20 साल पहले, 1 अगस्त 2005 को कांठो गांव के मुन्ना भगत और शिवेंद्र पोद्दार ने महज 15 श्रद्धालुओं के साथ सावन की दूसरी सोमवारी पर पहली बार यहां गंगाजल से जलाभिषेक कर श्रावणी मेले की नींव रखी थी।


शुरुआत एक प्रेरणा से...



इस मंदिर की कथा वर्ष 1997 से शुरू होती है, जब भाद्र मास के द्वितीय रविवार, मुन्ना भगत व उनके साथियों ने "डाक बम" की परंपरा शुरू की। उस वक्त बाबा का मंदिर एक जर्जर, संकीर्ण और उपेक्षित स्थल था, जिसे स्थानीय लोग बुढ़वा मठ के नाम से जानते थे। रास्ता तक नहीं था, न पानी की व्यवस्था, न छांव।


मुन्ना भगत के अनुसार, "1997 से 2005 तक लाख प्रयासों के बाद भी भक्तों की संख्या दो अंकों में ही रही। हताशा थी, लेकिन बाबा की कृपा अपरंपार है। एक दिव्य अनुभूति के बाद हमें यह प्रेरणा मिली कि जब तक यहां कांवर यात्रा शुरू नहीं होगी, तब तक यह स्थान प्रसिद्ध नहीं हो सकता।"


1 अगस्त 2005: कांवर यात्रा की नींव



सावन की दूसरी सोमवारी, 1 अगस्त 2005 को 10–15 श्रद्धालुओं के साथ कांवर यात्रा प्रारंभ की गई। रास्ता खराब, सुविधाएं शून्य, लेकिन बाबा पर विश्वास अटूट। यह वह दिन था जब बाबा मटेश्वर धाम के पुनर्जागरण की नींव पड़ी।


श्रावणी मेला: संघर्ष से सफलता तक


प्रारंभ में कोई दुकानदार यहां मेला लगाने नहीं आया। मुन्ना भगत व टीम ने स्वयं दुकानदारों को क्षतिपूर्ति देकर बुलाया। गांव-गांव जाकर प्रचार किया, पंपलेट बंटवाया, लोगों को जोड़ा और बाबा की महिमा का प्रचार किया।

वर्ष 2006 में कांवरियों की संख्या बढ़ी, लगभग 200 कांवर तैयार कर श्रद्धालुओं को गंगाजल यात्रा पर भेजा गया। यह सिलसिला हर साल बढ़ता गया।



पत्रकारिता और जनचेतना का सहयोग


2007 में दैनिक 'हिंदुस्तान' में प्रकाशित खबर "बाबा मटेश्वर धाम मंदिर प्रशासनिक अपेक्षा का शिकार" ने प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया। 2008 में विधायक निधि से मंदिर तक सड़क बनी और विकास का रास्ता खुला।


धार्मिक के साथ सामाजिक क्रांति भी


मुन्ना भगत और टीम ने मंदिर को सामाजिक केंद्र बनाने की भी पहल की। सैकड़ों गरीब कन्याओं की निशुल्क शादियां, मुंडन, संस्कार, नि:शुल्क भंडारे की व्यवस्था और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन प्रारंभ हुआ। मंदिर से हजारों लोगों की रोज़ी-रोटी जुड़ी।


समिति बनी, त्याग भी किया


मुन्ना भगत को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मुंगेर के छर्रा पट्टी में उनको सम्मानित किया था। 

2008 में 'बाबा मटेश्वर धाम मंदिर विकास समिति' का गठन हुआ। सर्वसम्मति से मुन्ना भगत अध्यक्ष बने, लेकिन जब 2010 में मंदिर का बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद में पंजीकरण (नं. 4067) हुआ, तब मुन्ना भगत व टीम ने खुद को समिति से दूर कर निस्वार्थ सेवा में जुटे रहे।


216 फीट कांवर यात्रा और रथयात्रा: मील का पत्थर


आज यहां की 216 फीट कांवर पदयात्रा और रथयात्रा पूरे इलाके में प्रसिद्ध है। श्रावणी मेला में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं, हर साल यहां सैकड़ों शादियां होती हैं। मंदिर को अब "मिनी बाबा धाम" के नाम से जाना जाता है।



बाबा मटेश्वर धाम की यह यात्रा सिर्फ एक मंदिर के विकास की नहीं, बल्कि आस्था, सेवा और संघर्ष की मिसाल है। जिन लोगों ने बिना किसी सरकारी पद या मान्यता के यह काम शुरू किया, आज भी वही निस्वार्थ भाव से बाबा की सेवा में लगे हैं — मूक लेकिन मजबूत नायक।




विकास राज उर्फ सुनील यादव आज करेंगे नामांकन

 समर्थकों के साथ अनुमंडल कार्यालय में करेंगे पर्चा दाखिल कोशी बिहार टुडे, सहरसा बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सिमरी बख्तियारपुर में शुक्...