*विद्या देवी भंडारी दूसरी बार बनी नेपाल की राष्ट्रपति, कुमारी लक्ष्मी राय को बड़े अंतर से हराया*
*महेन्द्र प्रसाद सहरसा*
*काठमांडू {नेपाल}*-- पड़ोसी देश नेपाल में राष्ट्रपति पद के चुनाव का परिणाम घोषित हो गया है. देश की पहली महिला राष्ट्रपति 56 वर्षीया विद्या देवी भंडारी दूसरी बार राष्ट्रपति चुन ली गयी है. भंडारी ने पहली बार वर्ष 2015 में राष्ट्रपति का पद संभाला था. कल हुए चुनाव में भंडारी ने नेपाली कांग्रेस की प्रत्याशी कुमारी लक्ष्मी राय को 27 हजार 5 सौ 45 मतों के बड़े अंतर से मात दिया है. भंडारी को 39,275 और श्रीमति राय को 11,730 मत प्राप्त हुए हैं.
निवर्तमान राष्ट्रपति को सत्तारुढ़ वाम गठबंधन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल -यूनिफाइड मार्कसिस्ट- लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) और सीपीएन (माओवादी) के साथ संघीय समाजवादी फोरम नेपाल और कई अन्य छोटी पार्टियों ने भी समर्थन दिया था. नेपाल निर्वाचन आयोग ने कल चुनाव संपन्न होने के तुरंत बाद ही वोटों की गिनती शुरू कर दी थी.नेपाल के मुख्य न्यायाधीश ने आज भंडारी को पद एवं गोपनीयता की शपथ भी दिला दी.
यहां बता दें कि नेपाल के राष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष के लिए होता है. कोई भी व्यक्ति अधिकतम दो बार इस पद पर आसीन हो सकता है. राष्ट्रपति चुनाव में सांसद के साथ प्रांतीय विधानसभा के सदस्य भी भाग लेते हैं. सांसदों का वोट 79 के बराबर और विधानसभा के सदस्यों का वोट 48 के बराबर माना जाता है.
विद्या देवी भंडारी नेपाल की दूसरी तथा देश के लोकतांत्रिक इतिहास में पहली महिला राष्ट्रपति हैं. वे भूतपूर्व नेपाली राजनीतिज्ञ तथा कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल की नेता रह चुकी हैं. भंडारी नेपाल रक्षा मंत्रालय में रक्षा मंत्री भी रह चुकी हैं.
विद्या भंडारी का जन्म 19 जून 1961 को नेपाल के भोजपुर में राम बहादुर पांडेय और मिथिला पांडेय के यहां हुआ था. वह कम उम्र में ही छात्र राजनीति में शामिल हो गयी थी. ये अपने जमाने के एक प्रभावशाली नेता के रूप में विख्यात कम्युनिस्ट नेता स्वर्गीय मदन भंडारी की पत्नी हैं. विद्या सन् 1994 और सन् 1999 में क्रमश: तत्कालीन प्रधानमंत्री कृष्ण प्रसाद भट्टाराई और दमनाथ ढूंगना को संसदीय चुनाव में हराने के बाद दो बार चुनी गयीं. हालांकि, सन् 2008 में संविधान सभा चुनाव के दौरान उन्हें हार का सामना भी करना पड़ा था. वह माधव कुमार नेपाल के नेतृत्व में रक्षा मंत्री पद के लिए चुनी गयी थी. सन् 2013 में दूसरी संविधान सभा के चुनावों में आनुपातिक चुनाव प्रणाली के तहत इन्हें चुना गया था. विद्या देवी भंडारी के दुबारा राष्ट्रपति चुने जाने के बाद पूरे नेपाल अधिराज्य खासकर उन्हें समर्थन देने वाले छोटे-बड़े दलों के कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है.
*महेन्द्र प्रसाद सहरसा*
*काठमांडू {नेपाल}*-- पड़ोसी देश नेपाल में राष्ट्रपति पद के चुनाव का परिणाम घोषित हो गया है. देश की पहली महिला राष्ट्रपति 56 वर्षीया विद्या देवी भंडारी दूसरी बार राष्ट्रपति चुन ली गयी है. भंडारी ने पहली बार वर्ष 2015 में राष्ट्रपति का पद संभाला था. कल हुए चुनाव में भंडारी ने नेपाली कांग्रेस की प्रत्याशी कुमारी लक्ष्मी राय को 27 हजार 5 सौ 45 मतों के बड़े अंतर से मात दिया है. भंडारी को 39,275 और श्रीमति राय को 11,730 मत प्राप्त हुए हैं.
निवर्तमान राष्ट्रपति को सत्तारुढ़ वाम गठबंधन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल -यूनिफाइड मार्कसिस्ट- लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) और सीपीएन (माओवादी) के साथ संघीय समाजवादी फोरम नेपाल और कई अन्य छोटी पार्टियों ने भी समर्थन दिया था. नेपाल निर्वाचन आयोग ने कल चुनाव संपन्न होने के तुरंत बाद ही वोटों की गिनती शुरू कर दी थी.नेपाल के मुख्य न्यायाधीश ने आज भंडारी को पद एवं गोपनीयता की शपथ भी दिला दी.
यहां बता दें कि नेपाल के राष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष के लिए होता है. कोई भी व्यक्ति अधिकतम दो बार इस पद पर आसीन हो सकता है. राष्ट्रपति चुनाव में सांसद के साथ प्रांतीय विधानसभा के सदस्य भी भाग लेते हैं. सांसदों का वोट 79 के बराबर और विधानसभा के सदस्यों का वोट 48 के बराबर माना जाता है.
विद्या देवी भंडारी नेपाल की दूसरी तथा देश के लोकतांत्रिक इतिहास में पहली महिला राष्ट्रपति हैं. वे भूतपूर्व नेपाली राजनीतिज्ञ तथा कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल की नेता रह चुकी हैं. भंडारी नेपाल रक्षा मंत्रालय में रक्षा मंत्री भी रह चुकी हैं.
विद्या भंडारी का जन्म 19 जून 1961 को नेपाल के भोजपुर में राम बहादुर पांडेय और मिथिला पांडेय के यहां हुआ था. वह कम उम्र में ही छात्र राजनीति में शामिल हो गयी थी. ये अपने जमाने के एक प्रभावशाली नेता के रूप में विख्यात कम्युनिस्ट नेता स्वर्गीय मदन भंडारी की पत्नी हैं. विद्या सन् 1994 और सन् 1999 में क्रमश: तत्कालीन प्रधानमंत्री कृष्ण प्रसाद भट्टाराई और दमनाथ ढूंगना को संसदीय चुनाव में हराने के बाद दो बार चुनी गयीं. हालांकि, सन् 2008 में संविधान सभा चुनाव के दौरान उन्हें हार का सामना भी करना पड़ा था. वह माधव कुमार नेपाल के नेतृत्व में रक्षा मंत्री पद के लिए चुनी गयी थी. सन् 2013 में दूसरी संविधान सभा के चुनावों में आनुपातिक चुनाव प्रणाली के तहत इन्हें चुना गया था. विद्या देवी भंडारी के दुबारा राष्ट्रपति चुने जाने के बाद पूरे नेपाल अधिराज्य खासकर उन्हें समर्थन देने वाले छोटे-बड़े दलों के कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है.
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