पेसेंजर ट्रैन के यात्री को कोई सुविधा नही देता रेलवे
महेंद्र प्रसाद, सहरसा
पूर्व मध्य रेलवे के सहरसा-मानसी के बीच चलने वाली पेसेंजर ट्रैन में यात्री सुविधा की घोर कमी है। शोचालय में पानी नही रहता है एवं गर्मी में अधिकांस पंखे नही चलती है। जिन कारण यात्रियों को घोर दिक्कत होती है। पेसेंजर ट्रैन में पूर्व में मोबाइल चार्ज करने के लिये चार्जर पॉइंट बनाया गया था, लेकिन अधिकांश पॉइंट टूट गया था। जो सही हालात में था उसमें लाइन ही नही था।
55566 में दिखा लापरवाही---
समस्तीपुर से 3 बजकर 30 मिनट में खुलने वाली 55566 समस्तीपुर-सहरसा पेसेंजर ट्रैन में लापरवाही देखी गया। शोचालय में तो पानी ही नही था, एवं एक भी पंखा भी नही चल रहा था। जब पूरा बोगी में अंधेरा छा गया तब जाकर संध्या के लगभग 6 बजकर 45 मिनट पर बोगी के अंदर बिजली जलाया गया। उससे पहले पूरे बोगी में अंधेरा कायम था। लोग मोबाइल की टार्च जलाकर किसी तरह यात्रा कर रहे थे। यात्रा कर रहे अधिकांस यात्री ने बताया कि प्रतिदिन पेसेंजर ट्रैन में इसी तरह होती है। पानी तो शोचालय में कभी नही रहता है। रेलवे की इस तरह की भेदभाव से लगता है कि पेसेंजर ट्रैन में यात्रा करने वाले यात्री शायद बिना टिकट के ही यात्रा करते है जिस कारण उन्हें सुबिधा देने में आनाकानी करते है।
महेंद्र प्रसाद, सहरसा
पूर्व मध्य रेलवे के सहरसा-मानसी के बीच चलने वाली पेसेंजर ट्रैन में यात्री सुविधा की घोर कमी है। शोचालय में पानी नही रहता है एवं गर्मी में अधिकांस पंखे नही चलती है। जिन कारण यात्रियों को घोर दिक्कत होती है। पेसेंजर ट्रैन में पूर्व में मोबाइल चार्ज करने के लिये चार्जर पॉइंट बनाया गया था, लेकिन अधिकांश पॉइंट टूट गया था। जो सही हालात में था उसमें लाइन ही नही था।
55566 में दिखा लापरवाही---
समस्तीपुर से 3 बजकर 30 मिनट में खुलने वाली 55566 समस्तीपुर-सहरसा पेसेंजर ट्रैन में लापरवाही देखी गया। शोचालय में तो पानी ही नही था, एवं एक भी पंखा भी नही चल रहा था। जब पूरा बोगी में अंधेरा छा गया तब जाकर संध्या के लगभग 6 बजकर 45 मिनट पर बोगी के अंदर बिजली जलाया गया। उससे पहले पूरे बोगी में अंधेरा कायम था। लोग मोबाइल की टार्च जलाकर किसी तरह यात्रा कर रहे थे। यात्रा कर रहे अधिकांस यात्री ने बताया कि प्रतिदिन पेसेंजर ट्रैन में इसी तरह होती है। पानी तो शोचालय में कभी नही रहता है। रेलवे की इस तरह की भेदभाव से लगता है कि पेसेंजर ट्रैन में यात्रा करने वाले यात्री शायद बिना टिकट के ही यात्रा करते है जिस कारण उन्हें सुबिधा देने में आनाकानी करते है।
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