12 साल के उम्र के बच्ची के साथ रेप करने पर होगी फांसी, केबिनेट ने किया प्रस्ताव पारित
पॉक्सो एक्ट में हुआ बदलाव
कठुआ और उन्नाव रेप केस के बाद देशभर में आवाज उठ रही है कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। अब केंद्र सरकार ने इस दिशा में कदम बढ़ाया है। बच्चों को छेड़खानी और दुष्कर्म जैसे मामलों से सुरक्षा प्रदान करने वाले पॉक्सो एक्ट में अहम बदलाव करते हुए कहा गया है कि ऐसे दोषियों को फांसी तक की सजा दी जा सकती है। जानिए पॉक्सो एक्ट की बड़ी बातें -
- 18 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ किसी भी तरह का शारीरिक अपराध POCSO एक्ट के दायरे में आ जाता है। यहां लड़के और लड़कियों को समान रूप से सुरक्षा प्रदान की गई है। पॉक्सो एक्ट वाले मामलों की सुनवाई विशेष अदालत में ही होती है।
- पॉक्सो एक्ट की धारा 4 सबसे अहम मानी जाती है। इसके तहत वे मामले आते हैं जिनमें बच्चे के साथ दुष्कर्म किया गया हो। आरोप साबित होने पर पहले 7 साल सजा से लेकर उम्रकैद तक का प्रावधान था, जिसे बदलकर अब मौत की सजा तक बढ़ा दिया गया है।- वहीं पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत ऐसे मामले आते हैं, जिनमें बच्चों को रेप के बाद गंभीर चोट पहुंचाई गई हो। इसमें 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।
- इसी तरह, बच्चों के गुप्तांग से छेड़छाड़ के मामले इस एक्ट की धारा 7 और 8 के तहत देखे जाते हैं। यहां आरोप साबित होने पर 5 से 7 साल तक की सजा का प्रावधान है।
पॉक्सो एक्ट में हुआ बदलाव
कठुआ और उन्नाव रेप केस के बाद देशभर में आवाज उठ रही है कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। अब केंद्र सरकार ने इस दिशा में कदम बढ़ाया है। बच्चों को छेड़खानी और दुष्कर्म जैसे मामलों से सुरक्षा प्रदान करने वाले पॉक्सो एक्ट में अहम बदलाव करते हुए कहा गया है कि ऐसे दोषियों को फांसी तक की सजा दी जा सकती है। जानिए पॉक्सो एक्ट की बड़ी बातें -
- 18 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ किसी भी तरह का शारीरिक अपराध POCSO एक्ट के दायरे में आ जाता है। यहां लड़के और लड़कियों को समान रूप से सुरक्षा प्रदान की गई है। पॉक्सो एक्ट वाले मामलों की सुनवाई विशेष अदालत में ही होती है।
- पॉक्सो एक्ट की धारा 4 सबसे अहम मानी जाती है। इसके तहत वे मामले आते हैं जिनमें बच्चे के साथ दुष्कर्म किया गया हो। आरोप साबित होने पर पहले 7 साल सजा से लेकर उम्रकैद तक का प्रावधान था, जिसे बदलकर अब मौत की सजा तक बढ़ा दिया गया है।- वहीं पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत ऐसे मामले आते हैं, जिनमें बच्चों को रेप के बाद गंभीर चोट पहुंचाई गई हो। इसमें 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।
- इसी तरह, बच्चों के गुप्तांग से छेड़छाड़ के मामले इस एक्ट की धारा 7 और 8 के तहत देखे जाते हैं। यहां आरोप साबित होने पर 5 से 7 साल तक की सजा का प्रावधान है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें