मंगलवार, 24 अप्रैल 2018

मोदी सरकार की 15 लाख की पहली किस्त समझ निकाल लिया राशि, रुपए कहा से आया मुझे पता नही। 
महेंद्र प्रसाद, सहरसा


सेवानृवित क्लर्क नरसिंह प्रसाद सिंह  के खाते से 2 लाख 91 हजार रुपये आधारकार्ड लिंक होने के बाद गलत ढंग से रायपुरा पंचयात के बिंदपुर गांव निवासी पति-पत्नी मुनचुन देवी एवं रमेश राम के संयुक्त खाता में राशि आने के बाद इस मामले में रोचक बात आ रही है। मुनचुन देवी पति रमेश राम रायपुरा पंचयात के वार्ड नंबर 2 के वार्ड सदस्या है। पति-पत्नी का संयुक्त खाता सरडीहा बैंक में खुला है। बकौल दोनो पति-पत्नी ने बताया कि उनके खाते में जो राशि आया वो ये समझ कर निकाले की सरकार ने जनधन खाते में जो पूर्व से सुनने में आ रहा था कि सबके खाते में 15 लाख आयेगा,  वही रुपए आया है। इनके अलावे दोनो पति-पत्नी ने बताया कि हमने बैंक से ऋण के लिये भी अप्लाई किया था, दूसरा ये समझे कि ऋण स्वीकृत होकर खाता में आ गया है। तीसरा ये समझे कि चुकी हम वार्ड सदस्य है, सरकार की सात निश्चय योजन की राशि मेरे खाता में आया है। इसी सोचकर हम अपने खाते से राशि की निकासी किये। रमेश राम ने ये भी बताया कि हमने कई बार पासबुक लेकर बैंक अपडेट कराने गए, लेकिन बैंक ने पासबुक अपडेट नही किया एवं बोला कि रुपए लेने के लिये यह नही बल्कि सीएसपी जाए। जिस कारण मुझे पता नही चल पाया कि रुपये कहा से मेरे खाते में आ गया। हालांकि दंपति का कहना है कि 2 लाख 91 हजार नही बल्कि 2 लाख 21 हजार का ही निकासी किया है। 
फोटो--दंपति का बिंदपुर स्थित घर

रुपए निकालने के बाद अपना इलाज कराया, एवं एक दुकान खोल लिया फिर कुछ लोगो का कर्ज था, वो चुका दिया। अब मेरे पास एक फूटी कौड़ी भी नही है। महिला ने बैंक कर्मी पर आरोप लगाया कि मामला प्रकाश में आने के बाद बैंक के कुछ स्टाफ हमे बैंक बुलाकर बैंक के कैमरा को बंद कर सादा कागज पर निशान ले लिया। सादा कागज में क्या लिखा मुझे मालूम नही।

 बताते चलें कि सरडीहा गांव निवासी नरसिंह प्रसाद सिंह ने बख्तियारपुर थाना में आवेदन देकर बैंक की मिलीभगत कर अवैध रूप से रूपये निकासी का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया था। दिये गये आवेदन में कहा गया कि आवेदक दिल्ली में अरवल डेवलमेंट में कलर्क के पद से सेवानिवृत है खाता संख्या ******19236 स्टेट बैंक सरडीहा शाखा में है  जिसमें पैंसन की राशि आती थी यह खाता उसकी व पत्नी के नाम सयुक्त खाता है।
करीब एक वर्ष से आवेदक दिल्ली में ही इलारत था, और इस दौरान बैंक ने मिलीभगत कर किसी दूसरे व्यक्ति के आधार कार्ड नम्बर को दूसरे खाते से जोड़ दिया और खाते से सितम्बर 17 से लेकर फरवरी 18 तक में 2 लाख 91 हजार रूपये की अवैध निकासी कर ली गई।

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