कोसी दियारा के लोग आज भी जूझ रहा है मूलभूत सुबिधा
पंचायत का विकास में सरकार देती है करोड़ो रुपया
महेंद्र प्रसाद, सहरसा
कोसी तटबन्ध के अंदर विकास के नाम पर हर साल करोड़ो रूपये सरकार देती है। लेकिन अगर विकास खोजियेगा तो कही भी नजर नही आयेगा। इसमे कारण यह है कि जनप्रतिनिधि ईमानदारी से विकास कार्य नही करती है। हा इतना जरूर है कि जनप्रतिनिधियों के विकास जरूर हो जाता है। चुनाव जीतते साल भर भी नही होता है, चकाचक चारपहिया वाहन जरूर खरीद लेता है। घर जरूर आलीशान बना लेता है एवं शहर में जमीन खरीद लेता है। लेकिन पंचायत के लोग की स्थिति वेसे की वेसे ही बनी रहती है। लोगो का ना तो रहनसहन बदलता है ना ही ठीक से कोई सरकारी सुबिधा।
ईमानदारी से योजना का नही चलना कई बातों पर निर्भर है। योजना में भ्रष्टाचार, योजना की जांच के लिये कोई अधिकारी झांकने तक नही जाता है। स्कूल , आंगनवाड़ी, जनवितरण प्रणाली सब मनमाने ढंग चलता है। स्कूल एवं आंगनवाड़ी शायद ही कभी खुलती हो। योजना में काम से ज्यादा कमीशनखोरी है। सरकार की एक भी योजना ईमानदारी से नही चलती है।
पंचायत का विकास में सरकार देती है करोड़ो रुपया
महेंद्र प्रसाद, सहरसा
कोसी तटबन्ध के अंदर विकास के नाम पर हर साल करोड़ो रूपये सरकार देती है। लेकिन अगर विकास खोजियेगा तो कही भी नजर नही आयेगा। इसमे कारण यह है कि जनप्रतिनिधि ईमानदारी से विकास कार्य नही करती है। हा इतना जरूर है कि जनप्रतिनिधियों के विकास जरूर हो जाता है। चुनाव जीतते साल भर भी नही होता है, चकाचक चारपहिया वाहन जरूर खरीद लेता है। घर जरूर आलीशान बना लेता है एवं शहर में जमीन खरीद लेता है। लेकिन पंचायत के लोग की स्थिति वेसे की वेसे ही बनी रहती है। लोगो का ना तो रहनसहन बदलता है ना ही ठीक से कोई सरकारी सुबिधा।
ईमानदारी से योजना का नही चलना कई बातों पर निर्भर है। योजना में भ्रष्टाचार, योजना की जांच के लिये कोई अधिकारी झांकने तक नही जाता है। स्कूल , आंगनवाड़ी, जनवितरण प्रणाली सब मनमाने ढंग चलता है। स्कूल एवं आंगनवाड़ी शायद ही कभी खुलती हो। योजना में काम से ज्यादा कमीशनखोरी है। सरकार की एक भी योजना ईमानदारी से नही चलती है।
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