सिमरी बख्तियारपुर में एक बार फिर सजेगी देश के नामचीन शायरों की महफ़िल
महेंद्र प्रसाद, सहरसा
आगामी माह 22 नवंबर को महंत नारायण दास उच्च विद्यालय चकभारो के मैदान में देश के मशहूर नामचीन मुशायरा का कार्यक्रम होगा। जिसकी तैयारी किया जा रहा है। सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के उच्च विद्यालय चकभारो-पहाड़पुर में आगामी 22 नवम्बर को आल इंडिया आलिशान मुशायरा के आयोजन के लिए शनिवार को पहाड़पुर के सफाईर हाईवे स्कूल के प्रांगण में एक मीटिं का आयोजन किया गया। इस बैठक में समय और शायरों के चयन पर विस्तृत विचार विमर्श किया गया । बैठक की अध्यक्षता मास्टर सैयद सईद अशरफ साहब ने किया, जबकि संचालन वजीह अहमद तसौवउर ने किया। इस अवसर पर सैंकड़ों की संख्या में उर्दू साहित्य प्रेमियों ने मुशायरे के आयोजन में भरपूर सहयोग का आश्वासन दिया। इस से पूर्व आयोजन कमेटी के संयोजक नाजिम अनवर, चांद मंजर ईमाम और गुलाम मो0 कौसर ने उपस्थित लोगो से बैठक के उद्देश्य पर अपने विचार रखते हुए कहा कि मुशायरे से न केवल साहित्य और संस्कृति से जुडाव होता है बल्कि हिन्दू मुस्लिम एकता में भी अहम रोल अदा करता है। यह मुशायरा चकभारो हाई स्कूल के मैदान में आयोजित होगा। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मो0 मेराज आलम ने कहा कि उर्दू हमारी संस्कृति से ऐसे जुड़ी हुई है कि उसके बिना हमारा वजूद कुछ नहीं है। मजहब से लेकर अदब के मैदान तक उर्दू ही हमारी रहनुमाई कर रही है। इसलिए इस तरह के प्रोग्राम से उर्दू को शक्ति मिलती है। वजीह अहमद तसौवुर ने कहा कि अपने बच्चों को उर्दू सिखाये, वह खुद ब खुद तहजीब सीख जायेंगे। उर्दू तहजीब की जुबान है। उन्होंने ने मुशायरे में कम मगर चुनिंदा शायरों को ही लाने पर बल दिया।अपने अध्यक्षीय संबोधन में सैयद सईद अशरफ ने भी मुशायरा कराने के लिए आयोजक को बधाई देते हुए कहा कि कम मगर अच्छे शायरों को लाने पर जोर दिया।
महेंद्र प्रसाद, सहरसा
आगामी माह 22 नवंबर को महंत नारायण दास उच्च विद्यालय चकभारो के मैदान में देश के मशहूर नामचीन मुशायरा का कार्यक्रम होगा। जिसकी तैयारी किया जा रहा है। सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के उच्च विद्यालय चकभारो-पहाड़पुर में आगामी 22 नवम्बर को आल इंडिया आलिशान मुशायरा के आयोजन के लिए शनिवार को पहाड़पुर के सफाईर हाईवे स्कूल के प्रांगण में एक मीटिं का आयोजन किया गया। इस बैठक में समय और शायरों के चयन पर विस्तृत विचार विमर्श किया गया । बैठक की अध्यक्षता मास्टर सैयद सईद अशरफ साहब ने किया, जबकि संचालन वजीह अहमद तसौवउर ने किया। इस अवसर पर सैंकड़ों की संख्या में उर्दू साहित्य प्रेमियों ने मुशायरे के आयोजन में भरपूर सहयोग का आश्वासन दिया। इस से पूर्व आयोजन कमेटी के संयोजक नाजिम अनवर, चांद मंजर ईमाम और गुलाम मो0 कौसर ने उपस्थित लोगो से बैठक के उद्देश्य पर अपने विचार रखते हुए कहा कि मुशायरे से न केवल साहित्य और संस्कृति से जुडाव होता है बल्कि हिन्दू मुस्लिम एकता में भी अहम रोल अदा करता है। यह मुशायरा चकभारो हाई स्कूल के मैदान में आयोजित होगा। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मो0 मेराज आलम ने कहा कि उर्दू हमारी संस्कृति से ऐसे जुड़ी हुई है कि उसके बिना हमारा वजूद कुछ नहीं है। मजहब से लेकर अदब के मैदान तक उर्दू ही हमारी रहनुमाई कर रही है। इसलिए इस तरह के प्रोग्राम से उर्दू को शक्ति मिलती है। वजीह अहमद तसौवुर ने कहा कि अपने बच्चों को उर्दू सिखाये, वह खुद ब खुद तहजीब सीख जायेंगे। उर्दू तहजीब की जुबान है। उन्होंने ने मुशायरे में कम मगर चुनिंदा शायरों को ही लाने पर बल दिया।अपने अध्यक्षीय संबोधन में सैयद सईद अशरफ ने भी मुशायरा कराने के लिए आयोजक को बधाई देते हुए कहा कि कम मगर अच्छे शायरों को लाने पर जोर दिया।
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