बुधवार, 21 नवंबर 2018

मजदूर का पसीना नही सूखे उनका मेहताना मिल जाना चाहिये: मुप्ति कासिम अशरफ

रानीहाट मवेशी हाट में हजरत पैगम्बर मोहम्मद के जन्मदिन पर निकली रैली

जन्मदिन पर मुस्लिम भाईओ ने याद किया अपने पैगम्बर को

कोसी बिहार टुडे, सहरसा

अनुमंडल मुख्यालय के नगर पंचयात स्थित रानीहाट मवेसी हाट में हजरत पैगम्बर मोहम्मद के जन्मदिन पर रैली निकाल याद किया गया। मुख्य कार्यक्रम रानीहाट स्थित मवेसी हाट में हुआ। अनुमंडल के सिमरी बख्तियारपुर, सलखुआ एव बनमा इटहरी प्रखंड से काफी संख्या में मुस्लिम लोगो ने इस जन्मदिन में भाग लिया। इस मोके पर उपस्थित लोगों को तकरीर करते हुए उड़ीसा के मुप्ति कासिम अशरफी ने कहा कि ईद का अर्थ होता है उत्सव मनाना और मिलाद का अर्थ होता है जन्म होना। ईद-ए-मिलाद के रूप में मनाये जानेवाला दिन, मिलाद-उन-नबी पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस्लाम में बेहद महत्वपूर्ण यह दिन इस्लामी कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन मनाया जाता है। हालांकि मोहम्मद साहब का जन्मदिन एक खुशहाल अवसर है।
 मोहम्मद साहब का जन्म सन् 570 में सऊदी अरब में हुआ था। मोहम्मद का जन्म इस्लामी पंचांग के तीसरे महीने के 12वें दिन हुआ है। अपने जीवनकाल के दौरान, मुहम्मद साहब ने इस्लाम धर्म की स्थापना की, जो अल्लाह की इबादत के लिए समर्पित था। सन् 632 में पैगंबर मोहम्मद साहब की मृत्यु के बाद, कई मुसलमानों ने विविध अनौपचारिक उत्सवों के साथ उनके जीवन और उनकी शिक्षाओं का जश्न मनाना शुरू कर दिया। इस दिन को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी या ईद-ए-मिलाद के तौर पर मनाया जाता है।

मोहम्मद साहब के कुछ पवित्र संदेश जो उसने लोगो को दिया--
सबसे अच्छा आदमी वह है,जिससे मानवता की भलाई होती है।
जो ज्ञान का आदर करता है, वह मेरा आदर करता है।
मजदूर का उनके मेहताना उनके पसीने सूखने से पहले दे दे।
अत्याधिक ज्ञान अत्याधिक इबादत से बेहतर है, दीन का आधार संयम है।
इस मोके पर मो सऊद आलम, मो गुड्डो, सरबेला मदरसा के प्राचार्य, मो मोदस्सिर आलम सहित बड़ी संख्या में मुश्लिम लोग मौजूद थे। रैली में पहुचने वालो लोगो का पानी का व्यवस्था केनरा बैंक के द्वारा किया गया था। वही वार्ड नंबर 14 के पार्षद मो सकील आलम ने भी रैली में शामिल होने वालों को पानी की सुबिधा दिया। 

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