परीक्षा से बंचित बच्चे के अभिभावक शिक्षा मंत्री को करते रहे फोन, एक बार भी मंत्री ने नही उठाया मोबाइल, कृष्ण नंदन वर्मा है शिक्षा मंत्री
कोशी बिहार टुडे, सहरसा
प्रखंड शिक्षा कार्यालय के अकर्मण्यता एव मनमानी के कारण सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के 41 बच्चे सिमतुल्लाह आवासीय स्कूल के प्रारंभिक परीक्षा से बंचित हो गया। सबसे आश्चर्यजनक बात ये रही कि इस मामले के लेकर बच्चे के अभिभावक ने दर्जनों बार सूबे के शिक्षा मंत्री के मोबाइल पर फोन किया लेकिन एक बार भी शिक्षा मंत्री ने मोबाइल रिसीव करने की भी जरूरत नही समझा। परीक्षा से बंचित रहे अभिभावक कई नेता से गुहार भी लगाया, लेकिन एक को भी इन बच्चे का चिंता नही रहा।
क्या है मामला---
सिमतुल्लाह आवासीय विद्यालय जमुई में वर्ग छह में नामांकन के लिये ऑनलाइन आवेदन मांगा गया था। जिसकी अंतिम तिथि 10 नबम्बर था। फिर उसके बाद 12 नवम्बर किया गया। हरेक प्रखंड के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को अलग अलग यूजर एव पासवर्ड दिया गया था। सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के अलग अलग स्कूल से 41 बच्चे का फॉर्म प्रखंड शिक्षा कार्यालय में जमा हुआ था। लेकिन बीआरसी कार्यालय की लापरवाही के कारण एक भी बच्चा का फॉर्म बिहार बोर्ड के साइट पर अपलोड नही किया गया। जब बिहार बोर्ड ने जिन छात्र का फॉर्म समय सीमा में अपलोड हुआ तो उनका डुप्लीकेट प्रवेश पत्र जारी कर दिया। उसमे निर्देश दिया कि अगर जारी किया गया डुप्लीकेट प्रवेश पत्र में कही त्रुटि हो तो सुधार कर दे। तब फाइनल प्रवेश पत्र जारी किया जाएगा। इस आदेश के बाद जब अभिभावक डुप्लीकेट प्रवेश देखने बीआरसी कार्यालय गया तो पता चला कि एक भी बच्चा का फॉर्म अपलोड ही नही हुआ। अब बच्चे के पिता परेसान है। जो बच्चा विगत छह माह से इस परीक्षा की तैयारी में लगा था उनका सपना चूर चूर हो गया। अब भी कहा कहा जाये, कोई सुनता ही नही है। अब बच्चे एव उनके पिता को एक ही आशा है कि अब मुख्यमंत्री से एक मात्र सहारा है कि कुछ आदेश दे। तब इन बच्चे का फर्म अपलोड हो पायेगा।
इस मामले में क्या कहते है बीइओ----
इस संबंध में बीइओ अशोक कुमार ने कहा कि उपलब्ध फॉर्म को कार्यालय में ही एक शिक्षक एव ऑपरेटर को अपलोड करने दिया गया था। लेकिन इनलोगो के द्वारा लापरवाही किया गया। बीइओ ने बताया कि जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बिहार बोर्ड को पत्र लिखकर इन बच्चे का फॉर्म को अपलोड करने का अनुरोध किया था। हम खुद बोर्ड आफिस जाकर इन बचे बच्चे का फॉर्म अपलोड करने का अनुरोध किया। लेकिन बोर्ड के चैयरमेन ने नही माना।
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