शनिवार, 22 दिसंबर 2018

मिथलांचल वासियो के लिये इस साल के अंत मे धमाकेदार खबर कोसी नदी पर देश के सबसे बड़े पुल के लिए हुआ टेंडर


3.5 साल में पूरा होगा काम, बदलेंगे मधुबनी व सुपौल के पिछड़े इलाके 
कुल 1286 करोड़ रुपए होंगे खर्च, पुल की ही लागत है 984 करोड़ रुपए।
कोशी बिहार टुडे, सहरसा

 देश के सबसे लंबे (10.2 किलोमीटर) महासेतु के निर्माण के लिए टेंडर हो गया है। केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से 1286 करोड़ की लागत से बनने वाले इस महासेतु के निर्माण की स्वीकृति मिलते ही एनएचएआई ने टेंडर कर दिया है। इसमें सिर्फ पुल की लागत 984 करोड़ रुपए है। बकौर (सुपौल) और भेजा (मधुबनी) के बीच बनने वाला यह महासेतु साढ़े तीन साल में बनकर तैयार होगा। 
दियारा में दोनों तरफ बनेंगे दो बड़े-बड़े अंडरपास : कोसी महासेतु और बलुआहा घाट के बीच की बड़ी आबादी को इस महासेतु से बहुत लाभ होगा। बकौर-भेजा के बीच बनने वाले इस पुल के 25 किलोमीटर उत्तर में कोसी नदी पर कोसी महासेतु है तो 26 किलोमीटर दक्षिण में कोसी नदी पर ही बलुआहा घाट सेतु है, जिससे गाड़ियां आर-पार हो रही हैं। धारा बदलते रहने वाली कोसी नदी के स्वभाव के कारण इस महासेतु के सिरों को दोनों तरफ बने तटबंध (पूर्वी और पश्चिमी) से सीधे जोड़ा जा रहा है। इस कारण से ही यह महासेतु अब देश का सबसे लंबा महासेतु बन जाएगा।

अभी असम और अरुणाचल प्रदेश दो राज्यों को जोड़ने के लिए ब्रह्मपुत्र नदी पर बने सबसे बड़े महासेतु की लंबाई 9.8 किलोमीटर है। बकौर-भेजा महासेतु के बनने के बाद दियारे (तटबंधों के बीच) में रहने वाली आबादी को ध्यान में रखते हुए महासेतु के दोनों तरफ दो बड़े-बड़े अंडरपास बनाए जाएंगे। इनसे गाड़ियां भी आर-पार हो सकेंगी। बीच में पड़ने वाले दियारा के पांच गांवों को इस तरफ से उस तरफ जाने के लिए रास्ता मिलेगा।
 सामरिक दृष्टिकोण से भी है यह अहम 
भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत उमगांव (मधुबनी) से महिषी तारापीठ (सहरसा) के बीच बन रहे फोरलेन सड़क के एलाइनमेंट में यह पुल है। यह पुल सामरिक दृष्टिकोण से भी बहुत ही महत्वपूर्ण है। नेपाल, बांग्लादेश और भूटान के साथ उत्तर-पूर्व के राज्यों को जुड़ने में यह कारगर सिद्ध होगा। इसके बन जाने के बाद बागडोगरा एयरपोर्ट पर जाना-आना काफी आसान हो जाएगा। भारतमाला प्रोजेक्ट 5 पैकेजों में बन रहा है। इन्हीं में से एक पैकेज में इस पुल का निर्माण हो रहा है।
 इसलिए भी है खास
एप्रोच की लंबाई है सुपौल की तरफ 2 किलोमीटर तो मधुबनी की तरफ 1.1 किलोमीटर होगी।इसके बनने के बाद मधुबनी और सुपौल जिला मुख्यालय की दूरी घटेगी ।सिलीगुड़ी यानी बंगाल से बिहार के कई जिलों में आना-जाना और आसान होगा ।इस पुल  में 204 पिलर और 50 मीटर लंबाई वाले 50 स्पैन होंगे ।2 लेन सड़क की चौड़ाई 11 मीटर, दोनों तरफ 1.5-1.5 मीटर के फुटपाथ  बनाए जाएंगे। मरीचा, चंदेल, गोपालपुर समेत पांच गांवों को महासेतु से सीधे रास्ता मिलेगा।

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