मधेपुरा के बाद अब खगड़िया में लोगो ने मृत्यु भोज को गलत कहा
कोशी बिहार टुडे, सहरसा
बिहार के खगड़िया जिले के रामपुर गांव के सैकड़ों युवाओं ने गांव के बाबा थान में मृत्युभोज को खत्म करने के लिए सामूहिक रूप से संकल्प लिया। रामपुर के मुखिया कृष्णानंद यादव ने इन युवाओं और ग्रामीणों को मृत्यु भोज नही खाने-खिलाने की शपथ दिलाई। बीते मंगलवार को शपथ लेते हुए युवाओं ने कहा कि वे मृत्युभोज का बहिष्कार तो करेंगे ही साथ ही इसके खिलाफ अभियान भी चलाएंगे। लोगों को जागरूक भी करेंगे।
सामाजिक जागरूकता का यह कारवां कभी नहीं रुकेगा। बता दें कि एक साल पूर्व गोगरी के ही उसरी के लोगों ने कटिहारी भोज नहीं खाने का निर्णय लिया था। यह परंपरा अब भी वहां जारी है। कुल मिलाकर यह सामाजिक बदलाव की ओर इशारा कर रहा है।
दो दिन पूर्व ग्रामीणों ने की थी बैठक
मंगलवार की रात रामपुर मुखिया की अगुवाई में ग्रामीणों की बैठक भी हुई। बैठक में यह बताया गया कि मृत्युभोज समाज में फैली कुरूति है। यह समाज के लिए अभिशाप है। मुखिया यादव ने कहा कि किसी भी धर्मग्रंथ में मृत्युभोज का विधान नहीं है। यहाँ तक कि किसी जानवर का बच्चा मर जाता है जानवर दिनभर खास नही खाता है। पहले मधेपुरा अब खगरिया से उठी ये आवाज बिहार के लोगो तक एक दिन जरूर पहुचेगा।
इस मौके पर मृत्युभोज बहिष्कार करने का प्रस्ताव लाया गया। इस प्रस्ताव को ग्रामीणों ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। स्रोत-हिंदुस्तान
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