बुधवार, 27 फ़रवरी 2019

प्रयागराज का महाकुंभ, संगम में डुबकी नही लगाया तो जीवन अधूरा


योगी सरकार की कुम्भ में श्रद्धालु की सुबिधा का रखा गया है पूरा ख्याल
कोशी बिहार टुडे, सहरसा

12 साल के बाद उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) में महाकुंभ लगा है। इस वर्ष 14 जनवरी से प्रारम्भ महाकुंभ में 22 करोड़ लोगों ने पवित्र संगम में डुबकी लगाया है। संगम के इतिहास में कुम्भ में इतने बड़ा भीड़ कभी नही आया।
डुबकी लगाने से होता है पापों का नाश---
मान्यता है कि संगम में डुबकी लगाने से पापों का नाश होता है। यही कारण है हिंदुस्तान क्या विदेशों के भी लोग संगम में डुबकी लगाने उमड़ पड़ा। हर दिन संगम में डुबकी लगाने के लिये लोगो की जमावड़ा लगा रहता था।
इतिहास के पन्ना में ऐतिहासिक है कुम्भ---

प्रयागराज कुम्भ सिर्फ संगम में डुबकी लगाने भर नही बल्कि कई ऐसी धरोहर है जो दिखने लायक है। हनुमान जी का सबसे बड़ा मूर्ति यही है। कहा जाता है कि  लंका के विजय के बाद हनुमान जी यहां आराम की मुद्रा में आ गए थे। यहां हनुमान की भव्य मूर्ति है। इनके अलावे सम्राट अशोक का किला है। जो देखने लायक है। इसी किला में अक्षय वट वृक्ष है। अक्षय वट वृक्ष के बारे में कहा जाता है कि ये रामायणकाल का वृक्ष है। इसी किला के पाताल लोक में भगवान की एक से बढ़कर एकमूर्ति है।
जहां तीनो नदी का मिलन हो संगम उसे कहते है----
       (फोटो- गोर से देखिये गंगा एव जमुना का दोनों अलग अलग पानी)
संगम उसे कहते है जहाँ तीनो नदी गंगा-जमुना एव सरस्वती का मिलन होता है। दो पानी गंगा एव जमुना का तो आप खुद नंगी आंखों से देख सकते है, लेकिन तीसरा सरस्वती का पानी जनवरी माह में दिखता है। जनवरी माह में सम्राट अशोक के किले से सरस्वती का स्रोत निकलता है। 

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