खगरिया के सीट पर फिलहाल एनडीए एव महागठबंधन के उम्मीदवार पर कई अटकलें
कोसी बिहार टुडे, सहरसा
भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति ने बिहार में जदयू-लोजपा से गठबंधन के बाद मिलीं अपने कोटे की 17 सीटों पर उम्मीदवार तय कर लिए हैं। हालांकि औपचारिक घोषणा होना बांकी है। पार्टी ने मौजूदा सभी सांसदों को टिकट दिया गया है। केवल मधुबनी से सांसद हुकुमदेव नारायण यादव की जगह उनके बेटे अशोक यादव लड़ेंगे। नवादा सीट लोजपा के खाते में जाने से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को बेगूसराय भेजा गया है। भाजपा को इस बार सुपौल, मधेपुरा एव खगरिया का सीट नही मिलने से इस क्षेत्र के मतदान केंद्र के ईवीएम में कमल चिन्ह नही देखने को मिलेगा।
बिहार में सामाजिक समीकरण और बगावत की आशंका को देखते हुए पार्टी ने जोखिम नहीं लिया है। हालांकि जिन सांसदों के टिकट गठबंधन की भेंट चढ़ गए हैं, उन्हें पार्टी ने मान मनौव्वल कर भविष्य में अन्य जिम्मा देने का भरोसा दिलाया है। नवादा सीट लोजपा को मिलने से गिरिराज पार्टी नेतृत्व के सामने नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। पार्टी महासचिव भूपेंद्र यादव और अन्य नेताओं ने उन्हें मनाने की कोशिश की है, जिसके बाद माना जा रहा है कि गिरिराज बेगूसराय से ही लड़ेंगे। चुनाव समिति की ओर से देरी के चलते पहले चरण के उम्मीदवारों को पार्टी ने सूचित कर दिया है ताकि वे पर्चा भर सकें।
ये बेटिकट : सतीश दुबे वाल्मिकीनगर, जनक राम गोपालगंज, वीरेंद्र चौधरी झंझारपुर, ओम प्रकाश यादव सीवान और हरि मांझी गया का टिकट कटा।
9 सीटें सवर्णों को, 8 पिछड़े-अतिपिछड़े व दलित को
टिकट बंटवारे में सामाजिक के साथ क्षेत्रीय समीकरण का ध्यान रखने की पूरी कोशिश की गई है। राजपूत, भूमिहार, ब्राह्मण, कायस्थ के साथ वैश्य, यादव और दलित-अति पिछड़ों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। भाजपा की सूची में सर्वाधिक 5 टिकट राजपूत उम्मीदवारों को दिया गया है जबकि यादव को तीन, वैश्य-ब्राह्मण-अति पिछड़ा को दो-दो और दलित-कायस्थ-भूमिहार को एक-एक टिकट दिया गया है। सबसे अहम यह है कि पार्टी ने अपने हिस्से की 17 सीटों पर किसी सांसद को बेटिकट नहीं किया है। जो खुद बाहर गए वे ही बेटिकट हुए। पार्टी ने अपने सांसदों पर भरोसा जताते हुए फिर से टिकट देकर उन तमाम कयासों को ध्वस्त कर दिया, जिसमें मौजूदा सांसदों को बेटिकट करने की बात थी। सीटों की औपचारिक घोषणा के पहले ही सभी उम्मीदवारों को अपने-अपने क्षेत्र में जाकर काम करने का टास्क सौंप दिया गया है।
सभी मौजूदा सांसदों को टिकट-
1. प. चंपारण- संजय जायसवाल
2. पूर्वी चंपारण- राधामोहन सिंह्
3. शिवहर- रमा देवी
4. मधुबनी -अशोक यादव
5. अररिया- प्रदीप सिंह
6. दरभंगा- गोपाल जी ठाकुर
7. मुजफ्फरपुर- अजय निषाद
8. महाराजगंज- जनार्दन सिग्रीवाल
9. सारण- राजीव प्रताप रूडी
10. उजियारपुर- नित्यानंद राय
11. बेगूसराय-` गिरिराज सिंह
12. पटना साहिब- रविशंकर प्रसाद
13. पाटलिपुत्र- रामकृपाल यादव
14. आरा- आरके सिंह
15. बक्सर- अश्विनी चौबे
16. सासाराम- छेदी पासवान
17. ओरंगाबाद- सुशील सिंह
महागठबंधन में सीट फाइनल, घोषणा होली के बाद---
महागठबंधन की सीटों और पहले चरण के उम्मीदवारों का ऐलान होली के बाद होगा। वाम को छोड़ अन्य की सीटों पर सहमति बन गई। कांग्रेस और राजद के सूत्रों के मुताबिक वाम दल साथ आए तो माले के लिए राजद और सीपीआई के लिए कांग्रेस को अपनी सीटें देनी होंगी। अगर पप्पू यादव कांग्रेस के बैनर तले चुनाव लड़े, तो उनको खगड़िया सीट देने की खातिर कांग्रेस, शरद के लोजद को एक सीट कुर्बान करने के लिए तैयार करेगी। कांग्रेस कीर्ति आजाद के लिए दरभंगा सीट लेने में कामयाब रही। जीतन राम मांझी ने गया से नामांकन करने का ऐलान किया है।
40 सीटों पर ऐसे बनी सहमति
राजद 20
कांग्रेस 9
रालोसपा 4
हम (से.) 3
वीआईपी 2
लोजद 2
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