शनिवार, 23 मार्च 2019

खगरिया लोकसभा: राजनीतिक दल ने बढ़ाया उम्मीदवार से लेकर मतदाता तक का धड़कन


बीते 48 घंटे में आधा दर्जन उम्मीदवार का नाम आया सामने, वर्तमान सासंद को भी टिकट के लिये पड़ रहा जूझना
कोशी बिहार टुडे, सहरसा

राजनीतिक दल ने खगरिया लोकसभा सीट को बिहार में चर्चा में ला दिया है। अगर एनडीए की बात करे तो ये सीट पूर्व से ही लोजपा के खाता में रहा, लेकिन महागठबंधन में ये सीट भीआईपी पार्टी के हिस्से में आ जाने से कई तरह के चर्चा होना शुरू हो गया।
बीते 48 घंटे में एनडीए में आधा दर्जन उम्मीदवार का नाम आया चर्चा में---
खगरिया लोक सभा क्षेत्र से पहले से वर्तमान सासंद चोधरी महबूब अली केसर के अलावा पूर्व मंत्री सम्राट चौधरी, रेणु कुशवाहा का नाम का चर्चा जोड़ो पर था। जिसमे वर्तमान सासंद श्री केसर का नाम आगे था।  लेकिन बीते 48 घंटे में लोजपा में एक नाम जुड़ा, डॉ संजीव सिंह। लोग हैरान-परेशान ये संजीव सिंह कोन है। फेसबुक से लेकर अन्य श्रोत से लोगो ने ढूंढना प्रारम्भ किया। तब जाकर पता लगा कि डॉ संजीव कुमार सिंह परबत्ता से  विधयाक एव पूर्व मंत्री आर एन सिंह के पुत्र है। बड़ा सवाल है कि क्या राजनीतिक दल हवा-हवाई उम्मीदवार को थोप रहा है। जिनका क्षेत्र में शून्य गतिविधि है, लोग जानते तक नही है उनको आप उम्मीदवार बना रहे है। सोसल मीडिया में भी ब्रेकिंग बन गया। फिर दूसरे सुबह यानी शनिवार को फिर मालूम हुआ कि खगरिया लोजपा सीट से सासंद चोधरी महबूब अली केसर का नाम से टिकट पक्का हो गया है। अब लोगो को आशा होने लगा कि 12 बजे एनडीए बिहार के सभी 40 सीटों से अपना उम्मीदवार का ऐलान करेगा। ऐलान हुआ भी, लेकिन 40 नही बल्कि 39। जिस सीट का एलान नही हुआ वह सीट खगरिया। उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि एक दो दिन में खगरिया सीट का भी ऐलान हो जायेगा। लोगो मे अब तक संसय बना हुआ है।
इधर महागठबंधन की बात करे तो कृष्णा कुमारी यादव अपनी सीट पक्का मानकर क्षेत्र में भृमण कर रहे थे। अपनी चुनाव की तैयारी कर रही थी। लेकिन महागठबंधन में खगरिया का ये सीट भीआईपी के खाते में चले जाने से सब मामला गड़बड़ हो गया। खुद कृष्णा कुमारी यादव आक्रोशित है।  लोगो का कहना है कि कृष्णा कुमारी यादव पिछले चुनाव हारने के बाद से लगातार क्षेत्र में सक्रिय रही एव लोगो से मिलती-जुलती रही। कई फायदा हुआ इन पांच साल में कृष्णा यादव को क्षेत्र में लोगो की सेवा करने का। राजनीतिक दल हवा-हवाई की तरह उम्मीदवार को उतार देता है, जिनको लोग जानता पहचानता तक नही। भीआईपी के खाते में ये सीट के चले जाने से कई नामो की चर्चा हो रहा है।

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