शनिवार, 9 मार्च 2019

सीटों के फेर में फंसी कांग्रेस में कई नेता कर रहा है इंट्री का इंतजार, पप्पू यादव के भी कांग्रेस से चुनाव लड़ने की चर्चा


सीट फाइनल नही होने से कई नेता असमंजस में
कोशी बिहार टुडे, सहरसा

कांग्रेस भले ही लोकसभा चुनावों में बीते तीन दशक से बिहार में बहुत प्रभावी भूमिका में न हो, पर इस बार हालात कई मायने में अलग हैं। पिछले कई चुनावों से उम्मीदवारों का टोटा झेल रही कांग्रेस के साथ इस बार यह दिक्कत नहीं है। लेकिन अब पार्टी को नए लोगों को शामिल कराने में दिक्कत हो रही है। असल में जो आना चाहते हैं, उनमें कई जाने माने नाम हैं और वो टिकट की गारंटी चाहते हैं।
कांग्रेस से लड़ने को इच्छुक है पप्पू यादव---
सांसद पप्पू यादव इस बार कांग्रेस से लड़ने को इच्छुक हैं। मगर राजद कैंप की नाराजगी आड़े आ रही है। हालांकि उनका नाम पूर्णिया से भी उछाला जा रहा है। पूर्व सांसद पप्पू सिंह भाजपा को अलविदा कह चुके हैं। कांग्रेस के टिकट पर पूर्णिया सीट पर लड़ना चाहते हैं किंतु सीट किसके खाते में जाएगी, इस असमंजस के कारण अब तक कांग्रेस में शामिल नहीं हुए हैं।
महागठबंधन में सीट बंटवारे पर अभी फैसला नहीं हुआ है। जो सीटें कांग्रेस को मिलने की उम्मीद है, उसके हिसाब से पार्टी के पास प्रत्याशी भी मौजूद हैं। कांग्रेस के खाते में वर्ष 2014 में 12 सीटें आई थीं। तब पार्टी के लिए दर्जनभर मजबूत प्रत्याशी जुटा पाना भी मुश्किल हो रहा था। मगर इस बार पार्टी के पास करीब डेढ़ दर्जन ऐसे नाम हैं, जिन्हें चुनावी दृष्टि से दमदार कहा जा सकता है। पर दिक्कत यह है कि महागठबंधन में कांग्रेस को सीटें दस-ग्यारह से ज्यादा नहीं मिलने जा रही हैं।
ऐसे में नए लोगों की एंट्री संभव नहीं हो पा रही, जबकि कई ऐसे नाम सुर्खियों में हैं, जो टिकट की गारंटी मिले तो 'हाथ' के साथ आने को तैयार हैं। जिन नामों की चर्चा है उनमें सिने अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा, सांसद अरुण कुमार और पप्पू यादव एवं पूर्व सांसद पप्पू सिंह सहित कई प्रमुख लोग हैं। एनसीपी छोड़ तारिक अनवर और हाल में भाजपा से आए कीर्ति आजाद कांग्रेसी हो चुके हैं। कटिहार से तारिक की राह तो टिकट के लिए आसान दिखती है लेकिन दरभंगा में अभी पेच फंसा है।
कांग्रेस को सीट मिले तो कई आने को तैयार ---शत्रुघ्न लगातार भाजपा के खिलाफ बोल रहे हैं। एक-एक करके सभी गैर भाजपाई दलों के नेताओं से मिल भी चुके हैं। उनके कांग्रेस के साथ आने की चर्चा थी मगर यह तभी संभव है जब पटनासाहिब सीट कांग्रेस के खाते में जाए। जहानाबाद के सांसद अरुण कुमार रालोसपा का दामन छोड़ चुके हैं। भाजपा के खिलाफ भी वे बोलते रहे हैं। उनके भी महागठबंधन से लड़ने की चर्चाएं हैं। कांग्रेसी सूत्र उनके संपर्क में होने की बात तो कहते हैं किंतु उसके लिए नवादा सीट पार्टी के खाते में आना जरूरी है। 
श्रोत-हिंदुस्तान

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