डॉक्टर के लापरवाही का सजा भुगता 7 वर्ष का मासूम
कोशी बिहार टुडे, सहरसा
उत्तर बिहार के प्रमुख अस्पताल दरभंगा मेडिकल कॉलेज एन्ड हॉस्पिटल में डॉक्टर की कथित लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां के हड्डी रोग विभाग में कथित रूप से सात साल के बच्चे के बाएं हाथ के बजाय दाहिने हाथ में प्लास्टर कर दिया गया। मंगलवार को मामले के प्रकाश में आते ही स्वास्थ्य महकमे में हड़कम्प मच गया। मामले की जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने डीएमसीएच अधीक्षक डॉ. राज रंजन प्रसाद को फोन कर मामले की जांच कराने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने हड्डी रोग विभागाध्यक्ष से जवाब तलब भी करने का निर्देश दिया।
स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर अधीक्षक ने हड्डी रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. लालजी चौधरी को अविलम्ब जवाब देने को कहा। सूत्रों के अनुसार जवाब में डॉ. चौधरी ने कहा है कि हड्डी रोग विभाग में बड़ी तादाद में मरीज इलाज के लिए आते हैं। उनके इलाज में कोई कोताही नहीं की जाती है। बच्चे के गलत हाथ में अगर कच्चा प्लास्टर किया गया है तो संभवत: यह मानवीय भूल हो सकती है। विभागाध्यक्ष की ओर से दिए गए स्पष्टीकरण की प्रति पटना भेज दी गई है।
इधर, परिजन मंगलवार की सुबह गलत हाथ में प्लास्टर किए जाने की शिकायत लेकर अधीक्षक कार्यालय पहुंचे। अधीक्षक ने बच्चे की जांच करने के दौरान पाया कि कच्चा प्लास्टर उसके दाएं हाथ पर चढ़ा था, जबकि उसके बाएं हाथ पर हेयर लाइन फ्रैक्चर था। जांच के बाद बच्चे को इलाज के लिए हड्डी रोग विभाग भेजा गया। बच्चे के पिता ने अधीक्षक के सामने आरोप लगाया कि कि हड्डी रोग विभाग में गलत हाथ में कच्चा प्लास्टर करने के अलावा बैंडेज व दवा उन्हें बाजार से लाने को कहा गया था। इस वजह से उन्हें दवा व सामग्री बाजार से खरीदनी पड़ी।
सात वर्ष के फैजान के पिता हनुमाननगर निवासी मो. शहजाद ने बताया कि सोमवार को गिरने से उनके बच्चे के बाएं हाथ में चोट आयी थी। इलाज के लिए उसे जटमलपुर स्थित स्वास्थ्य केन्द्र ले जाया गया था। वहां से उसे डीएमसीएच रेफर कर दिया गया। मो. शहजाद ने बताया कि वह बच्चे को लेकर डीएमसीएच पहुंचे। जांच करने के बाद हाथ में प्लास्टर करने के लिए उसे तीन बजे हड्डी रोग विभाग बुलाया गया। शाम के छह बजे प्लास्टर के लिए बच्चे का नम्बर आया। बच्चे का प्लास्टर कराने के बाद वे टेम्पो से घर लौट गए। टेम्पो से उतारने के लिए बच्चे की मां ने उसका बायां हाथ पकड़ा। हाथ पकड़ते ही बच्चा चिल्लाने लगा। तब उन्हें पता चला कि उसके गलत हाथ पर कच्चा प्लास्टर चढ़ा दिया गया है। उसी टेम्पो से वह बच्चे को लेकर दोबारा डीएमसीएच पहुंचे। काफी इंतजार के बाद एक डॉक्टर वहां पहुंचे। उन्होंने बच्चे का प्लास्टर कराने को कहा। हालांकि रात को उन्होंने बच्चे का प्लास्टर कराने से इनकार कर दिया।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. राज रंजन प्रसाद ने कहा कि मामला लापरवाही का है या फिर मानवीय भूल का, यह जांच के बाद ही तय हो सकेगा। आभार-हिंदुस्तान
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