एक साथ 12 ज्योतिलिंग का लगा दर्शन मेला, प्रजापति ईश्वरीय विश्वविद्यालय श्रद्धालु को करा रहा दर्शन
कोशी बिहार टुडे, सहरसा
नगर पंचयात के कला भवन में वुधवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की नई शाखा सिमरी बख्तियारपुर का शुभारंभ द्वादश ज्योतिर्लिंगम दर्शन मेला एवं स्वर्णिम भारत नवनिर्माण आध्यात्मिक प्रदर्शनी व राजयोग मेडिटेशन शिविर का शुभारंभ हुआ।
कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन एस.डी.एम. वीरेंद्र कुमार, डी.एस.पी. मृदुला कुमारी, उद्योगपति सुशील जायसवाल, समस्तीपुर से आए बी.के. कृष्ण अग्रवाल, सहरसा सेवा केंद्र प्रभारी स्नेहा बहन ने दीप प्रज्वलन द्वारा संयुक्त रूप से किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एस.डी.एम. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि आज के तनाव भरे युग में लोग शांति की तलाश में हैं और सिमरी बख्तियारपुर में नए सेवाकेंद्र के खुलने से निश्चित रूप से यहाँ के लोगों की वो तलाश पूरी होगी। श्रावण मास में द्वादश ज्योतिर्लिंग मेले का आयोजन एक छत के नीचे करने पर उन्होंने संस्थान को बधाई दी और भक्तजनों के लिए इसे सुनहरा अवसर बताया।
डी.एस.पी. मृदुला कुमारी ने नए सेवाकेंद्र के खुलने पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आध्यात्मिकता को अपने दैनिक जीवन में स्थान देने से हमारे विचारों में सकारात्मकता आती है और हम स्वयं को नकारात्मकता से दूर रख पाने में सक्षम हो पाते हैं।
स्नेहा बहन ने राजयोग मेडिटेशन द्वारा शांति की अनुभूति कराई व अपने उद्बोधन में कहा कि राजयोग हमारी सभी समस्याओं के समाधान की कुंजी है। इसके अभ्यास से हमारा मन शक्तिशाली होता है और हमारा जीवन सदा के लिए तनावमुक्त व ख़ुशनुम: बन जाता है। इसका तीन दिवसीय निःशुल्क प्रशिक्षण पोस्ट ऑफिस गली रोड स्थित स्थानीय सेवाकेंद्र पर 3 अगस्त से प्रातः 7:30 बजे, अपराह्न 3:30 बजे, 5:30 बजे और 8:30 बजे चार सत्रों में दिया जायेगा. उन्होंने शहरवासियों से इसका लाभ लेने का आह्वान किया. साथ ही उन्होंने बताया कि कला भवन में भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग का दर्शन भक्तगण आज से लेकर 6 जुलाई तक प्रातः 8 से रात्रि 8 बजे तक कर सकते हैं.
स्वागत भाषण शिक्षिका पूनम केसरी ने किया. धन्यवाद ज्ञापन सहरसा से पधारे इंजीनियर शिव शंकर सिंह ने किया। संचालन समस्तीपुर से पधारे बी.के. कृष्ण अग्रवाल ने किया। ओमप्रकाश भाई ने विद्यालय का परिचय दिया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से राधेश्याम अग्रवाल, अमर दहलान, अवधेश भगत, कृष्णमोहन झा, रौशन कुमार, उमाशंकर भाई, शत्रुघ्न चौधरी, गौरी बहन, कामिनी बहन आदि मौजूद थे।
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