शुक्रवार, 12 जुलाई 2019

नियम कानून गया तेल लेने, सगी बहन को बनाया सेविका-सहायिका बिना मेघा-सूची में नाम आये बन गयी सहायिका


कोशी बिहार टुडे, सहरसा

कोसी तटबन्ध के अंदर धनुपुरा पंचयात के वार्ड नंबर 02, भुरका घाट टोला में सेविका-सहायिका बहाली में नियम कानून को धत्ता  बताते सगी बहन को सेविका-सहायिका में बहाली कर दिया। इसमे सबसे मजेदार बात ये है कि सहायिका पद पर बहाल सावित्री कुमारी का ऑनलाइन आवेदन भी नही हुआ था। 
क्या है मामला---
कोसी तटबन्ध के अंदर धनुपुरा पंचयात के  8 जुलाई को आम सभा का आयोजन हुआ था। इस बहाली में महिला पर्यवेक्षिका मीना कुमारी एव वार्ड सदस्य मनिया देवी को बहाली के जिम्मा दिया गया था। इस कार्य मे महिला पर्यवेक्षिका ने नियम कानून के विपरीत मेघा-सूची में चौथे स्थान पर रही अभ्यर्थी का चयन कर लिया गया है। इसी केंद्र संख्या 293 में चयनित सेविका सकिता कुमारी की सगी बहन सावित्री कुमारी का चयन कर दिया। यानी कि एक ही केंद्र पर सेविका-सहायिका का चयन कर लिया। 
दिया आवेदन में रद्द करने की मांग--
चयन से बंचित रही आवेदिका रूबी कुमारी ने जिलाधिकारी, एसडीओ को आवेदन देकर निष्पक्ष जांच की मांग किया है। आवेदन में कहा है कि अप्रैल 18 में सेविका पद के आवेदन में प्रकाशित मेघा सूची में सकिता कुमारी पति दिलीप बिंद के द्वारा समर्पित माध्यम बोर्ड का प्रमाणपत्र दिया गया था। जिसने सकिता कुमारी को 60.14 प्रतिशत अंक था, एव मेघा सूची में अंतिम पायदान में पांचवे नंबर पर था। लेकिन जिलाधिकारी के द्वारा रद्द कर दिए जाने के बाद पुनः सेविका-सहायिका के लिये ऑनलाइन आवेदन की मांग किया गया। इस बार ऑनलाइन आवेदन में चयनित सेविका सकिता कुमारी का दिल्ली बोर्ड का प्रमाणपत्र दिया गया, जिसमे सकिता कुमारी को 79.83 प्रतिशत अंक दिखाकर मेघा-सूची में प्रथम स्थान पर काबिज हो गया। 
एक अभ्यर्थी का दो दो प्रमाणपत्र---
धनुपुरा भुरका घाट आंगनवाड़ी केंद्र संख्या 293 में चयनित सेविका के दो दो प्रमाणपत्र से अप्लाई किया। जिस कारण  पहले मध्यमा बोर्ड का प्रमाणपत्र दिया गया, जवकि दूसरी अप्लाई में दिल्ली बोर्ड का प्रमाणपत्र दिया गया।वही उसी केंद्र पर सेविका पद पर सकिता कुमारी एव सहायिका पद पर सगी बहन सावित्री कुमारी का चयन कर लिया गया। सवाल है कि क्या दोनों बहन का एक ही वार्ड एवं एक ही पोषक क्षेत्र में शादी हो गया है। 
  इस बाबत एसडीओ बीरेंद्र कुमार ने बताया कि जांच में अगर नियम के विरुद्ध बहाली की बात आया तो चयन प्रक्रिया रद्द किया जायेगा। वही गलत बहाली करने पर एलएस के विरुद्ध भी करवाई होगी। 

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