गुरुवार, 4 जुलाई 2019

कागज पर चालू, स्थल पर बंद, हाल ग्रामीणों क्षेत्र में लगाये गए पेयजल आपूर्ति संयंत्र का हाल

पीएचडी के द्वारा जिलाधिकारी को समर्पित सूची में सभी को चालू बताया था, आधा भी चालू नही
कोशी बिहार टुडे, सहरसा

जिलाधिकारी के निर्देश पर लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग सहरसा  द्वारा पंचायतों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर लाखों की लागत से बनाए गए पीडब्ल्यूएस एवं मिनी जलापूर्ति योजना (पीएस) जल मीनार पानी सप्लाई की क्षमता की जांच करने जब अनुमंडल पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार प्रशिक्षु वरीय उप समाहर्ता आलोक प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज कुमार जब विभिन्न पंचायतों में स्थल का जांच किया।  पीएचडी द्वारा सभी सयंत्र चालू हालात में रहने की रिपोर्ट सरकार को देने के उलट स्थल पर कई  पंचायतों में जल मीनार मात्र शोभा की वस्तु बनी दिखी। रखरखाव के अभाव में मिनी जल प्लांट जंगलों में तब्दील दिखी।  कई स्थानों पर मशीन की हालत बहुत ही दयनीय स्थिति में मिला।  अनुमंडल पदाधिकारी बिरेंद्र कुमार प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सरडीहा पंचायत में बने मिनी जल मीनार को देखने पहुंचे तो प्लांट परिसर पूरी तरह जंगलों में तब्दील था।  बड़े बड़े घास उग गए थे कमरा का  दरवाजा भी टूटा हुआ था।  सोनपुरा पंचायत में बने  प्लांट को देखने पहुंचे तो यहां पर मिनी जल मीनार चालू हालत में मिली परंतु पानी सप्लाई के लिए बनाए गए  केंद्र  की हालत अच्छी नहीं थी। ग्रामीणों ने बताया कि पानी 1 घंटे के लिए आता है, वहीं कई जगह नल के टूटे  होने के कारण पानी की बर्बादी हो रही थी।

 सरोजा पंचायत के करुआ गांव में  मिनी जलापूर्ति योजना का  हालत भी दयनिय स्थिति में था।  मोहम्मदपुर पंचायत के मिनी जल मीनार की स्थिति भी अच्छा नही था।  पानी सप्लाई सिस्टम सुचारू रूप से नहीं चल रहा था। वहां भी पानी सपना के लिए बनाए गए पाइपलाइन से पानी बह रहा था।   बेलवाड़ा पंचायत के दो जल मीनार की हालत अच्छी थी पानी का सप्लाई ग्रामीणों के सहयोग से चलाया जा रहा था। ग्रामीणों ने अनुमंडल पदाधिकारी बीरेंद्र कुमार को बताया कि कभी भी पीएचडी विभाग के कर्मचारी नहीं आते हैं। हम लोग अपने स्तर से मिनी जल मीनार को चला रहे हैं। महखड़ पंचायत में दो मिनी जलापूर्ति योजना में एक चालू हालात में था, तो एक कई महीनों से बंद था। 

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