शनिवार, 10 अक्तूबर 2020

न मांझी न पतवार, भाजपा की नैय्या पर मुकेश सहनी सवार, नहीं मिल रहे विधानसभा में उम्मीदवार


सिमरी बख्तियारपुर में भी एनडीए कार्यकर्ता है काफी गुस्से में, सोमवार की एनडीए कार्यकर्ता की अहम बैठक में हो सकता है कोई बड़ा फैसला

कोसी बिहार टुडे, सहरसा



भाजपा ने वीआईपी को 11 सीटें तो दे दीं, लेकिन मुकेश सहनी को इन सीटों के लिए उम्मीदवार नहीं मिल रहे

महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में हंगामा कर रंग में भंग डालने वाले मुकेश सहनी अब एनडीए की नैय्या पर सवार हैं। एनडीए में भाजपा और जदयू ने अपनी सीटों की कुर्बानी देकर वीआईपी को 11 सीटें तो दे दीं, लेकिन वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी को इन सीटों के लिए उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं।


अतिपिछड़ों के लिए प्यार की गंगा बहाने के चक्कर में भाजपा ने अपने निवर्तमान विधायकों की भी चिंता नहीं की। बोचहां और सुगौली सीटिंग सीटें होने के बावजूद वीआईपी पार्टी को दे दी गईं। यही नहीं, सहयोगी जदयू से ली गई और उसकी जीती गईं सीट गौडाबौराम भी वीआईपी को दे दी गई। पार्टी के इस फैसले को लेकर सभी 11 विधानसभा सीटों पर कार्यकर्ता गुस्से में हैं, लेकिन भाजपा की असल मुश्किल ये नहीं।


भाजपा की मुश्किल है कि जिस वीआईपी पार्टी के लिए उसने इतनी जहमत उठाई, उस पार्टी के पास इन 11 सीटों पर चुनाव लड़ाने के लिए उम्मीदवार ही नहीं हैं। वीआईपी के साथ सामने आ रही इसी मुश्किल पर अब भाजपा बैठक पर बैठक किए जा रही है।


भाजपा अब तक पहले चरण में अपने हिस्से आईं 29 सीटों पर ही केवल उम्मीदवारों का ऐलान कर पाई हैं। बाकी की 81 सीटों पर अब भी उसे उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करना है। भाजपा के खाते आईं सीटों में सबसे अधिक 46 पर दूसरे चरण में मतदान होना है, लिहाजा भाजपा के लिए पहले चरण से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण दूसरे चरण का रण है। पार्टी कुछ गिनी-चुनी सीटों पर अब भी मंथन कर रही है।


दिल्ली में हो रही बैठकों में इस बात पर चर्चा हो रही है कि मुकेश सहनी के हिस्से गईं सीटों पर उम्मीदवार कौन होंगे। एक तरफ बनियापुर और सुगौली जैसी कई सीटों पर वीआईपी के पास उम्मीदवार नहीं हैं। तो दूसरी तरफ भाजपा में इन सीटों के वीआईपी के हिस्से में जाने को लेकर कार्यकर्ताओं के बीच नाराजगी है। ऐसे में भाजपा ने वीआईपी के हिस्से गई कई सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का मन बना लिया है।


हालांकि इससे पहले ही मधुबनी सीट से भाजपा नेता सुमन कुमार महासेठ को वीआईपी का उम्मीदवार बनाया जा चुका था, लेकिन तब ऐसा लगा था कि भाजपा अपने कुछ नेताओं को वीआईपी में एडजस्ट कर रही है, लेकिन अब जो बात सामने आ रही है उससे ये साफ हो गया है कि वीआईपी की नैय्या भाजपा के उम्मीदवारों के बिना पार ही नहीं लग सकती।

सिमरीबख्तियारपुर में भी एनडीए कार्यकर्ता काफी गुस्से में--

सिमरीबख्तियारपुर विधानसभा सीट जेडीयू की परंपरागत सीट रही है। यहां से जेडीयू कई बार जीत हासिल कर चुके है। खासकर मधेपुरा सासंद दिनेशचंद्र यादव के द्वारा सिमरीबख्तियारपुर में 1990 से जितने के बाद यहां चहुमुखी विकास हुआ। जिसमें सिमरीबख्तियारपुर को अनुमण्डल बनाना ऐतिहासिक है। लेकिन मुकेश सहनी के द्वारा अपने परिवार के लिये सीट को ले लेना यहां किसी एनडीए कार्यकर्ता को हजम नही हो रहा है। हालांकि सिमरीबख्तियारपुर बीजेपी तो खुलेआम बेठक कर एक तरह से मुकेश सहनी को कह दिया कि अगर स्थानीय उम्मीदवार नही हुआ तो भविष्य में परेसानी हो सकती है। अब सोमवार को एनडीए कार्यकर्ता की बैठक में कोई बड़ा फैसला हो सकता है।

आज देर शाम पटना पहुंच सकते हैं भाजपा के कई नेता

दिल्ली में चल रही बैठकों का सिलसिला पटना में भी जारी रहेगा। दिल्ली में आज बैठक के बाद रविवार को पटना में भी बैठक होनी है, जिसमें दिल्ली बैठक में शामिल नेताओं के अलावा उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी शामिल होंगे। रविवार की इन बैठकों के बाद बीजेपी की दूसरी लिस्ट जारी हो सकती है। तीसरे चरण की सीटों के लिए तीसरी लिस्ट 12 अक्टूबर के बाद जारी हो सकती है।इनपुट-दैनिकभास्कर

1 टिप्पणी:

  1. जीतेगा तो मुकेश सहनी भी नही कियो की चुहा बिली का खेल बहुत हुआ

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