शुक्रवार, 29 जनवरी 2021

जो कार्य एक वर्ष पहले 7 लाख 95 हजार में होता था, वही कार्य के लिये दूसरे वर्ष कर दिया 14 लाख 28 हजार, सड़क एवं गली की तो सफाई नही हुई, लेकिन खजाना जरूर हो रहा है साफ

 जो कार्य वर्ष 18-19 में सा़फ-सफाई व डोर - टू - डोर कचरा प्रबंधन का लागत था 7 लाख 95 हजार

पुनः वर्ष 19 - 20 में इसी कार्य का 14 लाख 28 हजार खर्च कर रही नपं प्रशासन

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



नगर पंचायत सिमरी बख्तियारपुर में नगर की साफ़ - सफाई व डोर - टू - डोर कचरा प्रबंधन के नाम पर सरकारी राशि की बर्बादी की चर्चा चहुंओर हो रही है। वर्ष 2018  में जो कार्य 7 लाख 95 हजार रुपए किया जाता था, उसी कार्य को अगले वर्ष 14 लाख 28 हजार रुपए में किया जाने लगा। आश्चर्य फिर भी यह है कि सफाई के नाम काम सिर्फ मुख्य सड़कों की ही सफाई हो रही है और इतनी राशि खर्च करने के बाबजूद नगर पंचायत की सूरत किसी से छुपी नहीं है। जिसका खामियाजा हर वर्ष केंद्र सरकार द्वारा किये जाने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण में देखने को मिलता है। बीते वर्ष भी नगर पंचायत की स्थिति स्वच्छता सर्वेक्षण में 104 वां स्थान से उपर नहीं उठ सका था। 

 क्या है पुरा मामला 

प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर पंचायत सिमरी बख्तियारपुर क्षेत्र के 15 वार्डों में साफ़ - सफाई व इतने ही वार्डों के घरों से डोर - टू - डोर कचरा का संग्रह कर उसे कचरा डंपिंग यार्ड में पहुंचाने का टेंडर सुपौल जिले के गढ़ बरूआरी के एनजीओ राठौड़ एण्ड विश्वजीत इन्फ्रा डेवलपर्स लिमिटेड को वर्ष 18 -19 में 7 लाख 95 हजार रुपए में नपं प्रशासन द्वारा वैद्य चयन प्रक्रिया के तहत किया गया। पुनः नगर प्रशासन ने उपरोक्त कार्य अगले वर्ष के लिए आमंत्रण पत्र जारी किया। सबसे बड़ी बात है कि पुनः उसी एनजीओ को दुबारा कार्य मिलता है और राशि जो उस एनजीओ के हाथ अलग - अलग एकरारनामें के साथ एक कार्य साफ - सफाई की राशि 7 लाख 98 हजार 707 रूपए कर दूसरे कार्य डोर - टू - डोर कचरा उठाव को 6 लाख 30 हजार रुपए कर शर्तों के साथ तीन साल का एकरार कर दिया गया। नपंवासियो ने बताया कि ऐसी एनजीओ जिसका सफाई के प्रति हमेशा लापरवाही सामने आती रही। उस एनजीओ को कैसे तीन साल के लिए नगर सफाई का दायित्व दे दिया गया। यह एक जांच विषय है। आश्चर्यजनक यह भी है कि सात लाख के काम को चौदह लाख में करवाने से क्या सरकारी राशि की बर्बादी का मामला प्रतीत नही हो रहा है। 

नही मिलती कोई सुविधा



सिमरी बख्तियारपुर नगर पंचायत में कार्यरत सफाई कर्मी को भी बीते कई वर्षों से सुविधा के नाम पर सबकुछ शून्य ही मिला है। एकरारनामा के अनुसार सफाई के लिए चयनित एनजीओ को सफाईकर्मी को सुरक्षा सामाग्री तथा हैंड ग्लब्स, जूता, ड्रेस, रेडियम पट्टी युक्त सुरक्षा टोपी देना अनिवार्य था, लेकिन बीते कई वर्षों से सफाईकर्मी को यह सुविधा नही दिया जाना एनजीओ के लापरवाही पूर्ण रवैये को दर्शाता है। इसके अलावे चनयित एनजीओ राठौड़ एंड विश्वजीत इंफ्रा डेवलपर्स को एक स्थायी प्रतिनिधि रखनी थी, लेकिन एकरारनामे के कई वर्ष बाद भी स्थायी प्रतिनिधि आमजनों के बीच उपलब्ध नही है। 

क्या कहते हैं नगर कार्यपालक पदाधिकारी--

नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी कमलेश कुमार प्रसाद ने बताया कि बोर्ड के निर्णय के अनुसार सशक्त स्थायी समिति के निर्णय के मुताबिक जो भी समीक्षा की गई उसके अनुरूप यह तय हुआ है। पिछले बार वाली एजेंसी खाद नही बना रही थी।

वहीं इस बाबत नगर अध्यक्ष प्रतिनिधि मो मोजाहिद आलम ने बताया कि पहले सिर्फ एनजीओ कचरा उठाव करती थी। परंतु वर्तमान में कचरा उठा कर उसे खाद बनाया जा रहा है। 

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