कोशी बिहार टुडे, सहरसा
अगर आप को लगता है कि अच्छी कमाई नहीं हो रही है तो मोती की खेती में हाथ आजमाना चाहिए। यह खेती करीब 2 लाख रुपये के निवेश से शुरू हो सकती है और बाद में आपको हर माह औसतन 1 लाख रुपये महीने की कमाई करा सकती है। आजक मोती की मांग घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मार्केट में काफी है।
बिहार के समस्तीपुर जिले के दलसिंहसराय के बुलाकिपुर गांव में प्रणव कुमार खुद कई सालों से मोती की खेती कर रहा है। वही अपने यहां लड़को को भी ट्रेनिंग दे रहा है। मोती की खेती की जानकारी मिलने पर सासंद चौधरी महबूब अली केसर ने प्रणव को अपने आवास पर बुलाकर सारी जानकारी लिया। वही सासंद श्री कैसर ने बताया की कम लागत में ये एक अच्छा कारोबार है। जहाँ इनकी मांग बाजार में ज्यादा है वही बेरोजगार युवक खुद रोजगार कर अच्छा पैसा कमा सकता है। अब बहुत जल्दी ही सिमरी बख्तियारपुर इनकी ट्रेनिंग कुछ लोगो को दिया जाएगा। ये ट्रेनिंग प्रणव कुमार के पर्ल फाउंडेशन देगा।
कैसे होती है मोती की खेती--
मोती की खेती शुरू करने के लिए खेती की जमीन की जगह छोटे से तालाब की जरूरत पड़ती है। इसी तालाब में सीप के माध्यम से मोती की खेती की जाती है, जो बाद में अच्छी कमाई कराती है। इस तालाब में मोती ऐसे तैयार होते हैं, या खुद छोटे से छोटे पानी टंकी बनाकर मोती की खेती कर सकते है।
ऐसे होती है मोती की खेती
मोती की खेती शुरू करने के लिए करीब 500 वर्गफीट के एक तालाब की जरूरत होती है। इस तालाब में 100 सीप डालकर मोती की खेती शुरू की जा सकती है। सीप की बाजार में कीमत करीब 15 रुपये से लेकर 25 रुपये तक होती है। वहीं ताबाल में स्ट्रक्चर सेटअप पर करीब 10000 रुपये से 12000 रुपये तक का खर्च आता है। इसके अलावा वाटर ट्रीटमेंट पर भाी करीब 1000 रुपये और 1000 रुपये के उपकरण भी लेने होते हैं।
कैसे होती है कमाई--
जब सीप तालाब में डाला जाता है तो इसमें से 15 से लेकर 20 महीने के बाद सीप से मोती मिलता है। इस मोती की बाजार में कीमत 300 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक होती है। वहीं अगर आपका तैयार किया गया मोती अच्छी गुणवत्त का है तो इस डिजाइनर मोती के लिए आपको अंतरराष्ट्रीय बाजार में 10 हजार रुपये का दाम भी मिल सकता है। ऐसे में अगर एक मोती से औसतन 1000 रुपये मिल जाता है तो कुल मिलाकर 1 लाख रुपये तक की कमाई आसानी से हो सकती है। सीप की संख्या को बढ़ाकर आप चाहें तो अपनी कमाई भी बढ़ा सकते हैं।
सीप में डालना होता है बीज
मोती की खेती थोड़ा वैज्ञानिक खेती है। इसलिए इसे शुरू करने से पहले आपको प्रशिक्षण की जरूरत पड़ेगी। यह ट्रेनिंग भारत सरकार की तरफ से कराई जाती है। इस ट्रेनिंग के बाद आपको सीप की व्यवस्था करनी होगी। यह सीप आप सरकारी संस्थानों से या मछुआरों से ले सकते हैं।
कैसे करें सीप को तैयार
सबसे पहले इन सीप को खुले पानी में डालना पड़ता है। फिर 2 से 3 दिन बाद इन्हें निकाला जाता है। ऐसा करने से सीप के ऊपर का कवच और उसकी मांसपेशियां नरम हो जाती हैं। लेकिन इन सीप को ज्यादा देर तक पानी से बाहर नहीं रखना चाहिए। जैसे ही सीपों की मांशपेशियां नरम हो जाएं इनमें मामूली सर्जरी के माध्यम से सिप के अंदर सामग्री डाली जाती है, तब मोती बनता है।
सामग्री के चलते निकलने लगता है पदार्थ
जब इस तरह से सीप में कोई सामग्री डाला जाता है, तो सीप में चुभन होती है। इसके चलत सीप अपने अंदर से निकलने वाला पदार्थ छोड़ना शुरू कर देता है। अब 2 से 3 सीप को एक नायलॉन के बैग में रखकर तालाब में बांस या किसी पाईप के सहारे छोड़ा जाता है। बाद में इस सीप से 15 से 20 महीने के बाद मोती तैयार हो जाता है। अब कवच को तोड़कर मोती निकाला जाता है।
सरकार से ले सकते हैं फ्री में ट्रेनिंग-
इंडियर काउंसिल फॉर एग्रीकल्चर रिसर्च के तहत एक नया विंग बनाया गया है। इस विंग का नाम सीफा यानि सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रेश वॉटर एक्वाकल्चर है। यह फ्री में मोती की खेती की ट्रेनिंग देती है। इसका मुख्यालय उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में है। यहां पर कोई भी 15 दिनों की ट्रेनिंग ले सकता है। अगर कृषि विभाग चाहे तो आत्मा के माध्यम से किसानों को ट्रेनिंग मिल सकती है। चूंकि आत्मा ट्रेनिंग देने वाली ही संस्था है। लेकिन शायद ही आत्मा इस मोती की खेती में किसानों को ट्रेनिंग दिलाने में दिलचस्पी ले।
आसानी से बिक जाता है मोती
मोती को बेचना भी काफी आसान है। इनके बाजार देश के कई राज्यों में हैं। अगर आप चाहें तो हैदराबाद, सूरत, अहमदाबाद, मुंबई जैसे शहरों में सीधे भी अपने मोती बेच सकते हैं। इन शहरों में हजारों कारोबारी हैं, जो मोती का के व्यवसाय में लगे हुए हैं। वैसे कई बड़ी कंपनियां भी हैं जो देशभर में अपने एजेंटों के माध्यमों से इन मोतियों को खरीदती हैं। आप चाहें तो इन कंपनियों से भी संपर्क में रह सकते हैं। अगर आपको इंटरनेट की समझ है तो आप ऑनलाइन भी अपने मोती बेच सकते हैं।
अगर आप भी मोती की खेती करने के लिये ट्रेनिंग लेना चाहते है तो समस्तीपुर के दलसिंहसराय में पर्ल फॉउंडेशन के प्रणव कुमार जिनका मोबाइल नंबर एवं व्हाट्सएप 9540146646 पर सम्पर्क कर ट्रेनिंग ले सकते है।
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