द्वितीय श्रेणी में पूर्व की तरह आरक्षण होगा, ट्रेन में कम होगी जेनरल बोगी
कोशी बिहार टुडे, सहरसा
सभी ट्रेनों से स्पेशल का टैग हटने से यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी. पटना जंक्शन से 230 मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें गुजरती हैं। सभी ट्रेनें स्पेशल के नाम पर हैं। इसमें यात्रियों को अधिक किराया देना पड़ रहा है। कोराना महामारी से पहले पटना से नयी दिल्ली के लिए स्लीपर में लगभग 450 रुपये किराया लगता था। कोरोना महामारी के बाद शुरू स्पेशल ट्रेनों में 520 रुपये देने पड़ रहे हैं। हालांकि अलग-अलग ट्रेनों का किराया अलग-अलग है। इसके अलावा अनारक्षित कोच में सफर करने पर भी यात्रियों को आरक्षित टिकट कटाना पड़ रहा है। इससे यात्रियों को 25 से 35 रुपये अतिरिक्त खर्च करना पड़ रहा है। दानापुर रेल मंडल में चलने वाली 42 पैसेंजर ट्रेनों में मेल/एक्सप्रेस का किराया लिया जा रहा है।
बोर्ड ने सेंटर फॉर रेलवे इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स (क्रिस) को इसके लिए सॉफ्टवेयर में जरूरी बदलाव करने को कहा गया है। सॉफ्टवेयर में बदलाव होते ही ट्रेनों के नंबर के आगे लगा शून्य हट जायेगा। साथ ही, स्पेशल श्रेणी होने की वजह से जो किराया बढ़ा था, वह भी पहले जैसा हो जायेगा। रेलवे बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि ट्रेनों में कोविड गाइडलाइन का पालन किया जायेगा।
विशेष स्थितियों में दी गयी छूट के अलावा द्वितीय श्रेणी का संचालन आरक्षण के साथ ही होगा। यानी जनरल डिब्बे में यात्रा के लिए आरक्षण कराना पड़ेगा। इसके अलावा, एसी में सफर के दौरान चादर, तकिया, कंबल, तौलिया वगैरह नहीं दिये जायेंगे। गौरतलब है कि पिछले साल जब कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन में ढील दी गयी, तब से रेलवे केवल विशेष ट्रेनें चला रहा है।
ये सब नोटंकी भर है... बख्तियारपुर से सहरसा,सहरसा से मधेपुरा और सहरसा से सुपौल के लिये सुबह 9-10 बजे एक भी ट्रेन नहीं चलने से हज़ारों गरीब मजदूर और कार्यालय जाने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। रोजी रोटी का संकट अलग मुंह बाये खड़ा है। कागज़ी सरकार सिर्फ कागजों पर ट्रेन दौड़ाती है।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया सुझाव गूंगी बहरी सरकार के लिए
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