विदयालय में नामांकित 460 छात्र नामांकित, लेकिन डीपीओ के पहुचने पर मिला एकमात्र छात्र
कोशी बिहार टुडे, सहरसा
मध्य विद्यालय बदिया-बलहमपुर में डीपीओ के निरिक्षण में मात्र एक छात्र थे उपस्थित
सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड में कोसी तटबंध के अंदर हो या बाहर शिक्षा विभाग का बहुत ही बुरा हाल हो गया है। शिक्षा की गुणवत्ता की बात तो दूर हाल यह है कि स्कूल में ना तो शिक्षक रहते हैं और ना ही बच्चों की उपस्थिति देखी जा रही है। जिसका खुलासा कोई ओर नहीं खुद ही शिक्षा विभाग से जुड़े पदाधिकारी के निरीक्षण से हुआ है। जब पदाधिकारी के द्वारा एक स्कूल का निरीक्षण किया गया तो वहां पर लगभग नामांकित 460 बच्चों में से मात्र एक बच्चे उपस्थित थे और 8 शिक्षक में से दो-तीन शिक्षक ही उपस्थित पाये गये। आश्चर्य जनक बात ये है कि मात्र एक छात्र के विदयालय में उपस्थित रहने से डीपीओ तो हक्का-बक्का रहे, लेकिन चावल की नापी कराकर चलते बने। आग ग्रामीणों का कहना है कि अगर शिक्षा विभाग इन विदयालय के प्रधान सहित अन्य शिक्षक पर करवाई नही करेगी तो हमलोग फिर आगे की रणनीति पर विचार करेंगे।
शुक्रवार को एमडीएम विभाग के डीपीएम अमित कुमार प्रखंड के मध्य विद्यालय बदिया बलहमपुर में एमडीएम का भंडारित खाद्यान्न की जांच करने स्कूल पहुंचे। जिसके साथ में एमडीएम विभाग का डीआरपी संत कुमार भारती तथा स्थानीय बीआरपी विनय कुमार भी थे। डीपीएम स्कूल पहुंचने के बाद स्कूल की स्थिति देख खुद हक्का बक्का रह गए। स्कूल में मात्र एक ही बच्चे उपस्थित पाये और तीन शिक्षक मौके पर उपस्थित देखे। हालांकि स्कूल में डीपीएम के पहुंचने की खबर मिलते ही दो-तीन शिक्षक और भी हांफते-हांफते पहुंच गए। वहीं मिली जानकारी अनुसार डीपीएम के निरीक्षण में स्कूल के प्राधानाध्यापिका सुनैना कुमारी अनुपस्थित देखी गई। जिनके बारे में शिक्षको ने बताया कि वे 7 दिसम्बर से 11 दिसम्बर तक शिक्षा समिति के अध्यक्ष से अनुमति लेकर आकस्मिक अवकाश पर है।
वितरण करने के बजाय स्कूल में मिला खाद्यान्न का भंडार :-
विद्यालय में भंडारित खाद्यान्न का जांच करने पहुंचे डीपीओ को स्कूल में भारी मात्रा में उपलब्ध खाद्यान्न का भंडार मिला। जो कि कुछ कोठी तो कुछ बोरा में रखा हुआ मिला। डीपीओ ने शिक्षा समिति तथा ग्रामीणो की मौजूदगी में स्कूल में भंडारित खाद्यान्न का तराजू पर मापी कराया। खाद्यान्न की मापी कराने के बाद कुल लगभग साढ़े 82 क्वींटल खाद्यान्न स्टॉक में मिला। जबकि भंडारित खाद्यान्न को बच्चो के बीच वितरण कराना था।
ग्रामीणो ने जमकर किया शिकायत :-
स्कूल निरीक्षण करने पहुंचे डीपीएम को ग्रामीणो ने जमकर शिकायत किया। ग्रामीणो ने कहा कि स्कूल में पठन पाठन नहीं होती है। शिक्षक भी एक्का-दुक्का ही आते हैं। जिसके कारण स्कूले आने-जाने से स्कूली बच्चों की दिलचस्पी कम हो गई है। स्कूल की स्थिति बद से बदतर हो गई है। शिकायत करने के बाद भी विभाग के स्थानीय पदाधिकारी व अधिकारी के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया जाता है। लिहाजा शिक्षको का हौंसला बुलंद रहता है और वे अपने मनमर्जी से स्कूल का संचालन कर रहे हैं। वहीं इसके अलावा ग्रामीणो ने कहा कि स्कूल में खाद्यान्न के भारी मात्रा में भंडार रहने के बावजूद भी शिक्षक के द्वारा वितरण नहीं किया जाता है। बीते वर्ष 2020 के दिसम्बर माह से लेकर अब तक खाद्यान्न का वितरण नहीं किया गया है।
क्या कहते हैं पदाधिकारी :-
एमडीएम विभाग के डीपीएम अमित कुमार ने स्कूल की बदतर स्थिति पर नाराजगी जताते ग्रामीणो को आश्वासन दिया कि स्कूल से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा तथा विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें