बुधवार, 13 अप्रैल 2022

वंदे भारत एक्सप्रेस: सहरसा से शुरू होगी वंदे भारत एक्सप्रेस, दिल्ली का सफर करना हो जायेगा आसान

 सहरसा से बरौनी, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर होते हुए दिल्ली तक चलाये जाने की तैयारी है। 

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



रेलवे से मंजूरी मिलने के बाद होगी आधिकारिक घोषणा

बिहार से दिल्ली और मुंबई सफर करनेवाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर है. बताया जाता है कि पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) ने 10 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने का प्रस्ताव तैयार किया है। इनमें से एक सहरसा से बरौनी, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर होते हुए दिल्ली तक चलाये जाने की तैयारी है। 



अभी नहीं हुई है आधिकारिक घोषणा

हालांकि, इस संबंध में पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) के सीपीआरओ ने  बताया कि सोशल मीडिया में चल रही खबरें पूर्व विश्लेषण हैं। इसकी अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है। रेल मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद वंदे भारत एक्सप्रेस के रूट और संख्या की आधिकारिक घोषणा की जायेगी। 


मुजफ्फरपुर होकर गुजरेगी वंदे भारत एक्सप्रेस:

बताया जाता है कि बिहार से दिल्ली और मुंबई के लिए दो वंदे भारत एक्सप्रेस का परिचालन किया जायेगा. पूर्व मध्य रेलवे ने 10 वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने का प्रस्ताव तैयार किया है।  दोनों ट्रेनें मुजफ्फरपुर होकर गुजरेंगी। सोनपुर रेल मंडल के सहरसा से वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की बात की जा रही हैं। यह ट्रेन बरौनी, समस्तीपुर होते हुए गुजरेगी। 



भारत की सेमी हाई स्पीड ट्रेन है वंदे भारत एक्सप्रेस:

मालूम हो कि अभी इन इलाकों से दिल्ली जाने में करीब 18 से 20 घंटे का समय लगता है.। ट्रेन 18 के नाम से जानी जानेवाली वंदे भारत एक्सप्रेस भारत की सेमी हाई स्पीड ट्रेन है। इसके शुरू होने से मात्र 14 से 16 घंटे में दिल्ली का सफर तय हो सकेगा। 

 

ट्रैकों का किया जा रहा आधुनिकीकरण:

बताया जा रहा है कि वंदे भारत एक्सप्रेस के परिचालन को लेकर ट्रैकों के आधुनिकीकरण और रखरखाव पर रेलवे ध्यान दे रहा है।  रूट के सभी पुल-पुलियों को अपग्रेड किया जा रहा है। साथ ही सिंगल लाइन के दोहरीकरण का काम भी जोरो-शोर से चल रहा है।  साथ ही बताया जा रहा है कि अधिकतर ट्रेनों में मेमू रैक का इस्तेमाल किया जायेगा। 


अधिकतर ट्रेनों में मेमू रैक का इस्तेमाल करने की तैयारी:

मेमू रैक का अधिकतर इस्तेमाल पैसेंजर ट्रेन के अलावा महानगरों के मेट्रो ट्रेनों में होता है। इसमें अलग से इंजन की जरूरत नहीं होती। ऐसी ट्रेन में तीन स्थानों से बिजली आपूर्ति किये जाने से ट्रेन आसानी से रफ्तार पकड़ लेती है। आनेवाले समय में अधिकतर रूटों पर मेमू रैक का इस्तेमाल करने की तैयारी चल रही है। इनपुट:प्रभात खबर

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