शुक्रवार, 27 मई 2022

राह चलते लड़की को फोटो खींचकर करता था छेड़खानी, ग्रामीणों ने चप्पल का माला पहनाकर कर दिया मनचलों का इलाज

 कोशी बिहार टुडे, सहरसा



सिमरी बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के कोसी नदी के अंदर धनुपरा पंचायत के फरेबा गांव में दो मनचले युवक को ग्रामीणों ने चप्पल का माला पहनाकर पहले गांव में भ्रमण कराया एवं बाद में गांव में ही एक जगह बांध दिया। ग्रामीणों के अनुसार ये दोनो लड़का फारेबा गांव निवासी  सीताराम महतो का लड़का है। ग्रामीणों का कहना है की ये लड़का सड़क चलते लड़की को छेड़खानी करता था। सेल्फी लेता था था। जिन कारण ग्रामीण लड़किया इन मनचले युवक से परेशान था। ग्रामीणों के अनुसार लड़किया स्कूल पढ़ने के।लिए जाती थी। ये लड़का सहित अन्य लड़का भी बराबर इन स्कूल पढ़ने जाने वाली लड़कियां के साथ छेड़खानी, सेल्फी खींचकर सोशल मीडिया पर डाल देता था। जीन कारण लड़की के माता-पिता सहित परिजन परेशान रहते थे। शुक्रवार को लड़किया पढ़ने जा रही थी। बस लड़की को देख ये दोनो लड़का चलते चलते लड़की का सेल्फी खीच लिया। बस लड़की ने परिजन को सूचना दिया, जिन कारण ग्रामीण भड़क गया एवं लड़का को पकड़ कर उनके गले में चप्पल की माला पहना दिया। इस घटना के बाद ग्रामीणों की भीड़ उमड़ गया। ग्रामीणों ने बताया की घटना की सूचना कनारिया ओपी को दिया गया। लेकिन कनारिया पुलिस सिमरी बख्तियारपुर में थी, जिन कारण आगे की करवाई नही हो सकी। 

शनिवार को है फरेवा गांव में है सामाजिक पंचायत:

 इस मामले को लेकर धनुपरा पंचायत के फतेबा गांव में ग्रामीण पंचायत का आयोजन किया गया है। ग्रामीणों के मुताबिक स्कूल में पढ़ने जाने वाली छात्रा के साथ इस तरह की हरकत को लेकर बैठक किया गया है। जिसमे हरेक पहलू पर विचार किया जाएगा। अभी भी दोनो लड़का ग्रामीण के शिकंजे में आया है।

मंगलवार, 17 मई 2022

अंचल कचहरी से बिचौलिया को खदेड़ना जरूरी, नही तो सरकारी एवं गरीब की जमीन पर कब्जा कराते रहेंगे ये बिचौलिया

 सिमरी बख्तियारपुर अंचल कचहरी बिचौलिया के कब्जे में, जमीन की कागजात की हेराफेरी कर किसान को लुटते है बिचौलिया

चकभारो पंचायत में एक सरकारी जमीन पर पक्का निर्माण करवाने एवं दूसरा शमशान की की मिट्टी को चिमनी में बैचवाने वाला जो चकभारों का रहने वाला है, अंचल कचहरी का है बिचौलिया

कोशी बिहार टुडे, सहरसा

अंचल कचहरी सिमरी बख्तियारपुर जो आम लोग बिचौलिए की मदद से रजिस्टर-2 को देखते हुए


अनुमंडल मुख्यालय के सिमरी बख्तियारपुर के अंचल कचहरी पर बिचौलियों का कब्जा है। स्थिति यह है कि बिचौलियों की तिकड़म से किसान परेशान है। नतीजतन हर जगह बिचौलियों ने कब्जा जमा रखा है। सिमरी बख्तियारपुर अंचल कचहरी पर बिचौलिये इस कदर हावी हैं कि अंचलाधिकारी भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। यहां बिचौलिया रसीद तो काटते ही हैं किसान का मूल रजिस्टर-2 भी बिचौलिये के कब्जे में रहता है। आम किसानों को अपनी जमीन की ब्योरा लेने, सहित अन्य कार्य में भारी कठिनाई के साथ साथ आर्थिक एवं मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यही कारण है कि दिनों-दिन जमीन संबंधी विवाद बढ़ रहा है। अगर कोई किसान किसी जमीन की जानकारी लेता है तो पहले तो उनको घुस दीजिए तब जानकारी मिलेगी। रसीद कितने राशि का क्यों ना हो, लेकिन किसान से रसीद मूल्य से कई गुना ज्यादा करके वसूला जाता है। वर्ष 13 में तत्कालीन डीसीएलआर मो. रासिद हुसैन ने बिचौलिये के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया था। उस समय सारे बिचौलिये अंचल कचहरी से गायब हो गये थे। जैसे ही श्री हुसैन का तबादला हुआ कि फिर अंचल कचहरी पर बिचौलिये हावी हो गये। बताया जाता है कि जिस समय तत्कालीन डीसीएलआर का तबादला हुआ तो कई अंचल कचहरी के बिचौलिये खुशी में मिठाई बाटी थी।  बिचौलिया का अंचल कचहरी पर सारे अभिलेख, रजिस्टर सहित अन्य कार्य करते हैं। 

जमाबंदी से हेराफेरी से लेकर कई गलत कार्य बिचौलिया करते है:

सिमरी बख्तियारपुर नगर परिषद सहित प्रखंड क्षेत्र में सक्रिय भूमाफिया सरकारी जमीन पर कब्जा करने के अलावे कमजोर गरीब लोगो की कीमती जमीन हड़पने को लेकर इसी अंचल कचहरी में कागजात की हेराफेरी करवाते है, बाद दबंगई से जमीन पर कब्जा करते है। यही कारण है की सिमरी बख्तियारपुर जमीन संबंधी मामले की भरमार है। 

बिचौलिया के घर पर रहता है भूमाफिया का जमावड़ा:

बताया जाता है की जो बिचौलिया अंचल कचहरी में रहते है, यही जमीन संबंधी हेराफेरी भी करते है। चूंकि इनके पास हर मोजा का कागजात रहते है। कहने को तो ये राजस्व कर्मचारी का मदद में रहता है, लेकिन हकीकत में ये जमाबंदी से छेड़छाड़ सहित कई तरह के गलत कार्य में इनकी सीधे संलिप्ता रहती है। प्रतिदिन सुबह में नेताओं की तरह इनके घर पर भी भूमाफिया का जमावड़ा लगा रहता है। बताया जाता है की चकभारो पंचायत में एक सरकारी जमीन पर कब्जा कर पक्का निर्माण करवाने एवं शमशान की मिट्टी को काटकर चिमनी को बेचनेवाले एक बिचौलिया जो चकभारो का ही रहने वाला है अंचल कचहरी में सारे जमीन की हेराफेरी में ये संलिप्त है। 

निजी लोग करते है रजिस्टर-2 का निरीक्षण:

अंचल कचहरी का बुरा हाल बना हुआ है। किसान के जमीन का कागजात अंचल कचहरी में सुरक्षित नही है। एक तो आजादी के समय से बना खपरेल पूरी तरह से जर्जर है। हल्की बारिश में पानी कमरा में जमीन के कागजात पर ही रिसता है। अंदर से लोग प्लास्टिक टांग कर कागजात को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। बावजूद उक्त अंचल कचहरी में कागजात सुरक्षित नही है। जिनको जब मन होता है, रैयत की जमीन की एक मात्र सबूत रजिस्टर-2  को लेकर इधर से उधर हेराफेरी में लगा रहता है। यही कारण है इनलोगो के कारण रैयत की अपनी वाजिब जमीन होने के वावजूद अंचल कचहरी में मौजूद बिचौलिया के कारण किसान परेशान रहते है। जबकि प्रखंड मुख्यालय में रिकार्ड रूम बनना 5 वर्ष से ज्यादा हो गया। लगभग दो वर्ष से ज्यादा तो उसमे अंचल कार्यालय भी चला था। 

क्या कहते है एसडीओ:

सिमरी बख्तियारपुर एसडीओ अनीशा सिंह ने बताई की प्रखंड मुख्यालय में रिकार्ड रूम बना है। अब जमीन से सबंधित सभी कागजात रिकार्ड रूम में रखा जाएगा। वही अगर अंचल कचहरी में बिचौलिया रहता है तो उनके खिलाफ करवाई होगी। 



बुधवार, 11 मई 2022

अररिया डीएम इनायत खान वो महिला अधिकारी, जिनके पीएम मोदी है फैन, पुलवामा हमले के शहीदों की बेटियो की कर रही है परवरिश

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



अररिया जिले के डीएम  इनायत खान को बनाया गया है। इनायत खान वो महिला अधिकारी हैं जिन्होंने मिसाल कायम की। पीएम मोदी ने भी उनकी प्रशंसा की। बिहार कैडर की इस महिला अफसर के नाम कई उपलब्धियां हैं। चलिए जानते हैं कौन हैं इनायत खान।

अररिया जिले की विधि व्यवस्था और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन ही मेरी पहली प्राथमिकता होगी। गुणवत्तापूर्ण तरीके से योजनाओं के क्रियान्वयन सुनिश्चित कराया जाएगा। शिक्षा व्यवस्था में सुधार के साथ-साथ जीविका सहित अन्य विभाग द्वारा जीविकोपार्जन व स्वरोजगार से संबंधित योजनाओं को बढ़ावा दिया जाएगा। कहा कि सामुहिक सहयोग से जिले के सर्वांगीण विकास का हर संभव कोशिशें की जा जाएगी।' मंगलवार को जिलाधिकारी के रूप में पदभार ग्रहण करते हुए IAS इनायत खान ने उक्त बातें कही। इनायत, जिसका मतलब देखभाल, चिंता, फेवर होता है। इस महिला अधिकारी का जैसा नाम है वैसा इनका व्यवहार भी। अररिया की नई डीएम के बारे में विस्तार से जानते हैं।

           (पदभार ग्रहण करने के बाद अधिकारियों संग की बैठक)


आईएएस इनायत खान, ये नाम उस समय सुर्खियां बटोरने लगा। जब पुलवामा आतंकी हमले में बड़ी संख्या में देश के जवान शहीद हुए। इनमें बिहार के भी जवान शामिल थे। इनायत ने पुलवामा हमले में शहीद हुए रतन ठाकुर और संजय कुमार की बेटियों को गोद लेने का ऐलान कर दिया। इसके अलावा उन्होंने अपना दो दिन का वेतन शहीदों को दे दिया। इनायत ने शहीदों की बेटियों की ताउम्र परवरिश करने के फैसले को इंटरनेट मीडिया पर सराहा गया।

पीएम मोदी ने की तारीफ

अररिया से पहले इनायत बिहार के शेखपुरा जिले की डीएम थीं। इस जिले की गिनती बिहार के पिछड़े जिलों में होती है। केंद्र सरकार देश के जिन 113 जिलों में आकांक्षा योजना चला रही है, उसमें बिहार का शेखपुरा भी शामिल है और यहां इस योजना के तहत बेहतर काम हुआ। लिहाजा, पीएम मोदी ने एक वीसी में इनायत खान की जमकर तारीफ की। पीएम ने कहा कि इनायत खान द्वारा बेहतर काम करने से ही बिहार के शेखपुरा जिले में यह बदलाव सामने आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के आकांक्षी जिलों यानी एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट में शामिल बिहार के शेखपुरा जिले के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए यहां की जिलाधिकारी इनायत खान द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।

युवा आईएएस इनायत खान के बारे में


इनायत उत्तर प्रदेश की ताज नगरी आगरा की रहने वाली हैं। 2011 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा अपने पहले ही प्रयास में पास कर ली। उनकी रैंक 176वीं रही। 2012 बिहार कैडर की आईएएस अधिकारी हैं। इससे पहला इनायत ने आगरा से इंजीनियरिंग की। इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने एक साल तक सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी भी की लेकिन उन्होंने एक साल बाद ही यह नौकरी छोड़ दी। शेखपुरा से पहले इनायत खान का पंडारक, राजगीर और भोजपुर में अपनी सेवा दे चुकी हैं।

इनपुट: दैनिक जागरण

रविवार, 8 मई 2022

बिहार सरकार के जमीन पर हो रहा है कब्जा, प्रशासन बना है मुगदर्शक

 महंत नारायण दास उच्च विद्यालय चकभारो के पीछे जमीन पर हो रहा है पक्का निर्माण, पानी टंकी को ले लिया अपने प्रांगण में

कोसी बिहार टुडे, सहरसा



प्रखंड के चकभारों पंचायत के महंत नारायण दास उच्च विद्यालय चक्भारो से दक्षिण एवं पश्चिम चकभारो गांव जाने वाले सड़क के किनारे बिहार सरकार के जमीन को अतिक्रमित कर लिया है। उक्त जमीन पर पानी की टंकी वर्षो पूर्व बना है। पानी टंकी को अपने कब्जे में लेकर आगे से सड़क की तरफ से पक्का निर्माण किया जा रहा है। पहाड़पुर गांव निवासी रंजीत सहनी, रंजीत कुमार, माला देवी, उषा देवी ने एसडीओ को आवेदन देकर अतिक्रमण हटाने की मांग किया है। दिए आवेदन में कहा है की थाना नंबर 86, खाता 79, खेसरा 410 रैयत बिहार सरकार के जमीन पर मो रेहान आलम जबरदस्ती घर बना रहा है। उक्त जमीन के पीछे हमलोग का घर है। यही एकमात्र रास्ता था जिन रास्ते से हमलोग आते जाते थे। लेकिन घर को बना लेने के कारण हमलोग का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया है। आवेदन के आलोक में एसडीओ अनीशा सिंह ने अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष को स्थल जांच कर करवाई करने का निर्देश दिया था। बावजूद इन पदाधिकारियों के द्वारा स्थल जांच करने नही पहुंचा। इधर उक्त बिहार सरकार की जमीन पर ताबड़तोड़ निर्माण कार्य जारी है। 



इस बाबत एसडीओ अनीशा सिंह ने बताई की आवेदन मिला है। सीओ एवं थानाध्यक्ष को जांच का निर्देश दिया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की करवाई किया जाएगा। 

शनिवार, 7 मई 2022

मिथलांचल के लोगो को 88 साल के बाद सपना हुआ साकार, रेलमंत्री ने दिखाई हरी झंडी

 घट जाएगी मिथलांचल की दूरी, मिथिला के लोगो में खुशी

कोसी बिहार टुडे, सहरसा



 रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव जी द्वारा शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से झंझारपुर-निर्मली नव आमान परिवर्तित रेलखंड पर ट्रेन सेवा का शुभारंभ किया गया। वही निर्मली-आसनपुर कुपहा नई रेल लाईन का उद्घाटन एवं ट्रेन सेवा का शुभारंभ किया

इस अवसर पर झंझारपुर में ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव,मधेपुरा सांसद दिनेश चंद्र यादव,सुपौल सांसद दिलेश्वर कामत,परिवहन मंत्री शीला कुमारी,नीतीश मिश्रा सहित अन्य में गणमान्य मौजूद रहे

88 साल बाद मिथलांचल का हुआ मिलान---

मिथिलांचल के लोगों का सपना 88 साल बाद साकार हुआ है। एक बार फिर क्षेत्र में विकास की सीटी सुनायी देगी। मिथिलावासी करीब नौ दशक से इस घड़ी का इंतजार कर रहे थे। दरभंगा-सहरसा वाया सुपौली-निर्मली रेललाइन का सात मई को दोपहर दो बजे रेलमंत्री लोकार्पण किया। 



नये रेलखंड पर शुरू हुआ सवारी ट्रेन का परिचालन---

रेलवे बोर्ड ने खंडित मिथिला को जोड़ने वाले झंझारपुर-निर्मली-आसनपुर-कुपहा नयी रेल लाइन पर ट्रेन चलाने की हरी झंडी दे दी है। सबसे पहले नये रेलखंड पर सवारी ट्रेन का परिचालन शुरू किया जायेगा। दरभंगा, सकरी, निर्मली, कोसी महासेतु रेल ब्रिज के रास्ते सरायगढ़, सुपौल होकर सहरसा के लिए नये ट्रैक पर नयी ट्रेन का परिचालन सात मई से शुरू हो गया है। 


1934 में आये विनाशकारी भूकंप में बह गया था कोसी नदी पर बना रेल पुल---

मालूम हो कि साल 1934 में आये विनाशकारी भूकंप में कोसी नदी पर बना रेल पुल बह गया था। इसके बाद मीटर गेज पर ट्रेनों का परिचालन बंद हो गया था। इसके बाद कोसी और मिथिलांचल के बीच रेल नेटवर्किंग क्षेत्र में संपर्क टूट गया था।  अब करीब 88 साल बाद एक बार फिर से कोसी और मिथिला रेल नेटवर्किंग के क्षेत्र में जुड़ जायेगा। 


साल 2014 में प्रधानमंत्री ने युद्धस्तर पर कार्य करने का दिया था निर्देश---

साल 2002 में 15 अगस्त को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने चार महत्वाकांक्षी रेल परियोजना की घोषणा की थी। इनमें कोसी महासेतु रेल पुल भी महत्वपूर्ण योजना में शामिल था। करीब दो किलोमीटर लंबे पुल को करीब 400 करोड़ से अधिक की लागत से तैयार किया गया है। साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोसी महासेतु रेल पुल पर युद्धस्तर पर कार्य का निर्देश दिया था। इसके बाद साल 2018 में कोसी रेल महासेतु पुल के निर्माण में गति आयी थी और इसे साल 2020 के अंत तक पूरा कर लिया गया।


घट जायेगी मिथिलांचल के बीच की दूरियां---

शनिवार 7 मई को सहरसा-निर्मली-दरभंगा के बीच ट्रेन परिचालन के बाद मिथिलांचल के बीच की दूरियां घट जायेंगी। सहरसा, सुपौल, झंझारपुर, निर्मली होकर ट्रेन का परिचालन शुरू हो सकेगा। उत्तर बिहार का यह वैकल्पिक रेल मार्ग पूर्वोत्तर राज्यों से कोसी और मिथिलांचल को सीधा जोड़ेगा। इस मार्ग के शुरू होने से मिथिलांचल में रोजगार के भी साधन बढ़ेंगे। 

करीब 1400 करोड़ से अधिक की है रेल परियोजना--

सहरसा, सुपौल, ललितग्राम, फारबिसगंज, सकरी, निर्मली, दरभंगा, लोकहां की करीब 206 किलोमीटर लंबी नये रेल परियोजना पर करीब 1400 करोड़ से अधिक की लागत आयी है।  ललितग्राम से फारबिसगंज के बीच रेलवे ट्रैक बिछाने का काम किया जा रहा है।  वर्तमान में सहरसा से सरायगढ़ और आसनपुर तक ट्रेन का परिचालन किया जा रहा है। जुलाई तक सहरसा से फारबिसगंज तक के लिए ट्रेन का परिचालन शुरू होने की संभावना है। 


पूर्व विधायक के प्रयास से हजारों हेक्टर खेत में जमा पानी से किसान को मिलेगी मुक्ति

  कोपरिया स्लुइस गेट का जलकुंभी साफ करने के लिए निजी कोष से दिया गया धन  सिमरी बख्तियारपुर से पानी की बिक्री ही नहीं बल्कि महिषी खंड के लोगो...