रविवार, 23 जुलाई 2023

छह लाख से अधिक बच्चे की खिचड़ी डकार गए हेडमास्टर, स्कूल की जांच में हो रहा है नित्य-प्रतिदिन बड़ा खुलासा

सहरसा-मधेपुरा में भी हेडमास्टर ने किया फर्जीवाड़ा,  35 लाख से अधिक की राशि होगी वसूली

कोशी बिहार टुडे, सहरसा



सरकारी स्कूलों के छह लाख से अधिक बच्चों का भोजन हेडमास्टर डकार गए है।  सूबे में मध्याह्न भोजन में 10 करोड़ से अधिक राशि की अनियमितता पकड़ में आयी है। सबसे अधिक खगड़िया में 82 लाख के अलावा समस्तीपुर में 71 लाख व मुजफ्फरपुर में 48 लाख का फर्जीवाड़ा किया गया है।


अलग-अलग निरीक्षण में पकड़े गए इस मामले में अब तक पौने 5 करोड़ रुपये की वसूली नहीं हुई है। ऐसे में मध्याह्न भोजन योजना निदेशक मिथिलेश मिश्र ने जिलों से इस पर जवाब मांगा है। समस्तीपुर जिले में बच्चों का फर्जी हस्ताक्षर कर अनियमितता की गई है।


निदेशक ने इस पर सख्ती करते हुए एक सप्ताह में वसूली का आदेश दिया है। जिले समेत सूबे के प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में बच्चों को मध्याह्न भोजन दिया जा रहा है। स्कूलों में जांच के दौरान फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। जो बच्चे स्कूल में थे ही नहीं, उनके नाम पर भी मध्याह्न भोजन दिखाया गया था। पिछले एक सप्ताह में बच्चों की उपस्थिति पर इसकी जांच की गई।


जांच में मिले 100-150 बच्चे, पिछले सात दिन की हाजिरी 500 से अधिक की जांच में जिन स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 100-150 तक ही मिली, वहां पिछले एक सप्ताह में 500 से 700 की हाजिरी बनी थी। विभाग ने यह माना कि बाकी दिन इतने बच्चे और जांच के दिन इतनी कम उपस्थिति नहीं हो सकती है। जितने बच्चों का अंतर आया, उसकी गणना कर हेडमास्टर से वसूली का आदेश दिया गया है। डीईओ अजय कुमार सिंह ने कहा कि उपस्थिति में दो से चार दिन में 10-20 फीसदी तक अंतर हो सकता। लेकिन, यहां तो कई स्कूलों में 60-80 फीसदी से अधिक का अंतर है।


विभिन्न जिलों में इस तरह हुआ फर्जीवाड़ा



तिरहुत प्रमंडल के मुजफ्फरपुर में 48 लाख, पूर्वी चम्पारण में 15 लाख, सीतामढ़ी में 45,47,430 , शिवहर में 64,304, वैशाली में 16,97,518 रुपये की अनियमितता हुई है। पटना प्रमंडल में पटना में 4,51,180, नालंदा में 26,12,061, भोजपुर में 32,93,100, रोहतास में 8,57,986, कैमूर में 39,37,060 की अनियमितता हुई। दरभंगा प्रमंडल में दरभंगा जिले में 5,64,253, मधुबनी में 35,79,188, समस्तीपुर में 71,39,814 की अनियमितता हुई। राशि की वसूली में सबसे पीछे सीतामढ़ी, सहरसा, मधेपुरा जिले हैं। यहां अब भी 37 लाख से अधिक की राशि की वसूली होनी बाकी है। साभार: हिन्दुस्तान 

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