फर्जी लाभुकों को मिला बाढ़ राहत अनुदान, एक परिवार में चार से पांच लोगों को लाभ
आपदा को अवसर में बदला बिचौलिया, रोज बाढ़ पीड़ित कर रहा है प्रदर्शन
कोशी बिहार टुडे। सहरसा
कोसी इलाका में आई बाढ़ से जहा बाढ़ पीड़ित नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। वही बिचौलिया की चांदी कट रही है। बिचौलिया पदाधिकारी के मिलीभगत से बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा करने में जुटा है। एक परिवार से चार से पांच लोग तो, कई ऐसे परिवार है, जो बाढ़ पीड़ित इलाका का है ही नहीं, उन्हें भी बाढ़ राहत अनुदान मिला है।
सलखुआ प्रखंड के पूर्वी कोसी तटबंध के भीतर बसे पंचायत में बाढ राहत सूची (जीआर पोर्टल) के माध्यम से फर्जी लाभुक का नाम बिचौलिए के मिलीभगत से जोड़ा जा रहा है। फर्जी लाभुकों का नाम जोड़ने को लेकर सलखुआ पश्चिमी के जिला परिषद सदस्य अनिल भगत ने डीएम के नाम आवेदन देकर जांच की मांग किया है। जिप सदस्य अनिल भगत ने जिलाधिकारी को दिए आवेदन में कहा है कि सरकार द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में बाढ़ पीड़ित को दिए जाने वाली राशि में गलत तरीके से बिचोलियों के सांठ गांठ से वैसे लाभुक का नाम जोड़ा गया है, हो उक्त पंचायत का निवासी ही नही है। सलखुआ प्रखंड के चानन, अलानी, कबीरा बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र हैं जिसमें सरकार द्वारा 7000 की राशि जीआर पोर्टल के माध्यम से सभी लाभुक के खाता में दिया जा रहा है। लेकिन यहां बिचोलिया, कर्मचारी, सीओ के मिली भगत से गलत तरीके से एक ही परिवार में तीन से चार लाभुक को इनका लाभ दिया जा रहा हैं। इतना ही नहीं बिचोलिया के सांठ गांठ से दुसरे पंचायत के लाभुक का इस पंचायत से उस पंचायत में नाम जोड़कर फर्जीवाड़ा किया गया है। जिससे सही लाभुक बाढ़ राहत सहायता से वंचित हो सकता है। अलानी, चानन, कबीरा में बाढ़ प्रभावित लाभुक दर दर भटक रहें हैं। रोज प्रखंड, अंचल का चक्कर काट रहे है। न तो उनका सूचि में नाम है ना ही सूचि लोड किया गया है। प्रत्येक पंचायत में एक दिन का समय देकर बिचोलिया के सांठ गांठ कर पंचायत का सूची जीआर पोर्टल के माध्यम सें अपलोड कर दिया गया है। जिस कारण सही बाढ़ पीड़ित लाभुक सरकारी सहायता से वंचित हो गया है। जिप सदस्य ने कहा है इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई किया जाए।
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