अज्ञात अपराधियो ने शिक्षक पत्नी का अपहरण का किया प्रयास
अपराधियो को चकमा देकर भाग बचाई जान
महेंद्र प्रसाद, सहरसा
बनमा ईटहरी ओपी क्षेत्र के हराहरी गांव में अपने घर से शिक्षक की पत्नी को मोटरसाइकल सवार अज्ञात अपराधियों के द्वारा अपहरण करने का प्रयास करने का मामला सामने आया है। हालांकि महिला ने किसी तरह से अपराधियों के चंगुल से भाग निकलने में कामयाब हो गयी। इस मामले में महिला के शिक्षक पति ने ओपी पुलिस को अज्ञात अपराधियों के विरूध आवेदन देकर उचित न्याय दिलाने के साथ- साथ कानूनी कार्रवाई करने की मांग किया है।
हराहरी गांव निवासी शिक्षक ने अपने आवेदन में कहा है कि 22 अक्टूबर रविवार की मध्य रात्रि करीब एक बजे के आसपास मेरी 42 वर्षीय पत्नी जो हृदय रोग ग्रसित है। आंगन में शौचालय गई वो वापस कमरा में आए ही थी कि अचानक पूर्व से घात में बैठे तीन अज्ञात व्यक्तियों ने आंख व मुंह पर कपड़ा बांध कर अपहरण कर गांव से दक्षिण दो सौ मीटर की दूरी पर रखा मोटरसाइकल पर बैठाने का जबरन प्रयास करने लगा कि इसी बीच अपराधियों के मोबाइल पर घंटी बजने लगी तो उक्त सभी बातचीत में लिप्त हो गया। इसी का लाभ मौका पाकर मेरी पत्नी अंधेरा में नाद के बगल में छिप गई। उक्त सभी लोग के नजर में नहीं आने पर भाग जाने का अनुमान लगा कर सभी आपस में बातचीत करने लगा कि मास्टर या उसका बेटा नहीं मिला तो बूढ़ी बीमार औरत को नहीं लाना चाहिए। बाप या बेटा में से कोई मिलता तो पांच- सात लाख रूपया भी वसूल होता। आदि बोलते हुए सभी वहां से चला गया। तब मेरी पत्नी किसी तरह से अपना घर वापस आई।
वहीं उन्होंने आवेदन में कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि फिरौती की राशि वसूली करने हेतु मेरे पुत्र का अपहरण करने के नियत से उपरोक्त सभी घात लगाए मेरे पिछवारा में बैठा होगा।
इस बावत ओपीध्यक्ष प्रभाष कुमार ने पूछे जाने पर बताया कि आवेदन प्राप्त हुआ है पुलिस के द्वारा मामले की छानबीन किया जा रहा है।
अपराधियो को चकमा देकर भाग बचाई जान
महेंद्र प्रसाद, सहरसा
बनमा ईटहरी ओपी क्षेत्र के हराहरी गांव में अपने घर से शिक्षक की पत्नी को मोटरसाइकल सवार अज्ञात अपराधियों के द्वारा अपहरण करने का प्रयास करने का मामला सामने आया है। हालांकि महिला ने किसी तरह से अपराधियों के चंगुल से भाग निकलने में कामयाब हो गयी। इस मामले में महिला के शिक्षक पति ने ओपी पुलिस को अज्ञात अपराधियों के विरूध आवेदन देकर उचित न्याय दिलाने के साथ- साथ कानूनी कार्रवाई करने की मांग किया है।
हराहरी गांव निवासी शिक्षक ने अपने आवेदन में कहा है कि 22 अक्टूबर रविवार की मध्य रात्रि करीब एक बजे के आसपास मेरी 42 वर्षीय पत्नी जो हृदय रोग ग्रसित है। आंगन में शौचालय गई वो वापस कमरा में आए ही थी कि अचानक पूर्व से घात में बैठे तीन अज्ञात व्यक्तियों ने आंख व मुंह पर कपड़ा बांध कर अपहरण कर गांव से दक्षिण दो सौ मीटर की दूरी पर रखा मोटरसाइकल पर बैठाने का जबरन प्रयास करने लगा कि इसी बीच अपराधियों के मोबाइल पर घंटी बजने लगी तो उक्त सभी बातचीत में लिप्त हो गया। इसी का लाभ मौका पाकर मेरी पत्नी अंधेरा में नाद के बगल में छिप गई। उक्त सभी लोग के नजर में नहीं आने पर भाग जाने का अनुमान लगा कर सभी आपस में बातचीत करने लगा कि मास्टर या उसका बेटा नहीं मिला तो बूढ़ी बीमार औरत को नहीं लाना चाहिए। बाप या बेटा में से कोई मिलता तो पांच- सात लाख रूपया भी वसूल होता। आदि बोलते हुए सभी वहां से चला गया। तब मेरी पत्नी किसी तरह से अपना घर वापस आई।
वहीं उन्होंने आवेदन में कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि फिरौती की राशि वसूली करने हेतु मेरे पुत्र का अपहरण करने के नियत से उपरोक्त सभी घात लगाए मेरे पिछवारा में बैठा होगा।
इस बावत ओपीध्यक्ष प्रभाष कुमार ने पूछे जाने पर बताया कि आवेदन प्राप्त हुआ है पुलिस के द्वारा मामले की छानबीन किया जा रहा है।
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