चार माह से आंगनवाड़ी के बच्चे को नशीब नही हुई खिचड़ी, पढ़े पूरा मामला
छह माह में मात्र दो माह का मिला पोषाहार, सुप्रीमकोर्ट के आदेश का भी पालन नही
कोशी बिहार टुडे, सहरसा
इस वर्ष 2018 के जून माह बीतने को है। इस वर्ष मात्र दो माह का पोषाहार बच्चे को उपलब्ध कराया गया। आश्चर्यजनक बात ये है कि माननीय उच्च न्यायालय का भी आदेश है कि हर हाल में बच्चे का पोषाहार बंद नही हो, वावजूद चार माह से आंगनवाड़ी को पोषाहार उपलब्ध नही होने से बच्चे को लाभ नही मिल रहा है। लगातार पोषाहार बंद रहने से बच्चे भी आंगनवाड़ी आने में हिचकिचाते है। वही बच्चे के परिजन भी आंगनवाड़ी में बच्चे के खाने की व्यवस्था नही रहने से बच्चे को केंद्र पर जाने नही देता है।
432 केंद्र है अनुमंडल के तीनों प्रखंड में---
सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल के सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड में 218, बनमा इटहरी में 111 एवं सलखुआ में 103 आंगनवाड़ी केंद्र है। सिमरी बख्तियारपुर में प्रखंड में एक नगर पंचायत भी है। इस वर्ष 2018 में मात्र दो महीने ही बच्चे को पोषाहार दिया गया। आंकड़े पर गौर करे तो एक साल में मात्र 8 महीने ही पोषाहार उपलब्ध कराया जाता है।
क्या कहती है सीडीपीओ----
वाल विकास परियोजना पदाधिकारी अनिता चोधरी ने बतायी की इस बार आबंटन देने में सिस्टम में जिले में चेंजिंग हो रहा है। नए तरीके आए अब आवंटन दिया जायेगा। सिमरी बख्तियारपुर क्या पूरे जिले का ये मामला है। मेरे स्तर से दिक्कत नही है।
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