मिनी बाबाधाम से मशहूर बाबा मतेश्वरधाम के जमीन पर लोगो की बुरी नजर
जमीन पर कब्जा कर बना रहा है पक्का आशियाना
महेंद्र प्रसाद, सहरसा
मिनी बाबाधाम के नाम से चर्चित कोसी क्षेत्र का बाबा मतेश्वरधाम मंदिर के जमीन पर लोगो का बुरा नजर लग गया है। जिन कारण जमीन पर कच्चा नही बल्कि पक्का निर्माण हो रहा है। निर्माण भी पूरे धौंस के साथ किया जा रहा है। सब जानते है कि मंदिर की जमीन है, वावजूद लोग खुलकर विरोध नही कर रहा है। इनके अलावे मंदिर के आसपास भी कई लोगो के द्वारा जमीन हरपने की नियत से पक्का दुकान का निर्माण किया जा रहा है।
तीन स्थानों पर निर्माण -
मंदिर परिसर क्षेत्र के तीन अलग अलग जगहों पर निर्माण कार्य हो रहा है। जिनमे मंदिर परिसर के दक्षिण बाढ़ आश्रय स्थल के समीप पंडा के द्वारा स्थायी पक्का भवन का निर्माण कार्य किया जा रहा है। ये निर्माण कार्य मंदिर के ही पंडा हरेराम करा रहा है। ये चार भाई है एवं चारो भाई स्थाई घर बना रहा है। मंदिर के मुख्य गेट के पास सड़क के पूरब है। वही एक और पक्की निर्माण मुख्य सड़क से मंदिर आने वाली सड़क के बगल में चबूतरा की तरह बनाया गया है। जमीन हरपने के नियत से भी कई अवैध दुकान बना रहा है।
क्या कहते हैं न्यास समिति के सचिव---
मंदिर के जमीन पर स्थाई पक्का घर बनाने की बाबत न्यास समिति के सचिव जितेंद्र सिंह बधेल ने बताया कि एक निर्माण पर एसडीओ ने रोक लगा दी है। स्थाई निर्माण को लेकर न्यास समिति ने सिमरी सीओ को जमीन की नापी करने का निर्देश दिया था। निर्माण कार्य को रोकने के लिये कई बार आवेदन दिया जा चुका है। बांकी जो दुकान बन रहा वो अस्थाई है। इस तरह का दुकान सिर्फ दो महीने ही रहेगा। मंदिर के विकास के लिये हम खुद दिन-रात लगे रहते है। मंदिर के पंडा हरेराम चारो भाई के द्वारा निर्माण किया जा रहा है। उनका कहना है ये मेरा खानदानी जमीन है।
क्या कहते एसडीओ -
इस संबंध में जब एसडीओ अरविंद कुमार ने बताया कि8 बलबाओपी प्रभारी को मंदिर के आसपास किसी निर्माण कार्य नही होने देने का निर्देश दिया जा चुका है। वावजूद अगर कोई आदेश का अवेहलना करता है तो प्रशासन उनके खिलाफ करवाई करेगी।
क्या कहते हैं हरे राम पंडा -
पक्का घर का निर्माण कार्य कर रहे हरे राम पंडा ने बताया कि यहां उसके बाप दादा रहते चले आ रहे हैं। जहां घर बना रहे हैं वह मेरी जमीन है। उक्त जमीन का मुझे कागजात प्राप्त है। मैं अपनी जमींन पर घर बना रहा हूं। पूर्व से भी घर बना है। जिस जमीन पर घर बन रहा है वो जमीन मंदिर का नही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बाबा मटेश्वरधाम मंदिर को स्थानिय दान कर्ता के द्वारा कई कई एकड़ जमीन दिया है। लेकिन कागजी एवं कानूनी बाधा की वजह से कई प्रकार के कानुनी अड़चन लगा है। जानकारी के अनुसार जिस जमीन को पंडा अपना जमीन होने का दावा कर रहे हैं, वह नये सर्वे के अनुसार है। जबकि नये सर्वे नोट फाईनल की श्रेणी में है। नये सर्वे के किसी दावे को सरकारी मान्यता नहीं है। 1902 ई के सर्वे को ही वैद्य माना जाता है।
पंडा लोगों पर कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए।
जवाब देंहटाएंइन पंडित ने तो भगवान के घर को भी बाटना नहीं छोड़ा।
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