रविवार, 8 जुलाई 2018

नाला तो बना दिया, पानी कहा बहेगी पता नही
सात निश्चय योजना में हर तरफ मची है लूट
महेंद्र प्रसाद, सहरसा

लाखो की लागत से नाला बना दिया। लेकिन नाली की पानी कहा बहेगी, नाला बनाने वालों को भी पता नही है। सोनपुरा पंचायत के वार्ड नंबर 09 में दो अलग अलग लगभग साढ़े 10 लाख की लागत से दो नाला का निर्माण किया है। आश्चर्य की बात है कि इन दोनों नाली की पानी कहा बनेगी किसी को भी मालूम नही है। नाला बने दो महीने से ज्यादा हो गया है। नाला में जंगली घास उग आया है। सोनपुरा पंचयात भवन में मॉजुद सोनपुरा पंचायत के पूर्व मुखिया परमेशरी भगत ने बताया कि जल्दी ही नाला की पानी निकासी की व्यवस्था कर दिया जायेगा। सवाल है कि आखिर किस वजह से 10 लाख रुपये खर्च किया गया। जवकि नाला से पानी बहने का कोई आगे रास्ता ही नही है। 

बिना स्थल जांचे ही इंजीनियर बना देता है प्राक्कलन---
इंजीनियर बिना स्थल जांच किये ही प्राक्कलन बना देता है। जिस कारण इस तरह की बात सामने आती है। वहीं जब कार्य शुरू होता है तो इंजीनियर की अनुपस्थिति में ही नाला निर्माण एवं सड़क ढलाई का कार्य होता है। सात निश्चय योजना का अभी हालात बद से बदतर बना है। सड़क निर्माण या नाला निर्माण में प्राक्कलन की खुले आम अनदेखी किया जाता है। सिमरी बख्तियारपुर में लगभग हर जगह सात निश्चय का कार्य चल रहा है। लेकिन शायद ही किसी ढलाई स्थान पर इंजीनियर की उपस्थिति रहता होगा। 
क्या कहते है इंजीनियर---
सिमरी बख्तियारपुर के कनीय अभियंता गौरव कुमार को सिमरी बख्तियारपुर के अलावे बनमा इटहरी प्रखंड भी प्रभार में है। जब सड़क ढलाई या नाला निर्माण में अनियमितता के बारे में पूछा गया तो उनोहने बताया कि हम उस सड़क या नाला का ही मापी पुस्त बनाएंगे, जहा पर हम खुद मॉजुद रहकर कार्य करवाया है। इंजीनियर ने बताया कि अधिकांश स्थानों के बारे में बिना जानकारी के ही सड़क या नाला निर्माण लोगो के द्वारा किया रहा है। 

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