सोमवार, 20 अगस्त 2018

शनेः शनेः बढ़ता है चकभारो स्थित भुवनेश्वरधाम कि शिवलिंग।
चकभारो स्थित इस जिंदा शिवलिंग की महिमा है अपार
महेन्द्र प्रसाद, सहरसा

सिमरी बख्तिायारपुर के चकभारो स्थित भुवनेश्वरधाम में सावन चौथी एवं अंतिम सोमवारी को महादेव का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिर में करीब 20 हजार से अधिक लोगों ने जलाभिषेक किया। जिसमे लगभग 2 हजार से अधिक डाकबम एवं कंवरिया सामिल था।
सिमरी बख्तियारपुर रेलवे स्टेशन से तीन किलोमीटर पूर्व भुवनेश्वर धाम मंदिर के शिवलिंग के संबंध में मान्यता है कि यहां जिंदा शिवलिंग है। श्रद्धालुओं का मानना है कि शिवलिंग का आकार शनै:-शनै: बढ़ रहा है।


ग्रामीण बताते हैं कि नवल कुमार वर्मा हर वर्ष के जनवरी माह में शिवलिंग की लंबाई मापते हैं। वर्ष में इसकी लंबाई एक से डेढ़ इंच बढ़ती है। इसलिए लोग इसे जिंदा शिवलिंग मानते हैं। शिवभक्तों का मानना है कि भुवनेश्वर महादेव का जलाभिषेक करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। सावन में यहां कांवरिया व डाक कांवरिया मुंगेर के छर्रापटी से गंगाजल उठाकर जलाभिषेक करने पहुंचते हैं। इस वर्ष सावन में करीब 2000 से अधिक कांवरियों ने भुवनेश्वर महादेव का जलाभिषेक किया। पूर्व पंचायत समिति सदस्य संजय कुमार सिंह कहते हैं कि ग्रामीणों के सहयोग से मंदिर का विकास किया जा रहा है। अंतिम सोमवारी पर जलाभिषेक करने पहुंचने वाले कावंरियों की सेवा में मंहथ रघुवीर दास सहित ग्रामीण लगे रहे।


यहां बताते चले कि सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल क्षेत्र में कई ऐतिहासिक मंदिर है जो आदिकाल व पैराणिक दृष्ठिकोण से अति महत्वपूर्ण हैं। जिनमें एक नाम चकभारो पंचायत स्थित प्रसिद्ध बाबा भुनेश्वर धाम मंदिर भी हैं। चकभारो गांव के समीप करीब तीस फीट उंची टिले पर अवस्थित यह मंदिर शिव भक्तों के मुख्य आर्कषक का केन्द्र सावन मास में बना रहता हैं। 
यहां स्थापित शिवलिंग की यह खासियत है कि प्रत्येक वर्ष अपनी लम्बाई व मोटाई में वृद्धि करता है। अभी वर्तमान में इस शिवलिंग की लम्बाई साढ़े तीन फीट व मोटाई करीब ढाई फीट हैं।
ऐसी मान्यता है कि यह मंदिर राजा भोज के समय काल में बनाई गई है। मंदिर के बगल स्थित पोखर की खुदाई के समय कई अष्ठधातू की मुर्ती मिली हैं।
इतना कुछ होने के बाबजूद अभी तक मंदिर को प्रशासनिक स्तर पर कोई सुविधा नही मिल पाई हैं। मंदिर आने जाने तक का सही रास्ता नही है। 

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