अनुमंडलीय अस्पताल, बिल्डिंग देखकर ही मरीज संतोष कर ले, सुविधा के नाम पर ठेंगा
महेंद्र प्रसाद, सहरसा
अनुमंडल सिमरी बख्तियारपुर में सरकारी स्वास्थ्य सुविधा का हाल काफी बुरा है। कहने को पीएचसी से अनुमंडल अस्पताल बन गया है लेकिन अनुमंडलीय अस्पताल में चिकित्सा सुविधा की घोर कमी है। 100 शैया वाले तीन मंजिल नया भवन बनकर तैयार हो गया है। इसके बावजूद उसमें सुविधा बहाल नहीं की गई है।
हाल यह है कि अनुमंडल अस्पताल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रतिनियुक्त स्वास्थकर्मी के सहारे चलाया जा रहा है। गंभीर रोगों के इलाज की यहां कोई व्यवस्था नहीं है। चिकित्सा के अभाव में गंभीर रूप से बीमार मरीज असमय काल के गाल में समा जाते हैं।
इसके कारण अनुमंडल के सिमरी बख्तियारपुर, सलखुआ व बनमा ईटहरी प्रखंड के लाखों लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए सहरसा या फिर पटना की शरण लेनी पड़ रही है।
वर्ष 2009-10 में हुई थी घोषणा :
राज्य सरकार ने बिहार के 47 अनुमंडल में वित्तीय वर्ष 2009-10 में 100 शैय्या वाले अनुमंडल अस्पताल बनाने की घोषणा की थी। इसी कड़ी में कोसी क्षेत्र के लाखों लोगों की स्वास्थ्य सुविधा के लिए सिमरी बख्तियारपुर में 100 शैय्या वाले अनुमंडलीय अस्पताल बनाने की नींव पड़ी। 15 अक्टूबर 2006 को तत्कालीन विधयाक वर्तमान आपदा मंत्री दिनेश चंद्र यादव ने उदघाटन किया था।अनुमंडलीय अस्पताल का विशाल भवन 4 करोड़ 91 लाख रुपए की लागत से बन कर तैयार हो गया है। आज से तीन बर्ष पूर्व 26 मई 2015 को अनुमंडल अस्पताल का बोर्ड भी लगा दिया गया। सुविधा आज तक बहाल नहीं की गई है।
वर्तमान में 5 डॉक्टर की हुई है पोस्टिंग- 14 डॉक्टर की पद अनुमंडलीय अस्पताल में है। वर्तमान समय मे अनुमंडलीय अस्पताल में 5 डॉक्टर की पोस्टिंग हुई है। जिसमें हरेंद्र कुमार आर्य, अभिषेक कुमार , राहुल कुमार, डॉ विनीता शर्मा, डॉ अमृता आनंद, एवं डॉ अख्तर इकबाल है।अस्पताल में 106 कमरा है।
आईपीएचएस मानक के अनुरूप 100 शैय्या वाले अनुमंडल अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग से 106 चिकित्सा कर्मी के स्वीकृत पद की अनुशंसा की गई है। इसके विरुद्व वर्त्तमान में 3 डॉक्टर व 4 ए ग्रेड एनएम कुल पांच स्वास्थ्यकर्मियों को स्वास्थ्य विभाग ने पदस्थापित कर अपना पल्लू झाड़ लिया है। इसके कारण मरीजों को काफी परेशानी होती है।
चार प्रखंड के मरीज आते है अनुमंडलीय अस्पताल- इस अस्पताल में सिमरी बख़्तियारपुर प्रखंड के अलावे सलखुआ, बनमा इटहरी एवं सौर बाजार के भी मरीज इलाज के लिये आते है। प्रतिदिन 500 से 600 मरीज ओपीडी में आते है। सिमरी बख़्तियारपुर प्रखंड में 1 पीएचसी, 2 अतिरिक्त स्वस्थ्यकेन्द्र, 26 उपस्वास्थ्य केंद्र है। इस उपस्वास्थ्य केंद्र में प्रतिरक्षण होता है।
वर्तमान समय मे अस्पताल में ब्लड जांच, बीपी जांच, कालाजार, मलेरिया, कुष्ठ जांच , एचआईवी, सीवीसी एवं एक्सरे की सुबिधा मौजूद है।
अल्ट्रासाउंड एवं आईसीयू की हो व्यवस्था- लोगो ने स्वास्थ्य विभाग से अनुमंडलीय अस्पताल में मरीजो की सुबिधा के लिये अस्पताल में आईसीयू एवं अल्ट्रासाउंड लगाने की मांग किया है। इस अस्पताल में अगर इस तरह की सुबिधा बहाल हो जाती है तो सिमरी बख़्तियारपुर अनुमंडल के लाखों लोगों को लाभ मिलेगा।
अस्पताल रखरखाव की नही है व्यवस्था-अनुमंडलीय अस्पताल में 106 कमरा का विशालकाय भवन है। लेकिन इतनी बड़ी भवन को रखरखाव का कोई व्यवस्था नही है। कोई तकनीकी कर्मी नही है। पीएचसी कर्मी से ही अनुमंडलीय अस्पताल का कार्य होता है।
शोचालय की हो व्यवस्था- चार प्रखंड के लोग अस्पताल में इलाज कराने आते है। एक भी सुलभ शौचालय नही है। जिन कारण मरीज एवं उनके साथ आये अभिभावक अस्पताल के ही शोचालय का प्रयोग करते है। अस्पताल में चाहरदीवारी की सख्त जरूरत है।
2 एम्बुलेंस में एक खराब है- अनुमंडलीय अस्पताल में दो एम्बुलेंस है। जिसमे एक कई महीनों से खराब है। स्थिति ये है कि अगर एम्बुलेंस खराब हो जाता है तो उसे दुबारा ठीक नही कराया जाता है।अनुमंडल में राज्य सरकार ने एक नर्सिंग स्कूल दिया है। स्कूल खोलने के लिये जमीन की खोज की जा रही है।
क्या कहते है उपाधीक्षक----
अनुमंडलीय अस्पताल उपाधीक्षक डॉ नरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि भवन का राखराखव की देखरेख पीडब्ल्यूडी को करना है। अनुमंडलीय अस्पताल में चिकिस्तक एवं कई स्टाफ की कमी है। मात्र 20 बेड है।
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