शनिवार, 29 दिसंबर 2018

मुश्लिम संगठन फरवरी में हिन्दू-मुश्लिम के गरीब के बेटी के सामूहिक शादी का आयोजन

गुजरात की एक संस्था के सहयोग के सिमरी बख्तियारपुर के मुश्लिम लोग करवा रहे है आयोजन
कोशी बिहार टुडे, सहरसा

नगर पंचायत सिमरी बख्तियारपुर के रानीहाट मस्जिद में हजरत मौलाना महबूब उर रहमान की अध्यक्षता में इमामो की एक बैठक का आयोजन किया गया।
अइममा मसाजिद संगठन के अध्यक्ष इमाम मस्जिद हाफ़िज़ मोहम्मद मुमताज़ रहमानी ने कहा कि आगामी वर्ष के फरवरी माह में  सिमरी बख्तियारपुर में जमीयत-उल-उलमा के अध्यक्ष हज़रत मौलाना सैयद अरशद मदनी की अध्यक्षता  में एक जलसा आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।
       इस अवसर पर हज़रत मौलाना महबूब-उर-रहमान कासिमी ने कहा कि संगठन इमाम मस्जिद द्वारा सामूहिक विवाह का एक आयोजन फरवरी में सिमरी बख्तियार पुर में आयोजित किया जाएगा। अल्लाह बेटियों को रहमत बना कर भेजा है, लेकिन लोग आज इसे एक बोझ मानते हैं। आज शादियों में फजूल और बेकार खर्च इतना बढ़ गया है कि युवा लड़कियां माता-पिता के घरों पर ही बूढ़ी हो रही हैं। लोग बिना तिलक दहेज के शादी को तैयार नहीं हो रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप गरीब की बेटियों को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ता है । लेकिन इन परिस्थितियों  में कुछ संगठन ऐसे भी हैं जो सामूहिक विवाह का आयोजन करके गरीब माता-पिता के बोझ को कम करने की कोशिश करते हैं। गुजरात में एक चैरिटी संगठन है  जिनका संरक्षण आइम्मा मस्जिद संगठन को प्राप्त है। यह संगठन आगामी फरवरी में करीब 50 गरीब लड़कियों की शादी का प्रबंधन करेंगी। इस संबंध में जरूरतमंद लोग रानी बाग मस्जिद के इमाम से संपर्क करें और फार्म प्राप्त कर भर कर जमा कर दें। इस सामूहिक विवाह समारोह में गरीब मुस्लिम समुदाय के साथ साथ हिन्दू या अन्य धर्मों के लड़कियों के अभिभावक जो गरीब और नि:सहाय हैं भी शामिल हो सकते हैं और उनके धर्मों के अनुसार उनके बच्चियों का विवाह संपन्न कराया जायेगा। 

इस तरह का सामाजिक कार्य कर रहे देश मे जाने माने संगठन जमीयत अल-उलमा का गठन देश और अल्पसंख्यक की सेवाओं के लिए किया गया था।  और यह संगठन अभी भी इस उद्देश्य पर काम कर रही है। जमीयत अल-उलमा ने न केवल स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई, बल्कि  देश को  बांट कर पाकिस्तान बनाने का  अंतिम क्षण तक  कड़ा विरोध किया।महान स्वतंत्रता सैनानी मौलाना हुसैन अहमद मदनी ने इस महान और कल्याणकारी संगठन को मजबूती दिया, और आज भी देश की एकता को मजबूत करने और मुसलमानों व समाज के पिछड़े वर्गों की समस्याओं को हल करने के लिए यह संगठन  सक्रिय भूमिका निभा रही है। 
 बैठक में शामिल मौलाना महबुब कासमी,मौलाना मजाहिरुल हक कासमी, मौलाना जियाउद्दीन नदवी,मौलाना इशतियाक कासमी, मौलाना ताज कासमी,मौलाना आदिल नदवी, मौलाना रिजवान कासमी, मौलाना नौशाद, मौलाना मोहब्बुलला,हाफिज शकील,कारी मनजर आदि उपस्थित थे।

1 टिप्पणी:

अधिवक्ता हत्या कांड के 48 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस खाली हाथ, मृतक के परिजन के घर सन्नाटा

 मृतक अधिवक्ता की पत्नी विनीता कुमारी के फ़र्दव्यान पर थाना में मामला दर्ज कोशी बिहार टुडे। सहरसा सोमवार सुबह बख्तियारपुर थाना क्षेत्र अंतर्ग...