शनिवार, 5 जनवरी 2019

फर्जी अधिकारी बनकर स्कूल जांच करने पहुचा, पहले ग्रामीणों ने जमकर कुटा, फिर उनके चार पहिये वाहन को फूंका



स्कूल में बदमाश पहुंचने की अफवाह से सुन हजारों की भीड़ स्कूल पहुंची
एक दिन पूर्व भी एक शातिर इससे पहले स्कूल पहुंच दिया था धौंस 
पुलिस अगर सजग नहीं रहती तो भीड़ पीट-पीट दे सकती थी बड़ी घटना को अंजाम
कोशी बिहार टुडे, सहरसा




सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड अन्तर्गत महखड़ पंचायत के मध्य विद्यालय हुसैनचक में बड़े अधिकारी बन स्कूल जांच को पहुंचे तीन शातिर व्यक्ति को ग्रामीणों ने जमकर पीट पुलिस के हवाले कर दिया वही आक्रोशित ग्रामीणों ने शातिर के सेवरलेट कार को आग के हवाले कर दिया। वही एक शातिर भागने में सफल रहा दो को पुलिस पकड़ हिरासत में ले लिया है।
क्या है पुरा मामला -
शुक्रवार दोपहर के करीब एक सेवरलेट कार से तीन शातिर सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के एकपढ़हा गांव निवासी ज्योतिष ठाकुर का पुत्र राघव कुमार ठाकुर, श्रीनगर मधेपुरा का सुजीत कुमार एवं सरडीहा गांव के दिलीप सिंह मध्य विद्यालय हुसैनचक पहुंच अपने आप को पटना से आए वरीय अधिकारी बता हेडमास्टर विद्यानंद पासवान से रजिस्टर्ड सहित अन्य कागजातों की मांग करने लगा। जिस पर वहां मौजूद सभी शिक्षक ने इन लोगों से परिचय जानना चाहा तो अभद्र व्यवहार कर हो हल्ला करने लगा। इसी बीच एचएम व शिक्षकों से तु-तु मैं-मैं होने लगा।
वही आसपास के ग्रामीणों में एक अफवाह फैला गई कि विद्यालय में तीन बदमाश हथियार के साथ पहुंच शिक्षकों से मारपीट कर रहा है। जिस व्यक्ति को जहां यह खबर मिली चंद मिनटों में ही ग्रामीण स्कूल की ओर कुच कर गया।
देखते देखते हजारों की भीड़ स्कूल पहुंच तीनों शातिर को दबोच लिया। इस बीच दिलीप सिंह मौके का फायदा उठाकर भाग निकला वहीं राधव ठाकुर को ग्रामीणों ने पहले जमकर कुटाई कर विद्यालय के प्रधानाचार्य के कमरे में बंद कर दिया। उसके बाद सुजीत कुमार से पुछताछ करने लगा इसी बीच भीड़ ने उस पर भी हाथ साफ करना शुरू कर दिया।
कुछ स्थानिय लोगों ने बीच बचाव कर दिलीप कुमार इलाज कराने के नाम पर वहां से निकाल लिया। वही पुरे मामले की जानकारी बख्तियारपुर पुलिस को दिए जाने के बाद सअनि कमला कांत तिवारी पुलिस बल के साथ पहुंचा कमरे में बंद राधव को हिरासत में लेना चाही लेकिन भीड़ को उग्र रूप देख उसकी हिम्मत जवाब दे गई।
भीड़ इस कदर आक्रोशित थी कि कमरे में बंद राधव को निकाल बाहर करने की मांग करते रहा। स्थिति बेकाबू होते देख के के तिवारी ने बख्तियारपुर थानाध्यक्ष से स्थिति से अवगत कराया। चुंकि उसी वक्त डीएसपी सिमरी बख्तियारपुर का क्राइम मीटिंग चल रहा था। बख्तियारपुर थानाध्यक्ष रणवीर कुमार, सोनवर्षा राज थानाध्यक्ष सुमन कुमार एवं डीएसपी के अंगरक्षक सहित अन्य पुलिस बल स्कूल पहुंच बड़े ही संयमित रूप से कमरे में बंद राधव को कब्जे में ले निकल रही थीं कि भीड़ पुलिस गाड़ी पर से राधव को उतार लेने को टुट पड़ी लेकिन बड़े ही नाटकीय ढंग से पुलिस वहां से निकल गई।
इस बीच ने स्कूल के बाहर खड़ी सेवरलेट कार को कब्जे में ले पहले कार में जमकर तोड़फोड़ किया फिर कार को गड्डे में पलटा फिर बीच सड़क पर ला आग के हवाले कर दिया। कुछ ही मिनटों में कार धू-धू कर जलने लगी। सड़क के दोनों ओर जाम लग गई।

एक दिन पहले भी एक शातिर पहुंचा था स्कूल -
शुक्रवार से एक दिन पहले तीन शातिर में एक शातिर राधव एक दिन पहले भी विद्यालय पहुंच अपने आप को बड़े अधिकारी बता धौंस जमाने का प्रयास किया था उस वक्त विद्यालय के एक शिक्षक सह पंचायत मुखिया प्रतिनिधि फिरोज आलम ने समझा बुझाकर उसे विद्यालय से निकाल दिया था। शुक्रवार को जब पुनः स्कूल पहुंच तो मामला रंग पकड़ लिया।
क्या बोली डीएसपी -
इस संबंध में सिमरी बख्तियारपुर डीएसपी मृदुला कुमारी ने बताया कि तीनों शातिर मनबढू किस्म के व्यक्ति हैं आज अगर समय पर पुलिस सजग नहीं होती तो भीड़ कुछ भी बड़ी घटना को अंजाम दे सकती थी। चुंकि अफवाह की वजह से ग्रामीण आक्रोशित थे लेकिन बख्तियारपुर एवं सोनवर्षा थानाध्यक्ष की सुझ बूझ से बड़ी घटना को टाला जा सका है। एचएम के लिखित आवेदन पर मामला दर्ज कर पुलिस कार्रवाई कर रही है।

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