सोमवार, 7 जनवरी 2019

नवजात बच्चे को झाड़ी में फेंका, दुसरी माँ ने आँचल में लगाया


बख्तियारपुर थाना के महखड़ पंचयात के पनपीबी टोला का मामला
कोशी बिहार टुडे, सहरसा

जाके राखे साइयां, मार सके न कोय.. यह कहावत सिमरी बख्तियारपुर में रविवार को चरितार्थ हुई। रविवार को जहां एक ओर मानवता को शर्मशार करते हुए एक निर्दयी मां ने अपने नवजात बच्ची को जन्म के बाद बांस के झाड़ियों में लावारिश हालत में फेंक दिया तो वहीं दूसरी ओर एक मां ने लावारिश नवजात बच्ची को गले लगाकर मां की ममता का आंचल दे उसकी जान बचाई है। इतना ही नही अब वो हमेशा के लिए बच्ची को अपनाना भी चाहती है और भरपूर माँ की ममता के आंचल में रखना चाहती है.
क्या है मामला---
 बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के महखड़ पंचायत के जहां  पनपीबी गांव में रविवार की सुबह  नहर किनारे बांस की झाड़ियों में कंपकंपाती ठंड में एक नवजात बच्ची फेकी पाई गई। बच्ची की रोने की आवाज  देखने स्थानीय ग्रामीण पहुचे एव बच्ची की सुनी। इस दौरान लोगो की भीड़ लग गई। इसी दौरान गांव की ही वार्ड संख्या आठ निवासी मुरारी साह की पत्नी मीरा देवी की ममता उस बच्ची पर आ गई और वो उस बच्ची को उठाकर अपने पास रख ली और उसकी देखभाल करने लगी। जहा लोग बच्चे को आँचल देने वाली मा की तारीफ हो रही है वही लोग उस निर्दयी मा को गाली दे रहा है। एक ने ममता को अपने सीने से दूर किया, तो दूसरी ने आँचल दिया। 
बच्चे फेंके नही बल्कि पालना घर मे रखे----

अनुमंडलीय अस्पताल में मुख्य गेट पर पालना घर है। कोई भी लावारिस बच्चे हो तो झाड़ियां में फेंके नही बल्कि इस पालना घर मे चुपचाप रख दे। रखने वाला का नाम पूर्णतः गोपनीय रहेगा एव बच्चे का पालन अस्पताल करेगा। उस निर्दयी माँ से अनुरोध है कि बच्चे को अस्पताल के पालना घर मे रख कर एक उपकार जरूर कर दे। अस्पताल में पालना घर को लगभग लगे चार महीने से ज्यादा समय हो गया, लेकिन अभी तक एक भी बच्चा उक्त पालना घर मे नही आया है। अस्पताल प्रसाशन ने लोगो से अपील किया है कि इस तरह के लावारिस बच्चे को पालना घर मे रख दे।

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