शुक्रवार, 19 अप्रैल 2019

खगड़िया-कुशेश्वरस्थान रेलमार्ग कार्य मे आयेगी तेजी, खगड़िया एव कुशेश्वरस्थान का जल्दी होगा मिलन: कैसर

इस रेलमार्ग के चालू हो जाने से कोसी दियारा के लोगो को लौटेंगे अच्छे दिन, रोजगार बढ़ेंगे, किसान के फसल का वाजिब दाम भी मिलेगा
लोजपा सुप्रीमो रामबिलास पासवान में वर्ष 1998 में इस रेलमार्ग का रखा था आधारशिला
कोशी बिहार टुडे, सहरसा

केंद्रीय मंत्री एवं लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान का गांव शहरबन्नी को रेल के माध्यम से जिला मुख्यालय एवं महादेव की नगरी कुशेश्वर स्थान से जोड़ने का सपना दो दशक में भी पूरा नहीं हो सका है। लेकिन अब इस कार्य मे तेजी आयेगी। खगड़िया के निवर्तमाम सासंद सह एनडीए उम्मीदवार चौधरी महबूब अली कैसर इस महत्वपूर्ण खगरिया-कुशेश्वरस्थान रेलमार्ग को जल्दी से पूरा करने के लिये रेलमंत्री से मिल चुका था, हालांकि इस कार्य मे तेजी भी आया।  लोजपा सुप्रीमो ने अपने रेल मंत्रित्व काल में (वर्ष 1998) जिला मुख्यालय को अपने गृह पंचायत शहरबन्नी व फरकिया के रास्ते मिथिलांचल के प्रसिद्ध तीर्थस्थान कुशेश्वर स्थान तक रेलगाड़ी चलाने की कार्य योजना का शुभारंभ किया था।

खगड़िया से कुशेश्वर स्थान लगभग 42 किलोमीटर है। लेकिन कार्य मे बिलंब होने के कारण  कार्य बीते 18 वर्षों में 18 किलोमीटर का सफर भी तय नहीं कर सका है। खगड़िया-कुशेश्वर स्थान रेल परियोजना में आठ स्टेशन का प्रावधान है। जिसमें खगड़िया से पाचवें स्टेशन के रुप में लोजपा सुप्रीमो का गृह पंचायत शहरबन्नी स्टेशन है। खगड़िया- कुशेश्वर स्थान रेल परियोजना की विधिवत शुरुआत वर्ष 2002 में 2 करोड़ की राशि से की गई थी। उस समय इस परियोजना की लागत 162 करोड़ आंका गया था। रेल परियोजना पूरा करने का लक्ष्य वर्ष 2007 रखा गया था। 162 करोड़ की लागत से पूरी होने वाली इस रेल परियोजना की लागत बढ़कर 562 करोड़ रुपए हो चुकी है। जबकि खगड़िया से कामाथान 14 किलोमीटर तक ही रेल लाइन बिछाने का कार्य पूरा हो सका है। खगड़िया से कामाथान के बीच 6.60 किलोमीटर पर विशनपुर स्टेशन है। जबकि कामाथान से आगे अलौली स्टेशन है। कामाथान 14वें किलोमीटर से अलौली स्टेशन 18.542 किलोमीटर के हिस्से में मिट्टी का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। कामाथान से अलौली के बीच नौ पुल- पुलिया का निर्माण किया जाना है। जिसमें एक बड़ा पुल व चार आरयूबी (रोड अंडर ब्रिज) का कार्य शुरु भी नहीं हो सका है। अलौली स्टेशन से आगे परियोजना की अत्यंत ही दयनीय स्थिति है। अलौली स्टेशन के आगे चेराखेरा स्टेशन तक मिट्टी का कार्य भी 50 प्रतिशत ही हो सका है। जबकि पुल-पुलिया निर्माण का अता-पता भी नहीं है। सोनपुर मंडल के सीनियर डीसीएम अखिलेश पांडे ने स्वीकार किया कि परियोजना में विलंब हुआ है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि परियोजना की गति तेज होगी।साभार-दैनिक जागरण

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