रविवार, 14 अप्रैल 2019

आरजेडी के बागी हुए अली अशरफ फातमी, महागठबंधन में बढ़ी मुश्किल


पार्टी 18 तक करे निर्णय, नही तो लड़ेंगे निर्दलीय चुनाव
कोशी बिहार टुडे, सहरसा

आरजेडी के पूर्व सांसद और केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी ने  एक बार फिर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने पार्टी पर ज्यादाती करने और नाइंसाफी का आरोप लगाया और कहा कि तीस साल के अपने पुराने सिपाही का ही टिकट काट दिया। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी ने 18 अप्रैल तक कोई फैसला नहीं लिया तो मैं पार्टी छोड़ दूंगा और मधुबनी से निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा।
फातमी ने कहा कि राजद का मैं एक बड़ा मुस्लिम चेहरा माना जाता हूं। मुझे आश्वासन दिया गया था, जिस कारण मैं मधुबनी में पिछले छह महीने से लगा हुआ था, लेकिन  किनकी साज़िश से मेरी टिकट कट गई, ये मुझे पता नहीं।
उन्होंने आरजेडी के दरभंगा से वर्तमान प्रत्याशी अब्दुल बारी सिद्दीकी पर निशाना साधते हुए कहा कि अंतिम समय में मेरा टिकट काटा गया और जिसे टिकट मिला उसका कोई राजनीतिक वजूद नहीं है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने साफ किया कि कि अगर 18 अप्रैल तक कोई फैसला नहीं लिया गया तो पार्टी छोड़ देंगे और मधुबनी से चुनाव लड़ेंगे। फातमी ने यह भी साफ किया कि अगर शकील अहमद को कांग्रेस मधुबनी से अपना प्रत्याशी घोषित करती है तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। लेकिन अगर शकील अहमद निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे तो वह भी चुनाव लड़ेंगे।
बता दें कि अली अशरफ फातमी ने पहले जनता दल और बाद में आरजेडी के टिकट पर यहां से 4 बार 1991, 1996, 1998 और 2004 में चुनाव जीता। 1999 में पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद यहां से मैदान में उतरे और जीतकर लोकसभा की सदस्यता हासिल की।
लेकिन 2004 में आरजेडी के टिकट पर फिर मोहम्मद अली अशरफ फातमी ने यहां से जनादेश हासिल किया। हालांकि 2009 और 2014 में वह हार गए थे। शायद यही वजह रही कि उनका टिकट कट गया। लेकिन यह जरूर है कि वे जनाधार वाले नेता है ऐसे में अगर वे बागी होते हैं तो महागठबंधन की राह दरभंगा और मधुबनी दोनों जगर मुश्किल हो जाएगी। इनपुट-न्यूज़ 18

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