पिता को है कैंसर, माँ बन गयी है बाप-बेटे के जान के दुश्मन
कहलगांव के मनोज मित्रा के बेटे कृष राज ने प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को लिखी चिट्ठी।
कोशी बिहार टुडे, सहरसा
मैं खुद की जिंदगी से तंग आ गया हूं। मुझ भी शौक था कि मैं आम बच्चों की तरह जीयूं, पढूं। बचपन का आनंद ले सकूं। लेकिन महज 14 साल की उम्र में जिंदगी के हर दुख को झेल लिया। अब कैंसर से पीड़ित पिता को मरते नहीं देखना चाहता हूं। इससे पहले मैं खुद मरना चाहता हूं। घुट-घुटकर कर जी रहा हूं।
बस पापा को मरते नहीं देखना चाहता, क्योंकि मां का प्यार कभी मिला ही नहीं। मां के होते अनाथ की तरह मां के लिए तड़पा हूं। जन्म देकर महज चार माह की उम्र में आगे पढ़ने व खुद की तरक्की के लिए मां ने मुझे दादा-दादी के घर भेज दिया। मां को पिता ने खूब पढ़ाया, काबिल बनाया। खून-पसीना बहाकर खूब कमाया। भूखे-प्यासे रहकर पिता ने मशीन की तरह काम किया। लेकिन 14 साल के बाद जब मां की नौकरी 2011 में बैंक में पीओ पद पर लग गई तो खुशी हुई कि अब सब कुछ ठीक हो जाएगा। लेकिन इसके बाद भी वह प्यार देने के बजाय नफरत करने लगी।
यातना देने लगी...। अब अगर मेरे साथ कुछ होता है या मैं आत्महत्या करता हूं तो इसकी जिम्मेदार केवल मेरी मां होगी। उसके कारण मेरा जीना बहुत मुश्किल हो गया है। मैं जहां भी जाता हूं वहां आकर वह मुझे और मेरे पापा को परेशान करती हैं। घर, स्कूल, दोस्तों के बीच, पापा के ऑफिस...हर जगह पहुंचकर बदसलूकी करती हैं। मुझसे यह सब बर्दाश्त नहीं होता है। अब मैं अपनी इच्छा से मरना चाहता हूं...मुझे इच्छा मृत्यु चाहिए...।
आयोग ने डीएम से जांच कर मांगी रिपोर्ट
यह चिट्ठी कहलगांव एनटीपीसी निवासी मनोज कुमार मित्रा के 14 वर्षीय नाबालिग बेटे कृषराज मित्रा ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को लिखी है। प्रधानमंत्री, बिहार व झारखंड के मुख्यमंत्री को भी इसकी प्रति भेजी है। आयोग ने इस पर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी को कहा है कि पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट आयोग को भेजी जाए। आयोग ने कुछ जरूरी दस्तावेज भी मांगे हैं। इनमें नाबालिग का उम्र प्रमाण पत्र, नाबालिग की वर्तमान स्थिति, पुलिस की ओर से इस मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। नाबालिग को परामर्श सेवा मुहैया करने के लिए भी कहा है।
आयोग ने कहा, बच्चे को डर है कि संपत्ति के लिए मां जान से मरवा सकती है
आयोग के वरिष्ठ परामर्शदाता रमण कुमार गौड़ की ओर से डीएम को पत्र भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि 27 मार्च, 2019 को दिल्ली महिला आयोग की ओर से प्राप्त शिकायत पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम व किशोर न्याय अधिनियम के तहत इसपर संज्ञान लिया गया है।
मनोज कुमार मित्रा का 14 वर्षीय नाबालिग बेटा कृषराज मित्रा कहलगांव के एनटीपीसी पीटीएस बी-73 में रहता है। 18 मई, 2017 को बच्चे को उसकी मां सुजाता कुमारी ने बहुत पीटा और चाकू से उसके पिता के हाथ व छाती काट दिए। मां उसके स्कूल में आकर उल्टा-सीधा बोलती है, जिससे नाबालिग के सहपाठी उसका मजाक उड़ाते हैं व ताना देते हैं। इससे उसकी पढ़ाई खराब हो गई।
बच्चे के पिता को कैंसर है और प्रतिदिन बच्चे की मां उसका और उसके घरवालों को मानसिक व शारीरिक यातनाएं दे रही हैं। इससे बच्चे के पिता की तबियत और खराब हो रही है। नाबालिग ने परेशान होकर इच्छा मृत्यु की मांग की है। बच्चे को डर है कि पिता की संपत्ति के लिए उसकी मां और उसे व घरवालों को जान से मरवा सकती है।
साभार- दैनिकभास्कर
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