सोमवार, 13 मई 2019

नामांकित बच्चे 724, उपस्थित एक भी नही, हाल बनमा इटहरी प्रखंड के मध्य विद्यालय परसबन्नी का


विदयालय बना गोशाला, अनिवार्य शिक्षा एक मजाक बनकर रह गया
कोशी बिहार टुडे, सहरसा

शिक्षक बच्चों को पढ़ाने में रुचि नही लेते है, मनमाना तरीके से स्कूल का संचालन होता है। अनिवार्य शिक्षा तो ग्रामीण क्षेत्र में एक मजाक बनकर रह गया है। कुछ विदयालय का दौरा किया गया तो पढिये क्या हुआ...
सहरसा जिले के बनमा इटहरी प्रखंड के मध्य विद्यालय परसबन्नी में 15 शिक्षक में एक भी उपस्थित नही मिला। सोमवार को विदयालय में लगभग साढ़े 8 बजे कुछ शिक्षक तो नजर आया, लेकिन छात्र पूरे स्कूल में कही भी नजर नही आया। 
724 में एक भी बच्चे मोजूद नही---
विदयालय के दोपहर के भोजन वेवसाइट के अनुसार विदयालय में 3 अप्रैल से कोई अपडेट नही है। 1 अप्रैल को 211 बच्चे उपस्थित एव उतने ही खिचड़ी खाने का रिपोर्ट है। 2 अप्रैल को 724 में से 11 बच्चे उपस्थित एव 5 बच्चे वेनिफिसरी बता रहा है। एचएम शोभा कुमारी के अनुसार विदयालय में 424 बच्चे नामांकित है। एक भी बच्चे के उपस्थित नही रहने के बाबत कुछ नही बोली। 
      विदयालय में कुल 15 शिक्षक प्रतिनियोजित है। जिसमे नूतन कुमारी, लीला कुमारी एव संजय कुमार बिना सूचना के अनुपस्थित थे।
एनपीएस शर्मा टोला परसबन्नी---
मध्य विद्यालय परसबन्नी के प्रांगण में ही एक एनपीएस एव तालीमी मरकज है। दोनों को मिलाकर मात्र 11 बच्चे  ही उपस्थित थे। इस विदयालय के प्रभारी एचएम संजू कुमारी के बारे में बताई की वे विशेषा अवकाश में है। दूसरी शिक्षिका प्रतिमा कुमारी तो थी, लेकिन बच्चे नही के बराबर था। उसी स्कूल में तालीमी मरकज भी है जिनका शिक्षिका राहत परवीन उपस्थित थे। एनपीएस शर्मा टोला परसबन्नी के दोपहर भोजन के वेवसाइट पर शनिवार को नामांकित 308 बच्चे में से 91 बच्चे की उपस्थिति एव इतने बच्चे ही खिचड़ी खाते दिखा रहा है। जवकि विदयालय में तालीमी मरकज एव विदयालय के बच्चे मिलाकर कूल 11 था।

एनपीएस परसबन्नी दक्षिण टोला---
इस विदयालय में प्रभारी एचएम अभय कुमार उपस्थित थे। दो शिक्षक विजय कुमार एव रवि कुमार बिना सूचना के अनुपस्थित थे। मात्र तीन बच्चे ही मोजूद थे। विदयालय के एचएम ने बताया कि  195 बच्चे नामांकित है। जबकि दोपहर के भोजन वेबसाइट पर नामांकित बच्चे 245 है। शनिवार को 135 बच्चे के खिचड़ी खाने का उपस्थिति दर्ज है। 
क्या कहते है डीपीओ--
डीपीओ मनोज कुमार ने बताया कि मध्य विद्यालय परसबन्नी की शिकायते कौरव में भी मिलती रहती थी।  उक्त विदयालय के खिलाफ पूर्व में भी शिक्षक के गायब रहने, खिचड़ी नही बनने सहित शिक्षा व्यवस्था ठीक नही रहने की जानकारी मिला है। ग्रामीण क्षेत्र के विदयालय से लचर पढ़ाई रहती है। विभाग जांच करता है पकड़ाने पर करवाई भी होती है।

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