शुक्रवार, 17 मई 2019

सरकार से मिला खाद्यान भी बेचकर पी जाता है शराब, साग-रोटी खाकर तोड़ती है अपना रोजा
सहरसा जिला के बनमा ओपी क्षेत्र की एक महिला अपने चार बच्चे के साथ पति के खिलाफ पहुची थाना
कोशी बिहार टुडे, सहरसा

मुसलमानों के लिये रमजान का महीना बहुत पवित्र होता है। हर मुश्लिम भाई इस महीने पूरे दिन रोजा रखकर अल्लाह का इबादत करता है। लेकिन अगर इस पवित्र महीने में कोई पति अपने पत्नी पर जोर-जुल्म करता है तो फिर क्या कहा जाये।
गुरूवार को बनमा ईटहरी ओपी में ओपी पुलिस के पास इसी तरह का एक मामला सामने आया है। चार अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ एक रोजेदार महिला चिलचिलाती धूप में फरियाद लेकर ओपी पुलिस के पास अपने घर से  5 किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर पहुची। पुलिस को पति का ज्यादती सुनाई तो हर कोई दंग रह गया।  पुलिस ने  कार्रवाई का आश्वासन देकर उससे आवेदन लेकर मामले की छानबीन करने में जुट गए।
      सहुरिया पंचायत के अम्बाडीह गांव की रहने वाली महिला शबाना खातून  गुरूवार को अपने छोटे-छोटे दूधमुंहा चार बच्चे मो अरबाज (9), आशिया खातून (8), सगूफा खातून (6) तथा हबीबा खातून (3) के साथ बनमा ओपी पहुंची। जो रोजा रखे हुए थी।  अपनी दर्द   ओपी पुलिस को सुनाते हुए कही कि हुजूर मेरे पति का नाम अब्दुल सत्तार उर्फ मिंटू है। जो शराबी है। पूरे दिनभर इधर-उधर घर से बाहर रहता है, और पीते-खाते रहता है। जब भी वे घर आता है तो नशे में धूत रहता है। घर आने के बाद हमें तथा बच्चों को को मारते पीटते रहता है। बिना किसी वजह के अन्य दिनों की भांति आज गुरूवार की सुबह भी मेरे साथ मारपीट किया। इतना ही नहीं मारते मारते कपड़ा भी फाड़ दिया। मेरे साथ मेरे बच्चे को भी मारा। महिला  ने कही हुजूर हम रोजा में हैं। पति रोजा भी नहीं रहता है और पूरे दिन नशे में  रहता है। उसकी संगत भी बुरे लोगों से है। घर की माली हालत इतनी खराब है कि   घर में रखा गेंहू हो या अन्य कोई अनाज उसे भी बेचकर वे दारू-तारी पी लेता है। इतना ही नहीं घर में रखा पंखा,  गैस सिलेंडर, एव  वर्तन भी पीने की चक्कर में बेच दिया। यहां तक कि डीलर के यहां से मिले कोटा वाला अनाज तक के लिए मोहताज कर देता है। कोटा की अनाज तक को शराब पीने में   बेच देता है। जबकि उसके नहीं कमाने से व उसके द्वारा घर में पैसा नहीं दिये जाने से एक-एक पैसे के लिए हमलोग मोहताज  हैं। कोटा से मिले अनाज से ही अपना व बच्चों का पालन-पोषण किसी तरह से कर रहे  हैं। घर में सास नहीं और ससूर बाहर रहते हैं। वहीं गोतनी है तो उसकी भी एक नहीं चलने देता है। कुछ भी बोलने पर उसे भी गाली-ग्लोज कर देता है।
पंचायत से भी नहीं मिला फैसला :-
शबाना ने रोते हुए कहती है हुजूर इस मामले को लेकर कई बार टोले में सरपंच के समक्ष पंचायत भी किया। लेकिन न्याय नहीं मिल सका। पंचायत में पति के द्वारा पारिवारिक बात बता उसके फैसला से इंकार कर दिया जाता है। कहता है यह हमारे पति-पत्नी के बीच का मामला है। अब पंच भी पंचयात नही करता है।
कोटे के अनाज से करते हैं भ्रण-पोषण :-
शबाना कहती है पति न तो कमाता है और न ही वे अपनी कमाई घर में देता है। उलटे घर का अनाज वगैरह ही बैच कर वे दारू-ताड़ी पी लेता है। घर में कमाई का कोई श्रौत ही नहीं है। डीलर के यहां से कोटे से मिले अनाज से ही पूरे माह अपना तथा बच्चों का पेट पालते हैं। फेनसाहा के रहने वाले मामू हमे मदद करते है।
साग रोटी खा कर रोजा तोड़ते हैं---
शबाना ने सबसे दर्द भरी यह बात पुलिस को बताई कि हुजूर जहां लोग तरह-तरह के अन्य खाते हैं वहीं हमारी इतनी माली हालत है कि साग-रोटी खा कर रोजा तोड़ते हैं। ऐसा दिन शराबी पति के कारण देखने को मिल रहा है।
कहते हैं ओपी प्रभारी :-
ओपी प्रभारी रूदल कुमार ने बताया कि प्राप्त आवेदन पर मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।

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