शुक्रवार, 24 मई 2019

कैसर ने डुबाई महागठबंधन की नाव, रिकार्ड मत से दर्ज किया जीत


मोदी का मंत्र, सबका साथ, सबका विकास को बढ़ाना होगा आगे
कोशी बिहार टुडे, सहरसा

मोदी लहर में एक बार फिर एनडीए के लोजपा प्रत्याशी चौधरी महबूब अली कैसर बाजी मार गये। कड़े मुकाबले में श्री कैसर ने महागठबंधन के वीआईपी उम्मीदवार मुकेश सहनी को एकतरफा मुकाबले में 2 लाख 48 हजार 570 मतों से हराकर अपने सिर पर जीत का सेहरा बांधा।  चौधरी महबूब अली कैसर को 5 लाख 10 हजार 193 मत प्राप्त हुआ। वहीं मुकेश सहनी को 2 लाख 61 हजार 623 मत मिला। वहीं निर्दलीय प्रत्याशी प्रियदर्शी दिनकर को 51 हजार 847 मत मिला। साथ ही नोटा में 7596 मत पड़ा।

चौधरी महबूब अली कैसर वर्ष 2014 में राजद की कृष्णा यादव को भी 76 हजार मतों के अन्तर से हराया था। मतदाताओं के बीच भारी विरोध के बावजूद खगड़िया से लोजपा की जीत का विश्लेषक कई कारण मानते हैं। जानकार मानते हैं कि खगड़िया में कैसर की जीत का प्रमुख फैक्टर मोदी लहर रहा। माय समीकरण में दरार, अल्पसंख्यक वोटों में सेंधमारी, मतदान के पूर्व गठबंधन में व्याप्त अंतर्कलह व भीतरघात से निपटना भी एनडीए की जीत के मार्ग को प्रशस्त किया। लोजपा प्रत्याशी कैसर का शालीन व्यक्तित्व व  मतदाताओं की नाराजगी को स्वीकार कर माफी मांगना भी एनडीए की जीत को आसान कर दिया। इसी तरह चुनाव विश्लेषक वीआईपी प्रत्याशी मुकेश सहनी के हार के कई कारण गिनाते हैं।

इनका मानना है कि माय समीकरण में टूट, पार्टी व प्रत्याशी का जीत का ओवरकॉफिंडेंस, महागठबंधन दलों में अंतर्कलह, वोटरों के नब्ज पकड़ने में विफल रहना, अनुभव की कमी व दूसरे जिले से आकर चुनाव लड़ना भी पराजय का कारण है। बता दें कि खगड़िया लोकसभा क्षेत्र मेंे यादव व मुस्लिम की बड़ी आबादी है। इनका वोट ही हमेशा निर्णायक रहा है। एकजुट होकर जिनके पक्ष में गया है, उसकी जीत होती रही है। महागठबंधन भी माय समीकरण को लेकर जीत का दावा कर रहे थे। लेकिन ऐनवक्त पर दरार पड़ गई और इसका फायदा एनडीए को मिल गया।

यदि महागठबंधन माय समीकरण को मजबूती से एकजुट रख पाते तो एनडीए को इतनी आसानी से जीत नहीं होती।  कहा तो यहां तक जाता है कि कृष्णा यादव को टिकट नहीं मिलने व उन्हें राजद से निष्कासित करने के फैसले से भी  महागठबंधन को नुकसान पहुंचा। कृष्णा व उसके बाहुबली पति रणवीर यादव के समर्थक इस चुनाव में या तो तटस्थ रहे या अंतिम समय में एनडीए के पक्ष में मतदान किया। कृष्णा यादव की नाराजगी का फायदा उसकी बड़ी बहन, रणवीर यादव की पत्नी व जदयू की सदर विधायक पूनम देवी यादव ने उठाया। पूनम देवी यादव ने नाराज मतदाताओं को अपने पक्ष में करने में सफल रही। जीत के बाद लोजपा प्रत्याशी चौधरी महबूब अली कैसर ने कहा कि यह उनकी जीत ऐतिहासिक है।
पूरे संसदीय क्षेत्र में विकास की गति को लगातार बनाये रखने, सामाजिक समरसता कायम रखने व दियारा के विकास के लिए खास काम करना है। उन्होंने कार्यकर्ताओं व जनता की जीत बताई।

नए सांसद के संकल्प---
सहरसा व खगड़िया जिले के लोगों के आवागमन की सुविधा के लिए डेंगराही घाट पर पुल का जल्द निर्माण 
सभी गरीब परिवारों को पक्का घर, बिजली की सुविधा व गैस कनेक्शन पहुंचाना
सभी पंचायतों में हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर की स्थापना करना जिससे सभी को स्वास्थ्य सुविधाएं मिले
किसानों की आय दोगुनी करना, जिससे किसान आर्थिक रूप से मजबूत हो सके
लंबित खगड़िया-कुश्वेश्वर रेल लाईन के अधूरे काम को पूरा शीघ्र करवाकर ट्रेनों का परिचालन शुरू करवाना
कात्यायनी मंदिर जाने के लिए आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराना। आभार- हिंदुस्तान

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