बुधवार, 29 मई 2019

पोस्टमार्टम रूम में जिंदा हो गया युवक, डॉक्टर से लेकर अस्पताल कर्मी तक अचंभित


युवक के शरीर से हरकत देख अस्पताल कर्मी कराया भर्ती, होश आने पर बताया परिवार की जानकारी
कोशी बिहार टुडे, सहरसा

सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर थाने में अपने श्राद्ध के दिन प्रकट होने वाले पंकज कुमार की चर्चा को विराम भी नही हुआ कि इसी तरह की घटना बिहार के मुंगेर में घटित हुआ।
बिहार के मुंगेर में सदर अस्पताल में एक अजीब वाकया घटित हुआ, जिससे लोगों की आंखें फटी की फटी रह गईं। घटना सोमवार की सुबह करीब चार बजे की है जब तीन-चार लोगों ने मिलकर एक बोरे में बंद व्यक्ति को सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में लाकर रख दिया। लोगों ने बताया कि वे लोग सोझी घाट पर थे तभी उन्हें गंगा किनारे के पास एक बंद बोरी दिखी। उन्होंने जब उस बोरी को खोला तो उसमें एक 18 वर्षीय युवक मृतप्राय था।

उन लोगों ने उसे उठाकर सदर अस्पताल पहुंचा दिया ताकि युवक का पोस्टमार्टम हो सके तथा उनके परिजनों को खबर की जा सके। उन्होंने अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के बाहर उस बोरी को रख दी। मंगलवार को जब चिकित्सक रामप्रीत सिंह और पारा मेडिकल स्टाफ सागर कुमार ने उस बोरी को खोला और उसे बाहर निकाला गया तो चिकित्सकों की ध्यान उसके कांपती उंगली पर पड़ी। उन्होंने आनन-फानन में उसे ऑक्सीजन लगाया तथा प्राथमिक उपचार करने लगे। अज्ञात के नाम से उसका इलाज शुरू किया गया। थोड़ी देर बाद जब उसे होश आया तो उसने अपने घर का मोबाइल नंबर बताया।
पोस्टमॉर्टम के पहले शरीर में हरकत
सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम कक्ष में मुर्दा ही नहीं घायल को भी पहुंचा दिया गया। पोस्टमॉर्टम के ठीक पहले उसके शरीर में हरकत हुई तो यह भूल पकड़ी गई। अन्यथा उसकी जिंदा में ही चीर-फाड़ तय थी। पहले एक अस्पताल कर्मी की नजर घायल पर गई। उसकी सांसें चल रही थीं। आनन-फानन में जख्मी को इमरजेंसी वार्ड लाया गया। कुछ देर के इलाज के बाद जख्मी ने अपना पता मोबाइल नंबर भी बताया।
बड़हिया का रहनेवाला है राकेश---
मोबाइल पर बात होने के बाद परिजनों ने बताया कि डुमराव मरांची बड़हिया निवासी स्व. विश्वेश्वर महतो का बेटा राकेश कुमार है। वह करीब तीन दिनों से लापता था। वह गंगा स्नान करने अपने कुछ दोस्तों के साथ गया था, तभी से लापता है। फिलहाल युवक का इलाज सदर अस्पताल मुंगेर में चल रहा है। परिजनों की मानें तो युवक का अपहरण कर किसी ने हत्या की साजिश रची होगी जिसमें वह असफल रहा। आभार-हिन्दुतान

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